सरकारी स्कूलों को बंद होने से बचा सकते हैं एडेड स्कूल
नितिन कटारिया, फाजिल्का : पंजाब सरकार 480 सरकारी स्कूलों को मर्ज करने जा रही है। जिन स्कूलों में बच्चों की संख्या कम और अध्यापकों की संख्या अधिक है, उन अध्यापकों को किसी दूसरे सरकारी स्कूल में शिफ्ट करने जा रही है ताकि विद्यार्थी अध्यापक अनुपात पूरा किया जा सके। जिन स्कूलों में आरटीई के तहत मापदंड पूरे नहीं हैं उन स्कूलों को भी सरकार मर्ज करने जा रही है।
दूसरी तरफ, हैरानीजनक पहलू यह है कि एडिड स्कूलों के अध्यापकों को सरकारी स्कूलों में शिफ्ट करने संबंधी एडिड स्कूल यूनियन की राज्य स्तरीय बैठकें चल रही है ताकि इन अध्यापकों को सरकारी स्कूलों में भेजा जा सके।
पंजाब गवर्नमेंट ऐडिड स्कूल, अध्यापक एवं अन्य कर्मचारी यूनियन के जिला प्रवक्ता अजय ठकराल ने बताया कि यदि सरकार ने मर्ज करना ही है तो एडेड स्कूलों के कर्मचारियों व बच्चों को साथ लगते सरकारी स्कूलों में शिफ्ट कर देना चाहिए। इससे अध्यापक विद्यार्थी अनुपात भी पूरा हो जाएगा।
ठकराल ने फाजिल्का का उदाहरण देते हुए बताया कि फाजिल्का में छह प्राइमरी स्कूल है और दो हाई स्कूल है। जैसे गुरुनानक सिख कन्या पाठशाला प्राइमरी स्तर पर एडेड है। इसके 20 मीटर की दूरी पर सरकारी प्राइमरी स्कूल नंबर तीन है। यदि इनको मर्ज कर दिया जाए तो एक ही इमारत में स्कूल चल सकता है।
श्री जैन एलीमेंट्री प्राइमरी स्कूल को सरकारी प्राइमरी स्कूल नंबर एक में मर्ज कर दिया जाए। इसी प्रकार एसडी एलीमेंट्री प्राइमरी स्कूल, सत्संग एलीमेंट्री प्राइमरी स्कूल व एसडी गर्ल्ज प्राइमरी स्कूल भी एडेड है। इनको सरकारी प्राइमरी स्कूल नंबर 2 में शिफ्ट कर दिया जाए तो बच्चे व अध्यापक एक ही स्कूल में शिफ्ट हो सकते है। इसी तरह एसडी स्कूल व डीएवी स्कूल को भी किसी साथ लगते सरकारी स्कूल में मर्ज कर दिया जाए तो इस समस्या का समाधान हो सकता है क्योंकि ऐडिड स्कूल के अध्यापकों को सरकार वेतन के रूप में 95 प्रतिशत अनुदान राशि दे रही है। सिर्फ 5 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान राशि देकर व इनकी सेवा को प्रोटेक्ट करके इस आने वाली समस्या से निजात पाई जा सकती है।
एडेड स्कूल यूनियन ने मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, शिक्षा मंत्री सिकंदर सिंह मलूका, प्रमुख शिक्षा सचिव डीजीएसई काहन सिंह पन्नू व वित्त मंत्री परमिंदर सिंह ढींढया से एडेड स्कूलों को सरकारी स्कूलों में मर्ज करने की मांग की है।
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