सरकारी विज्ञापन में जिसकी तस्वीर उसी को नहीं मिली पेंशन
पंजाब सरकार ने विज्ञापन छापकर बुढ़ापा पेंशन बढ़ाने की जानकारी तो दे दी, लेकिन विज्ञापन में जिस व्यक्ति की फोटो छपी है आरोप है कि उसी को पेंशन नहीं मिल रही है।
फरीदकोट [देवानंद शर्मा]। पंजाब सरकार ने बुढ़ापा पेंशन 350 से 500 रुपये करने की जानकारी देने के लिए गत दिवस विभिन्न अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित करवाया, लेकिन पेंशन के लिए जिस 85 वर्षीय बुजुर्ग की फोटो विज्ञापन में लगाई गई उसे ही आज तक पेंशन नहीं मिली।
फरीदकोट जिले के कलेर गांव के निवासी शैला सिंह ने कहा कि आज वह पंजाब सरकार के विज्ञापन में बुजुर्ग पेंशन 350 से 500 रुपये करने की जानकारी के साथ अपनी फोटो देखकर हैरान हैं। पेंशन मिलना तो दूर आज तक उनका बुजुर्ग पेंशन का कार्ड भी नहीं बना है। शैला ने कहा कि वह कई बार अपनी पेंशन लगाने के लिए कई सरकारी अफसरों और नेताओं से लिखित और मौखिक फरियाद कर चुका हूं, लेकिन उनकी किसी ने पेंशन चालू नहीं करवाई।
उन्होंने आरोप लगाया कि बादल सरकार झूठ बोलकर भोले-भाले लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से समय-समय पर अलग-अलग स्कीमों के अंतर्गत छप रहे विज्ञापनों में शामिल की जा रही तस्वीरों की जांच होनी चाहिए, ताकि इस बात का पता चल सके कि लाभार्थी असली है या सिर्फ तस्वीरों में ही उसे सरकारी सुविधाएं और स्कीमों का लाभ दिया जा रहा है।
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सरपंच को भी पेंशन मिलने की जानकारी नहीं
गांव के सरपंच मैला राम ने कहा कि उसे भी आज पता लगा है कि गांव के बुजुर्ग शैला सिंह को पेंशन दी जा रही है। उन्होंने कहा कि शैला सिंह दो बार पेंशन फार्म भर कर दे चुके हैं, लेकिन उनकी पेंशन नहीं लग पाई। इस संबंध में क्षेत्रीय विधायक मनतार सिंह बराड़ से भी संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका मोबाइल फोन कवर क्षेत्र से बाहर आ रहा था।
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बुजुर्ग शैला व उनकी पत्नी की अब तक नहीं लगी पेंशन : धनी
कांग्रेस के सीनियर नेता धनजीत सिंह धनी विर्क ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि कलेर गांव वासी शैला सिंह और उनकी पत्नी को आज तक पेंशन नहीं दी गई। पूरे पंजाब में अनगिनत ऐसे जरूरतमंद बुजुर्ग हैं जिनकी पेंंशन शुरू ही नहीं हुई है और सरकार विज्ञापन में वाहवाही लूट रही है।
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