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अंशुल छत्रपति का अारोप पंजाब के एक पूर्व मंत्री ने गुरमीत से समझौते के लिए बनाया था दबाव

पत्रकार रामचंद्र छत्रप‍ति के पुत्र अंशुल छत्रप‍ति ने अारोप लगाया है कि पंजाब के एक पूर्व मंत्री ने गुरमीत राम रहीम के खिलाफ संघर्ष के दौरान समझौता करने का दबाव बनाया था।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 20 Jan 2019 11:05 AM (IST)Updated: Sun, 20 Jan 2019 11:07 AM (IST)
अंशुल छत्रपति का अारोप पंजाब के एक पूर्व मंत्री ने गुरमीत से समझौते के लिए बनाया था दबाव
अंशुल छत्रपति का अारोप पंजाब के एक पूर्व मंत्री ने गुरमीत से समझौते के लिए बनाया था दबाव

रवि वाट्स, जलालाबाद (फाजिल्का)। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या मामले में उनके बेटे अंशुल छत्रपति ने पंजाब के एक पूर्व मंत्री पर बड़ा आरोप लगाया है। अंशुल ने कहा है कि जब वह पिता रामचंद्र छत्रपति की हत्‍या के बाद डेरा सच्‍चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ संघर्ष कर रहा था पंजाब के एक पूर्व मंत्री ने समझौता करने के लिए दबाव बनाया था1

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एक टीवी चैनल से बातचीत में अंशुल छत्रपति ने कहा कि जलालाबाद के पूर्व कांग्रेसी मंत्री ने गुरमीत से समझौते के काफी दबाव बनाया। बता दें कि पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्‍या मामले में गुरमीत राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अंशुल छत्रपति ने चैनल से बातचीत में कहा कि इस मामले में 1992 में कांग्रेस सरकार के तत्कालीन एक मंत्री हंस राज जोसन ने भी डेरे की तरफ से सुलह के लिए उनके साथियों के साथ बातचीत कर दवाब बनाया था, लेकिन परिवार ने उनकी पेशकश को नकार दिया था।

अंशुल ने कहा कि उस समय उक्‍त मंत्री ने उनके साथियों को यह बात कही थी कि वह विधायक जस्सी की बेटी को अपनी बेटी की तरह मानते हैं और डेरा प्रमुख जस्सी के समधी होने के नाते जोसन का भी सहारा लिया था। उन्होंने कहा कि उस समय हरियाणा में डेरा बाबा भुंमण शाह को लेकर चल रहे विवादों दौरान हंस राज जोसन काफी सुर्खियों में थेे। हालांकि उन्होंने इस मामले में किसी भी कार्रवाई से साफ इन्कार किया था। उधर, शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा का कहना है कि इस मामले में क जोसन को अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए।

पूर्व मंत्री ने सुलह करने की बात को नकारा

उधर, पूर्व वन मंत्री हंस राज जोसन ने कहा कि रामचंद्र छत्रपति हत्या के मामले के बाद राजीनामे के लिए उन्होंने कभी परिवार पर दबाव नहीं बनाया। उन्हें छत्रपति के परिवार के साथ हमदर्दी थी, क्योंकि छत्रपति की पत्नी पंजाबी इलाके की होने के कारण वह उनके घर अफसोस के लिए भी गए थे। उन्होंने साफ किया है कि इस मामले में उन्होंने किसी के साथ भी कोई बातचीत नहीं की।


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