अदालत ने शाहपुरचौक को वन-वे करने पर दिया स्टे आर्डर
श्याम लाल, पठानकोट
शाहपुर चौक से मेन बाजार में वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध पर पठानकोट की सिविल जज जूनियर डिविजन राजेन्द्र सिंह की अदालत ने स्टे दे दिया है। मामले की सुनवाई करते हुए जज ने स्पष्ट किया कि उक्त प्रवेश पर यथा स्थिति बहाल रहेगी। राष्ट्रीय चेतना परिषद के सदस्य एवं बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष
एडवोकेट कुलभूषण सिंह मन्हास तथा बार के पूर्व उपाध्यक्ष एडवोकेट राजदीप सिंह ने संयुक्त तौर पर उक्त चौक पर पुलिस की ओर से लगाए गए नाके को अवैध करार देते हुए दावा किया था कि विकल्प का प्रबन्ध किए
बगैर ही शाहपुर चौक से वाहनों के प्रवेश को बंद कर दिया गया है। दायर केस में कहा गया है कि पुलिस तथा प्रशासन ट्रैफिक जाम से शहर को छुटकारा दिलाने के लिए यह कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक जाम अतिक्रमण के कारण हो रहा है। माननीय पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने भी अतिक्रमण हटाने के लिए निर्देश जारी किए हुए हैं, परंतु इस ओर प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया। लोगों को सुविधा के नाम पर रोड को ही वन वे कर दिया गया है। जनवरी 24, 2013 को दायर किए गए केस में याचक वकीलों ने डिप्टी कमिश्नर पठानकोट, एसएसपी पठानकोट, स्टेट आफ पंजाब तथा नगर निगम पठानकोट को पार्टी बनाया था। मामले की सुनवाई कह अपील के साथ ही याचक ने मांग की थी कि पुलिस की ओर से लगाए गए वन-वे पर स्टे देते हुए मामले की अगली सुनवाई की जाए। अदालत में अपना पक्ष पेश करने के लिए पुलिस और डिप्टी कमिश्नर पेश हुए तो एसएसपी ने माना कि उक्त चौक को वन-वे करने के लिए कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया गया है, जबकि डिप्टी कमिश्नर की ओर से प्रस्तुत किए गए रिकार्ड में भी यह कहा गया कि ऐसा कोई लिखित आदेश नहीं है। प्रशासन के जवाब में हालांकि यह गुंजाइश भी रखी गई कि अगर कभी कहीं इस तरह का आदेश (शाहपुर चौक को वन वे करने का ) जारी भी किया गया है तो वह गलत नहीं है। दोनों पक्षों की सुनवाई करते हुए अदालत ने निर्देश दिए कि अगली सुनवाई तक उक्त चौक पर यथास्थिति बनायी रखी जाए। दैनिक जागरण से इस संबंध में बात करते हुए केस दायर करने वाले सीनियर एडवोकेट कुलभूषण सिंह मन्हास ने बताया कि उक्त वन-वे पर अदालत ने स्टे आर्डर दे दिया है। उन्होंने हैरानी व्यक्त की कि स्टे के बावजूद पुलिस ने अपना बैरियर हटाया नहीं। परिणाम स्वरूप लोगों को अदालत के हुक्म के बाद भी रूट बदल कर ही जाना पड़ता है। मन्हास ने कहा कि यह अदालत के हुक्म की अवमानना है। उन्होंने कहा कि अब वह प्रशासन और पुलिस के खिलाफ अदालती अवमानना का केस दायर करेंगे।
बाक्स में लगाने के लिए-
आर्डर मिलने के बाद करेंगे समीक्षा : एसएसपी
पठानकोट के एसएसपी राकेश कौशल से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि अदालत के आदेशों की प्रति अभी तक उन्हें उपलब्ध नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि सारा मामला वैसे भी उनके ध्यान में नहीं है। वह इसकी स्टडी करने के बाद ही अगली कार्रवाई करेंगे।
मेन बाजार के दुकानदार भी वन वे के खिलाफ
मेन बाजार के दुकानदार भी वन-वे के खिलाफ हैं। यह दुकानदार लगातार वन-वे को खत्म करने के लिए आवाज उठाते रहे हैं। उनका कहना है कि प्रशासन ने जिस प्रकार शहर में प्रवेश का विकल्प उपलब्ध करवाया है। उनका कहना है कि इससे बाजार का बिजनेस चौपट हो गया है।
दैनिक जागरण ने उठाया था मुद्दा
मेन बाजार के लोगों की समस्याओं को दैनिक जागरण पिछले लंबे समय से उठा रहा है। अपना विचार प्रस्तुत करते हुए अखबार ने शुरू में ही कहा था कि जब तक प्रशासन लोगों को ठोस वैकल्पिक रास्ता उपलब्ध नहीं करवा दे तब तक शाहपुर चौक को वन-वे करना किसी भी सूरत में उचित नहीं है। बाद में अखबार ने लोगों की इस आवाज को समस्या या समाधान कालम के तहत भी छापा था। स्वयं सेवी संस्था से जुड़े शहर के दोनों वकीलों ने अखबार में प्रकाशित खबरों को पढ़ते हुए मेन बाजार के लोगों से विचार-विमर्श किया। इस विमर्श में ही तय हुआ कि सारा मामला अदालत में ले जाया जाए।
यथास्थिति बहाल करने का मतलब
वन-वे को खत्म करने के लिए अदालत में केस दायर करने वाले एडवोकेट कुलभूषण मन्हास
तथा एडवोकेट राजदीप सिंह ने कहा कि उक्त रोड को वन-वे करने के लिए पुलिस तथा प्रशासन की ओर से कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया गया है। पुलिस अस्थायी तौर पर जरूरत अनुसार तो बैरियर लगा सकती है, परंतु स्थायी तौर पर ऐसा करना कानून के खिलाफ है। चूंकि शाहपुर चौक पर ऐसा कोई आदेश जारी ही नहीं किया गया अतएव अदालत ने यथास्थिति बहाल करने का आदेश जारी कर इस रोड को वन-वे नहीं करने के लिए कह दिया है। मामले की सुनवाई होती रहेगी।