जलाया जा रहा धरती का सीना,रोक सको तो रोको
-लोग हुए बदहाल , सांस लेना भी हुआ मुश्किल - प्रशासनिक अधिकारी बेपरवाह ,कुछ बीमार तो
-लोग हुए बदहाल , सांस लेना भी हुआ मुश्किल
- प्रशासनिक अधिकारी बेपरवाह ,कुछ बीमार तो कुछ बने अनजान
- धान की फसल के अवशेष खेतों में जला अन्नदाता अपने ही खेतों की दुश्मन बने
-जलती पराली से निकलने वाला धुंआ दमे व आंखों की बीमारी का कारण: सिविल सज़न
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दर्शन ¨सह,फिरोजपुर
खेतों में पराली जलाने को लेकर सख्त हुई नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों की सख्ती से पालना करवाने में फिरोजपुर प्रशासन पूरी तरह असफल साबित हो रहा है । स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि खुलेआम धरती का सीना जलाया जा रहा है .लेकिन उसे जलने से रोकने में प्रशासनिक अधिकारी विफल साबित हो रहे है ।किसानों की ओर से सभी नियम कानूनों को धता बताकर खेतों में जलाई जा रही पराली के चलते फिरोजपुर में शाम होते ही स्माग फैल जाती है । यह हालात सोमवार की शाम और बदहाल हो गए जब फैले स्माग के चलते शहरवासियों का सांस लेना मुश्किल हो गया । लोगों की आंखें जलने लगी, बुजु़गों व बच्चों को सांस लेना मुश्किल हो गया ।
प्रशासनिक अधिकारी की बेपरवाही की बात करें तो रविवार को शहर के निकट खेतों में जल रही पराली से निकलने वाले धुएं ने समय से पहले ही दिन को शाम में बदल दिया था । विभिन्न जगहों खासकर फिरोजपुर शहर स्थित रखड़ी रोड पर स्थित जिला मंडी बोर्ड आफिस के निकट पड़ते खेतों में जलाई गई पराली के निकलने वाले धुएं ने वातावारण का माहौल की बदलकर रख दिया । शहर व आसपास किलोमीटरों के हिसाब में पड़ते इलाकों में अंधेरा छा गया । इस स्थिति को देखकर भी प्रशासनिक अधिकारी मूक बने तमाशा देखते रहे है।
--- अपने ही खेतों के दुश्मन बने अन्नदाता ---
संस्थाओं के पदाधिकारियों की माने तो उनका कहना है कि हर साल पराली को आग लगाकर अन्नदाता अपने खेतों से खुद ही दुश्मन बने हुए है क्योंकि धरती का सीना जलाकर वह जमीन की ऊपजाऊ शक्ति बढ़ाने वाले कीट मित्रों को नष्ट कर देते है और यहीं कारण है कि बीते सालों से खादों की जरूरत बढ़ी है ।
- --पराली जलाने वाले किसी भी किसान के खिलाफ नही हुई कार्यवाई---
जिला मजिस्ट्रेट फिरोजपुर रामवीर की तरफ से पराली को आग न लगाने के आदेश तो किसानों के लिए जारी कर दिए ,लेकिन उसका पालन करवाने वाले किसी विभाग के अधिकारियों ने संजीदगी नही दिखाई । स्थिति का अंदाजा पुलिस विभाग के अधिकारियों से लगाया जा सकता है क्योंकि फिरोजपुर जिले के किसी भी थाने में पराली जलाने वाले किसी भी किसान के खिलाफ कार्यवाई नही की । एसपी डी अजमेर ¨सह बाठ से पूछे जाने पर उन्होंने इतना कहा कि इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी नही है । वह पता करके बता सकते हैं । दूसरी तरफ डीसी से बात करने की कोशिश की गई तो पता चला कि वह बीमार हैं और उनका फोन स्विच आफ आ रहा था एडीसी वनीत कुमार से फोन पर संपक़ करने की कोशिश की गई तो पता चला कि वह भी आऊट आफ स्टेशन हैं ।
---जलती पराली से निकलने वाला धुंआ दमे व आंखों की बीमारियों की पैदाइश- सिविल सज़न --
सिविल सजन गुर¨मदर ¨सह से पूछे जाने पर उन्होंने कहा किसानों की मनमानी लोगों के लिए बीमारियों का कारण बन रही है ,पराली को वह खेतों में जला रहे है उससे उनका नुकसान हो ही रहा है साथ ही निकलने वाले धुएं से दमे व आंखों की बीमारियों बढ़ रही है । वातावरण दूषित होने से दमा व आंखों की बीमारियों से ग्रस्त मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है । ज्यादातर असर बुजुर्गों व बच्चों पर हो रहा है ।-कृषि अधिकारी ने कहा जागरूकता नही आ रही काम--
जिला कृषि अधिकारी सत¨वदर कौर ने स्वीकारा कि उनका किसानों को पराली न जलाने के प्रति जागरूक करना विफल साबित हो रहा है । किसान जिस तरह पराली को जला रहे है खुद का नुकसान तो कर रहे साथ ही लोगों के लिए मुसीबत खड़ी करने में कोई कसर नही छोड़ रहे ।