मेडिकल स्टोर वाले पुरानी करंसी व चेक लेने से कर रहे इंकार
कुलदीप कोछड़, जैतो : नोटबंदी के बाद नई करंसी न मिलने की सबसे बड़ी मार मरीज भुगत रहे
कुलदीप कोछड़, जैतो : नोटबंदी के बाद नई करंसी न मिलने की सबसे बड़ी मार मरीज भुगत रहे हैं, उन्हें न तो नई करंसी उपलब्ध हो रही है न ही वे दवा के बिना जीवन निर्वाह कर सकते हैं। मेडिकल स्टोर वाले पुराने नोट व चेक लेने से साफ इंकार कर रहे हैं।
दवाइयों में प्राफिट इतना है कि 40 प्रतिशत तक कोई भी दवा विक्रेता बिल देने के झंझट में नहीं पड़ना चाहता है। मधुमेह के मरीज हरदीप सिंह ने बताया कि वह रोजाना बल्ड शुगर टेस्ट करने के लिए एक सिट्रप्स का प्रयोग करता है और 50 स्ट्रिप्स का पैकेट करीब 550 रुपये का आता है, जो कि थोक दवा विक्रेता ही रखते हैं। शुक्रवार को वह स्थानीय ललित मेडिकल से स्ट्रिप्स लेने गया तो मेडिकल स्टोर वाले ने 500 का नोट लेने से इंकार कर दिया, साथ ही उसने चेक से भी अदायगी लेने से इंकार कर दिया। उसका तर्क था कि उसकी थोक की दुकान है वह रिटेल में बिल नहीं काट सकता।