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9.. 4 दशकों से शुद्ध पानी को तरस रहा फरीदकोट

फरीदकोट शहर को चार दशकों बाद भी शुद्ध पानी का इंतजार -राजा माइनर से पानी की सपलाई देने की मांग न

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Mar 2017 01:01 AM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2017 01:01 AM (IST)
9.. 4 दशकों से शुद्ध पानी को तरस रहा फरीदकोट
9.. 4 दशकों से शुद्ध पानी को तरस रहा फरीदकोट

फरीदकोट शहर को चार दशकों बाद भी शुद्ध पानी का इंतजार

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-राजा माइनर से पानी की सपलाई देने की मांग नही हुई पूरी

अमित कुमार शर्मा, फरीदकोट

फरीदकोट के लोग पिछले चार दशकों से शुद्ध पानी के इंतजार में हैं। शहर को राजा माइनर से पानी की सप्लाई की पुरानी मांग को अभी तक कोई भी सरकार पूरा नहीं कर पाई है। हालांकि लोगों को उम्मीद है कि पंजाब में सत्ता परिवर्तन के बाद भी सरहिंद फीडर व राजस्थान फीडर में जालंधर व लुधियाना के उद्योगों का जहरीला पानी पड़ने से रोका जाएगा, लेकिन अभी तक सरकार ने कोई कड़ा कदम नहीं उठाया है। इसके चलते अभी तक लोगों को जहरीला पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

जल और सेनिटेशन विभाग ने इलाकों के लोगों को जहरीले पानी से निजात दिलाने के लिए सुझाव दिया था कि फरीदकोट शहर को भाखड़ा नहर का पानी मुहैया करवाया जाए। इसके लिए दस करोड़ रुपए का बजट तजवीज किया गया था। परंतु पंजाब सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए दस करोड़ रुपए जारी नहीं किए। अब सरकार बदलने के बाद इस क्षेत्र के लोगों को आशा है कि जल्द साफ पानी मिलेगा।

लुधियाना के उद्योगों का पानी फेंका जा रहा पानी

प्राप्त जानकारी के अनुसार सरहिंद फीडर में लुधियाना के उद्योगों का जहरीला पानी फेंका जा रहा है। यही पानी मिलावट के द्वारा पूरे दक्षिणी पंजाब को पीने के लिए भेजा जा रहा है। गर्मी के मौसम के कारण नहरों में पानी पहले के मुकाबले कम हो गया है। यही पानी वाटर व‌र्क्स के द्वारा घर-घर भेजा जा रहा है। पंजाब सरकार ने 2008 में भरोसा दिया था कि दरियाओं में पड़ते जहरीले पानी को रोक दिया जाएगा। लुधियाना के औद्योगिक पानी को ट्रीटमेंट प्लाटों द्वारा संशोधन कर ¨सचाई के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

पूर्व विधायक ने किया था वादा, नहीं हुआ पूरा

शहर वासियो की मांग पर डेढ साल पहले पूर्व विधायक दीप मल्होत्रा ने प्रयास कर लोगों को स्वच्छ पानी पर्याप्त मात्रा मे उपलब्ध हो सके। इसके लिए 16 करोड़ रुपये की लागत से राजा माइनर से फरीदकोट वाटर व‌र्क्स तक बिछाई जाने वाली पाइप लाइन का नींव पत्थर मुख्यमंत्री द्वारा रखा गया था। परंतु आज तक सरककर की ओर से इसके लिए फंड ही जारी नहीं किया गया। वहीं, शहर की बढ़ती आबादी को देखते हुए प्रतिदिन करीब डेढ़ करोड़ लीटर पानी की आवश्यकता पड़ती है। वही, 1975 में वाटर सप्लाई विभाग द्वारा बनाया पुराना सिस्टम शहर वासियों को इतनी मात्रा मे पानी मुहैया करवाने मे असमर्थ साबित हो रहा है।

राजा माइनर से पाइप डालने के लिए अभी तक कोई फंड नहीं आया है। जैसे ही फंड आएगा, पाइप डलवाकर लोगों को शुद्ध पानी मुहैया करवाया जाएगा।

वेदप्रकाश, एसडीओ


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