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पाकिस्तान में छपेगी 'उधड़ी होई मैं'

सुनील प्रभाकर, फिरोजपुर जिला फिरोजपुर के शायर हरमीत विद्यार्थी की 2014 में प्रकाशित हुई पंजाबी कवि

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Nov 2017 04:33 PM (IST)Updated: Wed, 01 Nov 2017 04:33 PM (IST)
पाकिस्तान में छपेगी 'उधड़ी होई मैं'
पाकिस्तान में छपेगी 'उधड़ी होई मैं'

सुनील प्रभाकर, फिरोजपुर

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जिला फिरोजपुर के शायर हरमीत विद्यार्थी की 2014 में प्रकाशित हुई पंजाबी कविता की किताब उधड़ी होई मैं, सरहद पार पाकिस्तान में बसते लंहदे पंजाब में उर्दु लिपी यानी कि शाहमुखी में छप रही है। शायर हरमीत विद्यार्थी साल 2007 में तीर्थ यात्रा के लिए पाकिस्तान पंजाब की यात्रा पर गए और वहां के पंजाबी लेखकों ने उनका भरपूर स्वागत किया। उनके सम्मान में कई समागम हुए और रेडियो पर उनकी कविता का पाठ हुआ। इसके बाद विद्यार्थी पाकिस्तान में तीन बार लहंदे पंजाब जा चुके हैं। अब पाकिस्तान में गुरमुखी जानने वाले उनके पाठकों ने निर्णय लिया है कि विद्यार्थी की कविता की किताब उधड़ी होई मैं को पाकिस्तानी पाठकों के लिए प्रकाशित किया जाए। पंजाबी खोजगढ़ वाले इकबाल कैसर और अहमद नवाज उल घनी ने उनकी इस किताब को उर्दु में लिप्यांतर किया है। इस पुस्तक को पाकिस्तान में भी प्यार मिलेगा, ऐसी उम्मीद की जा रही है।

हरमीत विद्यार्थी पंजाबी की उस पीढ़ी का चर्चित शायर है, जिसने पंजाब के अंदर आतंकवाद के दौर में कविता लिखनी शुरू की थी। 1990 में प्रकाशित हुई उसकी काव्य पुस्तक अपने खिलाफ ने पंजाबी के गंभीर पाठकों का ध्यान अपनी तरफ खींचा। 2003 में पंजाबी कविता की पुस्तक समुंदर बुलांदा है के माध्यम से विद्यार्थी ने उदारवाद और ग्लोबलाइजेशन से पंजाब के लोगों के जीवन और ¨चतन को कविता में पकड़ने का प्रयास किया।

साहित्यक चौपालों में भी एक्टिविस्ट शायर के तौर पर जाने हरमीत विद्यार्थी पंजाबी लेखकों के सिरमोर संगठन केंद्रीय पंजाबी लेखक सभा के तीन बार उप प्रधान और एक बार महासचिव भी रह चुके हैं। पंजाब लोक सभ्याचारक मंच के दो बार प्रांतीय तालमेल सचिव रह चुके हैं।

शायर हरमीत विद्यार्थी ने कहा कि देश के बंटवारे का सबसे अधिक नुकसान पंजाब को हुआ। पंजाबियों का जहां जानी माली नुकसान हुआ, वहीं उर्दु जैसी मीठी जुबान भी हमसे छिन गई। उर्दू में लिखा बहुत बड़ी मात्रा में साहित्य हमारी पहुंच से बाहर हो गया। पाकिस्तान में मेरे पंजाबी दोस्त ने जो मेरी किताब को सम्मान दिया है, उसका में दिल से आभारी हूं।

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