बड़े निजी स्कूलों पर अधिकारी भी मेहरबान, अभिभावक परेशान
संवाद सूत्र, फिरोजपुर निजी स्कूलों व अभिभावकों के बीच चले रहे विवाद को भले ही एक माह से ज्यादा सम
संवाद सूत्र, फिरोजपुर
निजी स्कूलों व अभिभावकों के बीच चले रहे विवाद को भले ही एक माह से ज्यादा समय बीत चुका है। लेकिन लगता है कि प्रशासनिक अधिकारी इलाके के बड़े निजी स्कूलों पर मेहरबान हैं। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मनमानी करने वाले बड़े स्कूलों के खिलाफ जांच करने की बजाए शिक्षा विभाग की टीम उस निजी स्कूल के खिलाफ जांच के लिए पहुंच गई जो अभिभावकों को हर तरह से सहयोग देने का वादा कर चुका था।
अरुण ज्योति मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल नामक इस स्कूल के बारे में दैनिक जागरण द्वारा प्रकाशित किए गए समाचार में भी अभिभावकों द्वारा स्कूल के रवैये से संतुष्टि जताई गई थी। हालांकि इस दौरान टीम की तरफ से स्कूल के वर्ष 2016-17 के फंडों व फीस की जांच पड़ताल भी की गई और स्कूल प्रबंधन की तरफ से टीम को पूरा सहयोग भी दिया गया।
मगर जब शिक्षा विभाग की टीम अरुण ज्योति मॉडल स्कूल में जांच के लिए पहुंची तो इस बात की सूचना अभिभावकों को मिल गई और जांच का विरोध किया जाना लगा। जागो पैरेंट्स वैल्फेयर सोसायटी की अध्यक्षता में अभिभावकों ने रोष जताया तो शिक्षा विभाग की जांच टीम की इंचार्ज आरिफ के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल की ¨प्रसिपल कंचन शर्मा ने भी अभिभावकों व स्कूल के बीच हुए वादे पर संतुष्टि जताई और स्कूल के खिलाफ बनती कार्रवाई करने के बाद टीम वापस लौट गई।
इसी दौरान अभिभावकों, स्कूल प्रबंधन व टीम के बीच बैठक भी हुई जिसमें स्कूल के इस प्रयास को सराहा गया। स्कूल की तरफ से टीम का सहयोग देने के साथ-साथ अभिभावकों को चार माह की बच्चों की फीस पें¨डग रखने व कोर्ट के फैसले को मानने का भरोसा दिया गया था।
दूसरी तरफ जागो पैरेंट्स सोसायटी के अध्यक्ष इंद्रजीतगुप्ता, सतनाम ¨सह, अशोक बांसल,रणजीत ¨सह, बाबी धवन, मोनू हांडा, पंकज कुमार, अशोक कुमार, संजना, शशि बाला परवेश कुमार, रीतू, सुभाष चौधरी व राजेश कुमार आदि ने कहा कि जिस तरह प्रशासनिक अधिकारी बड़े निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई व जांच करने की बजाए उनका पक्ष रखने का काम करते आ रहे हैं। उनकी पोल अरुण ज्योति माडल स्कूल की जांच करवाने से खुल रही है।
उन्होंने कहा कि जो स्कूल अभिभावकों को हर तरह का सहयोग दे रहा है उसकी स्कूल की जांच पड़ताल क्यों करवाई गई।
इससे साफ है कि प्रशासनिक अधिकारी बड़े निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई ही नहीं करना चाहते यही कारण है एक माह से ज्यादा समय बीत चुका है ,लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।
डीसी के आदेश पर हुई कार्रवाई: डीईओ
जिला शिक्षा अधिकारी जगसीर ¨सह से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अरुण ज्योति मॉडल स्कूल के खिलाफ जांच पड़ताल करने का आदेश डिप्टी कमिश्नर ने दिया था। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस स्कूल के खिलाफ शिकायत लेकर डीसी तक पहंचे थे।
उन लोगों द्वारा की गई शिकायत के बाद ही जांच टीम भेजी गई है। स्कूल द्वारा अभिभावकों को सहयोग देने की बात कर अधिकारी ने कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो उस स्कूल के प्रयास की सराहना करते हैं।