यात्रियों की प्यास बुझा रही परिषद
राज चौधरी, पठानकोट
अर्द्धपहाड़ी क्षेत्र धार से लेकर पठानकोट तक स्थित बस स्टापों पर खड़े यात्रियों के हलक ग्रीष्म ऋतु में सूखने से बचाने का बीड़ा भारत विकास परिषद छतवाल (ब्रांच) ने उठाया है। परिषद यहां 31 पानी की सीमेंट टंकियां बनवा चुकी है। यह फैसला कुछ साल पहले परिषद ने उस समय लिया था, जब सदस्यों का एक शिष्टमंडल भीषण गर्मी में इन बस स्टापों पर लोगों को आने वाली परेशानियों का सर्वे करने निकला था। परिषद सदस्यों ने सर्वे के दौरान पाया कि लोग बस एवं टैंपों के इंतजार में घंटों सड़कों पर खड़े रहते हैं तथा उन्हें इस दौरान प्यास लगने की सूरत में पीने योग्य पानी के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। इसी दौरान परिषद के सदस्यों ने इस योजना पर कार्य शुरू किया तथा बस स्टापों के साथ-साथ मुख्य मार्गो पर पानी की टंकियां रखवाई।
भारत विकास परिषद छतवाल ब्रांच की शाखा के प्रयास से ही आज अर्द्धपहाड़ी क्षेत्र धार से लेकर पठानकोट तक 31 सीमेंट की टंकियां लगाई जा चुकी हैं। यह बात वीरवार को भारत विकास परिषद छतवाल ब्रांच के फाउंडर मैंबर तथा भारत विकास परिषद (नार्थ) के प्रांतीय अध्यक्ष सुशील शर्मा ने कही। बतौर प्रिंसिपल कार्य करने वाले शर्मा वर्ष 1996 में परिषद से जुड़े थे तथा अब तक दर्जनों सेवा एवं संस्कार के लिए शुरू प्रकल्पों का हिस्सा बनकर उसे सिरे चढ़ा चुके हैं। छतवाल ब्रांच का सबसे बड़ा कार्य डिफेंस रोड पठानकोट पर निर्धन परिवारों के बच्चों के लिए पूरी तरह से चलाया जा रहा नि:शुल्क स्कूल है। भारत विकास भवन पठानकोट में चल रहे इस स्कूल में अभी तक अनुमानित 38 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जिन्हें परिषद की ओर से ही शिक्षा सामग्री तक दी जाती है।
सुशील शर्मा तथा उनकी परिषद के साथियों को ही परिषद के नेतृत्व में काम करते हुए जिला को विकलांग मुक्त बनाने का श्रेय भी जाता है। सुशील शर्मा बताते हैं कि प्रांत में अभी तक उनकी परिषद 50 हजार से अधिक लोगों को कृत्रिम अंग लगा चुकी है तथा गत वर्ष ग्रामीण समागम समारोह आयोजित कर जिला के समस्त ऐसे विकलांग व्यक्तियों को कृत्रिम अंग लगाए गए थे जोकि अपाहिज थे। सुशील शर्मा बताते हैं कि परिषद के साथ जुड़ कर और कार्य कर उन्होंने अपने दायित्व का निर्वाह किया है।
साल 2013 की योजना पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि जिला में अभी भी जिन स्थानों पर पीने योग्य पानी की कमी है, वहां पर 11 पानी की टंकियां लगवाई जाएंगी। इसके अतिरिक्त परिषद की ओर से जिला पठानकोट में विभिन्न स्थानों पर निर्धन बच्चों की नि:शुल्क कोचिंग कक्षाएं शुरू की जाएंगी।
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