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नौनिहालों की वर्दी नहीं रोक पा रही सर्दी

दर्शन ¨सह,फिरोजपुर छह डिग्री से कम तापमान में ठिठुर रह बच्चे। उनकी वर्दी भी ठंड नहीं

By Edited By: Published: Sat, 21 Jan 2017 02:59 AM (IST)Updated: Sat, 21 Jan 2017 02:59 AM (IST)
नौनिहालों की वर्दी नहीं रोक पा रही सर्दी
नौनिहालों की वर्दी नहीं रोक पा रही सर्दी

दर्शन ¨सह,फिरोजपुर

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छह डिग्री से कम तापमान में ठिठुर रह बच्चे। उनकी वर्दी भी ठंड नहीं रोक पा रही। इसके बावजूद भी जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग स्कूलों में छुट्टी करने को लेकर गंभीर दिखाई नहीं दे रहा। जिला शिक्षा अधिकारी इस मामले में जिला प्रशासन ता अधिकार बताकर पल्ला झाड़ रहे हैं। मौसम विभाग की माने तो धूप निकलने के बावजूद सर्दी का कहर जारी रहेगा। इसके बावजूद नौनिहालों को मजबूरन स्कूल जाना पड़ रहा है । ऐसी हालत में अगर बच्चे ठंड का शिकार हो जाते हैं तो जिम्मेदार कौन होगा? अभिभावक या फिर शिक्षा विभाग।

वीरवार को जहां दिन का तापमान 5 डिग्री से कम आंका गया, वहीं शुक्रवार को छह डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जबकि अधिकतम तापमान 16 डिग्री रहा। इतने कम तापमान में जहां लोग अलाव की मदद लेते नजर आए वहीं मासूम स्कूल जाने को मजबूर रहे।

स्कूल टाइ¨मग के समय में बदलाव की बात करें तो शिक्षा विभाग के पास ये अधिकार नहीं है। उन्हें इंतजार है कि उच्च अधिकारी कब आदेश देंगे और समय बदल कर बच्चों को राहत दी जा सके। हैरानी वाली बात यह प्राईवेट स्कूल भी बच्चों की सेहत बिगड़ने को नजरंदाज कर रहे ऐसे स्कूलों के प्रबंधक भी स्कूलों के समय में बदलाव नहीं कर रहे हैं।

समय में बदलाव या छुट्टियां डीसी के अधिकार में :डीईओ

जिला शिक्षा अधिकारी प्राइमरी सुरेश कुमार अरोड़ा ने स्वीकार किया कि बढ़ती ठंड के चलते स्कूलों के समय में बदलाव करना जरूरी है, मगर यह अधिकार उनके हाथ में नहीं है। डीसी साहब के आदेश पर ही स्कूल का समय बदला जा सकता है। अधिकारी ने यह भी कहा कि जिस तरह मौसम चल रहा है उस हिसाब से समय में बदलाव जरूरी है। अगर श्री मुक्तसर के डीसी वहां के प्राइमरी स्कूलों के समय में बदलाव कर सकते तो फिरोजपुर के स्कूलों में ऐसा होना चाहिए। वहीं इस संबंध में डिप्टी कमिश्नर बल¨वदर ¨सह धालीवाल से फोन पर संपर्क नही हो सका ।

नहीं है अलाव जलाने की व्यवस्था

नगर कौंसिल द्वारा कड़ाके की ठंड में अभी तक अलाव जलाने की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही। कौंसिल अधिकारियों का इस मामले में कहना है कि जब हमारे पास कोई अलाव जलाने की मांग लेकर नहीं आएगा तो हम अलाव कैसे जलवाएंगे। कौंसिल के एक्ट 1976 के अनुसार इस प्रकार के माहौल व मौसम में नागरिकों की सेहत का ख्याल रखते हुए कौंसिल के पास अधिकार होता है कि अलाव जलाने व अन्य प्रकार के प्रबंध करे । लेकिन इसके बावजूद कौंसिल अधिकारी इस दिशा की तरफ गंभीर नहीं है।


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