महीने बाद भी नहीं सुधरी व्यवस्था
संवाद सहयोगी, कोटकपूरा : अच्छे दिनों के सपने व भ्रष्टाचार मुक्त राष्ट्र के सब्जबाग दिखाकर केंद्र सरक
संवाद सहयोगी, कोटकपूरा : अच्छे दिनों के सपने व भ्रष्टाचार मुक्त राष्ट्र के सब्जबाग दिखाकर केंद्र सरकार द्वारा किए गए नोटबंदी के ऐलान के एक महीने बाद तक भी व्यवस्था में कोई सुधार नजर नहीं हुआ है। कैश आने की संभाना के चलते लोग दिन निकलते ही बैंकों की लाइनों में लगे दिखे। शहर के ज्यादातर बैंकों में आज भी कैश की किल्लत रही, जबकि शहर के मात्र दो एटीएम पर ही कैश उपलब्ध होने के चलते इन एटीएम के आगे लोगों की लम्बी लम्बी कतारे नजर आई।
शनिवार व रविवार के बाद 12 दिसंबर को केंद्र सरकार द्वारा घोषित ईद की छुट्टी के चलते आज लोगों विशेषकर कर्मचारी वर्ग में कैश को लेकर ज्यादा बेचैनी नजर आई। शहर के भारतीय स्टेट बैँक व स्टेट बैंक आफ पटियाला के मुख्य शाखाओं के पास के दो ए टी एम को छोड़ शहर के अधिकतर ए टी एम कैश से वंचित रहे। बैंकों में भी कैश करेसी की स्थिति जरूरत के अनुपात में ना के बराबर रही। कैश की जरूरत वाले लोग दिन पर शहर में अपने वाहन घुमाकर ए टी एम खुलने की टोह लेते दिखे लेकिन इन में से ज्यादातर दिन भर की भगा दौड़ के बावजूद भी निराश दिखे। कैश की उपलब्धता वाले एए टी एम के आगे पुरा दिन कैश लेने वालों की लम्बी कतारे लगी रही। विशेष बात यह कि इन कतारों में भी आज ज्यादातर केंद्र व पंजाब सरकार के बाबू लोग या फिर उनके द्वारा ए टी एम कार्ड देकर भेजे गए अधीनस्थ कर्मचारी कही दिखे। शिक्षा विभाग के शिक्षक परमजीत सिंह, राजविंदर, गुरदीप आदि ने बताया कि पिछले तीन दिन से वह रोजना छूट्टी के बाद लाइनों में लगे रहे हैं लेकिन अभी तक उन्हे अपने वेतन के पैसों का दर्शन तक नही हुआ। बैंक में लाखों होने के बावजूद उनकी स्थिति गरीबों जैसी होकर रह गई है। आज भी कैश की आस में उन में से दो ने अपनी पत्िनयों को व एक ने अपने कर्मचारी को लाइन में लगा कर मात्र दो दो हजार रुपये निकाले। उन्होंने तलख स्वर में कहा कि मोदी सरकार ने उन्हे भिखारी बनाकर रख दिया है।