बिना साधना भगवान की प्राप्ति असंभव
संवाद सहयोगी, मंडी गो¨बदगढ़ भगवान बिना साधना बिना भक्ति के नहीं मिलते। उसके लिए पहले उन्हें सब
संवाद सहयोगी, मंडी गो¨बदगढ़
भगवान बिना साधना बिना भक्ति के नहीं मिलते। उसके लिए पहले उन्हें सब कुछ सौंपना होगा, क्योंकि जो शरीर है वो भी उसी का दिया हुआ है, हमें उसी को अर्पण करना है। यह प्रवचन गायत्री योग संस्थान आश्रम में शुक्रवार सायं आयोजित सत्संग के दौरान स्वामी विकास चंद विमल ने किए।
उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को किसी न किसी समस्या से वास्ता पड़ता है, समस्या से डरकर भागने वाला समाधान नहीं खोज सकता। समस्या से घबरा कर भागते भी हैं तो कहां वहीं भी तो समस्या है। समस्या से घबरा कर जो आत्महत्या कर जीवन लीला समाप्त कर देते हैं, उनके भी आगे समस्या बनी रहती है। समस्या सामान्यता: स्वयं खड़ी करता है इसलिए उसे सुधारने का कार्य भी उसे ही करना होगा। स्वामी ने आगे कहा कि बोलने में कठोरता, स्वभाव में क्रूरता एवं अधिकार के प्रयोग की भावना समस्या बढ़ रही है। इन सबका सुधार अपनी गलती देखने से होता है। स्वयं के मूल को देखना अत्यंत कठिन है।