नहीं मानते निजी स्कूल किसी का आदेश
जागरण संवाददाता, फिरोजपुर प्रदेश सरकार, हाईकोर्ट द्वारा अभिभावकों की मांग पर निजी स्कूलों के विरु
जागरण संवाददाता, फिरोजपुर
प्रदेश सरकार, हाईकोर्ट द्वारा अभिभावकों की मांग पर निजी स्कूलों के विरुद्ध समय-समय पर निर्देश आदेश जारी किए जाते है, जिससे अभिभावकों को निजी स्कूलों की लूट से राहत मिल सके। पर सरकारी आदेशों को मनाने की जगह निजी स्कूल अभिभावकों से धन उगाही का नया जरिया तलाश लेते हैं।
जिले के चार दर्जन नामी-गिरामी स्कूलों द्वारा मासिक फीस, एडमिशन फीस, बि¨ल्डग फंड व अन्य चार्जेज के नाम पर प्रतिवर्ष बढ़ोत्तरी कर दी जाती है। यहीं नहीं स्कूल में ड्रेस व किताबों, कापियों के स्टाल पर प्रतिबंध लगाए जाने पर यह स्कूल अभिभावकों को निर्धारित स्कूल से किताबें-कापियां खरीदने को बाध्य करते हैं। छह से आठ तक की कक्षाओं की एनसीईआरटी की जो पुस्तकें तीन से साढ़े तीन सौ के मध्य मिलती है वहीं पुस्तकें प्राइवेट स्कूलों द्वारा अपने मनपंसद के प्रकाशनों की अभिभावकों से खरीदवाई जाती हैं, ताकि स्कूल को मोटा कमीशन मिल सके।
जागो पेरेंट्स एसोसिशन के चेयरमैन हरिराम ¨खदरी, विद्यार्थी लूट एक्शन कमेटी के दीपक व ऑल इंडिया स्टूडेंट्स पेरेंट्स संघर्ष कमेटी बाजिंद्र ने बताया कि वह लोग निजी स्कूलों की लूट के विरुद्ध लड़ाई लड़ रहे हैं। कुछ हद तक निजी स्कूलों की लूट रोकने में वह लोग सफल भी रहे, उनके जैसे अन्य संगठनों के संघर्ष व मांग पर हाईकोर्ट व राज्य सरकार ने आदेश व निर्देश दिए, जिससे बचने के लिए निजी स्कूल कोई न कोई रास्ता तलाश लेते हैं। यह दु:खद है। कमेटी के सदस्य बल¨वदर पाल शर्मा ने बताया कि एलकेजी के एडमिशन व मासिक फीस के एवज फिरोजपुर शहर के स्कूल औसतन 19 हजार रुपये एक मुस्त जमा करवा रहे है। इसके अलावा एलकेजी की पुस्तकों-कापियों का सेट 15 से 16 सौ रुपये में मिल रहा है। वह लोग फिरोजपुर के डीसी रहे डीपीएस खरबंदा व बल¨वदर ¨सह धालीवाल को कई बार मिलकर शिकायतें सौंपे हैं, पर यह शिकायतें खानापूर्ति तक ही सीमित हैं। एक बार फिर से स्कूलों में सेशन शुरू होने पर स्कूलों की लूट शुरू हो गई, जिसे देखते हुए वह लोग जल्द ही फिरोजपुर जिले के नवनियुक्त डीसी रामवीर ¨सह से मिलकर स्कूलों की लूट रुकवाने की मांग करेंगे।
यहीं नहीं वह लोग डीसी से मांग करेंगे कि कोई ऐसा सिस्टम बनाया जाए जिसके अनुसार ही स्कूल अपनी फीस व एडमिशन फीस बढ़ा सके।
डीईओ सुरेश अरोड़ा ने कहा कि सरकार, हाईकोर्ट व शिक्षा विभाग द्वारा निजी स्कूलों पर जो भी नियम बनाए जाएंगे। उसे हर हाल में लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दो दिन पहले उन्होंने स्कूलों को आदेश जारी किए हैं कि वह अपनी मनमर्जी से फीस नहीं बढ़ा सकते हैं, बल्कि स्कूल फीस व अन्य चार्जेज एक लिमिट में बढ़ा सकते हैं। यहीं नहीं अभिभावकों को स्कूल निर्धारित दुकान या स्कूल परिसर के स्टॉल से यूनिफार्म व किताबें-कापियां खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है।