Move to Jagran APP

बच्चों को पढ़ाने से ज्यादा एसएमएस खेलने में बीत रहा समय

संवाद सूत्र ,फिरोजपुर शिक्षा का प्रसार करने वाले शिक्षकों से लिए जाने वाले मिड-डे-मील के कार्य से

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Jun 2017 04:43 PM (IST)Updated: Thu, 22 Jun 2017 04:43 PM (IST)
बच्चों को पढ़ाने से ज्यादा एसएमएस खेलने में बीत रहा समय
बच्चों को पढ़ाने से ज्यादा एसएमएस खेलने में बीत रहा समय

संवाद सूत्र ,फिरोजपुर

loksabha election banner

शिक्षा का प्रसार करने वाले शिक्षकों से लिए जाने वाले मिड-डे-मील के कार्य से एलीमेंट्री शिक्षक यूनियन खफा दिखाई दे रही है। विभाग के फरमान रोजाना मिड-डे मील के एसएमएस भेजना शिक्षकों की परेशानी बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा। स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यूनियन सदस्यों ने विभाग के इस फरमान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शिक्षकों का कहना है कि वह बच्चों में पढ़ाएं या फिर विभाग को दोपहर के खाने के बारे में एसएमएस भेजें।

वीरवार को एसएमएस मामले को लेकर एलीमेंट्री टीचर यूनियन की जिला प्रधान सुखजिंदर ¨सह खानपुरियां के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल शिक्षा अफसर (प्राइमरी) सुख¨वदर ¨सह से मिला। शिक्षकों ने कहा कि वह या तो बच्चों को पढ़ा सकते हैं या फिर मिड-डे-मील के रोजाना एसएमएस भेज सकते हैं। सौंपे गए मांगपत्र में एलीमेंट्री टीचर यूनियन पंजाब के नेता हर¨जदर हांडा और जिला प्रधान खानपुरियां ने बताया कि मिड-डे-मील के लिए अलग कैश बुक, वाउचर फाइल, स्टाक रजिस्टर, खाना टेस्ट रजिस्टर व मिड-डे-मील रजिस्टर के अलावा रोजाना बच्चों की संख्या के अनुसार अनाज और राशि के उपभोग का हिसाब दर्ज किया जाता है। स्कूल की यह एमसी और मदर सैलेट हेल्प ग्रुप इसकी देखरेख कर रहा है।

रोजमर्रा की यह एमसी, ग्राम पंचायत या गांव के किसी भी पुरुष या महिला को खाना चेक करवा कर उसका रिकार्ड खाना टेस्ट रजिस्टर में दर्ज किया जाता है। हर महीने के आखिर में इसकी विस्तार सहित रिपोर्ट ब्लॉक दफ्तरों को भेजी जाती है। जिला शिक्षा अधिकारी और ब्लॉक शिक्षा दफ्तरों में मिड-डे-मील का काम चेक कर रहे कर्मचारी, अधिकारी टेलीफोन द्वारा स्कूलों से मिड-डे-मील की रिपोर्ट प्राप्त करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग की तरफ से हिदायत दी गई है कि कक्षा शुरू होने के आधे घंटे बाद कुल उपस्थित बच्चों का एसएमएस भेजा जाए, लेकिन प्राइमरी स्कूलों के कुछ बच्चे कुछ कारणों से अकसर लेट हो जाते हैं। बाद में उनकी हाजिरी मिड-डे-मील रजिस्टर में कैसे दिखाई जाए।

यूनियन पदाधिकारियों ने कहा कि शिक्षा विभाग की तरफ से जारी हिदायतों के मुताबिक रोजमर्रा की रिपोर्ट का एसएमएस करना जरूरी है, लेकिन यदि किसी कारण से स्कूल में नेटवर्क न होना, बच्चों की पढ़ाई में व्यस्त होने के कारण अध्यापक एसएमएस नहीं कर सकते और विभाग की तरफ से अध्यापकों के खिलाफ कार्यवाही की जाती है, जोकि बिल्कुल गलत है। हर स्कूल में मिड-डे-मील तो रोजाना ही बनाया जाता है। इस मौके पर सेंटर हेड टीचर र¨जदर कौर, सु¨रदरपाल ¨सह, पारस खुल्लर, म¨हद्र शैली, बलकार ¨सह गिल, अमृत बराड़, तरसेम ¨सह पल्ला, शाम सुंदर, लख¨वदर हांडा, बूटा ¨सह, गनेश कुमार, राम कुमार, कारज ¨सह, कुलवंत ¨सह, भारत कुमार, संदीप चौधरी, कमलजीत, भु¨पदर ¨सह, लखबीर ¨सह, कश्मीर ¨सह, जगजीत ¨सह, अंग्रेज ¨सह गिल, राजेश, हरजीत ¨सह गिल आदि भी उपस्थित थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.