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चंडीगढ़ प्रशासन ने वित्त मंत्रालय से मांगे 360 करोड़ रुपये, जानें किस लिए मांगा इतना बजट

चंडीगढ़ प्रशासन ने वित्त मंत्रालय से 360 करोड़ रुपये का बजट मांगा है। इसमें नगर निगम के लिए सबसे अधिक 182 करोड़ रुपये मांगे गए हैं।

By Sat PaulEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 03:46 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 03:46 PM (IST)
चंडीगढ़ प्रशासन ने वित्त मंत्रालय से मांगे 360 करोड़ रुपये, जानें किस लिए मांगा इतना बजट
चंडीगढ़ प्रशासन ने वित्त मंत्रालय से मांगे 360 करोड़ रुपये, जानें किस लिए मांगा इतना बजट

[बलवान करिवाल, चंडीगढ़] चंडीगढ़ प्रशासन ने रिवाइज्ड एस्टीमेट (आरई) के तौर पर वित्त मंत्रालय से 360 करोड़ रुपये का बजट मांगा है। नगर निगम को आम बजट में बहुत कम पैसा मिला था। इसलिए आरई में एमसी के लिए ही सबसे अधिक 182 करोड़ रुपये मांगे गए हैं। जिससे नगर निगम का घाटा कुछ कम हो सके। साथ ही डेवलपमेंट के कार्य तेजी से हो सकें। दूसरा सबसे अधिक बजट बिजली खरीदने के लिए मांगा गया है। इसके लिए प्रशासन ने 100 करोड़ रुपये आरई में मांगे हैं। इलेक्ट्रीसिटी डिपार्टमेंट विभिन्न कंपनियों से बिजली की खरीद करता है। उनकी पेमेंट के लिए ही यह मांग की गई है। 23 करोड़ रुपये इंप्लाइज की सेलरी के लिए मांगे गए हैं। इसके अलावा भी कई अन्य मदों में प्रशासन ने अतिरि पैसे की मांग केंद्र सरकार से की है। हालांकि मांग के अनुसार पूरा बजट मिलने की कम ही उम्मीद है। लेकिन इस बार मांग भी उतनी ज्यादा नहीं की है, सिर्फ जरूरी कार्यों के लिए ही बजट मांगा गया है। हर साल जितना बजट यूटी प्रशासन की तरफ से मांगा जाता है, उससे कम ही मिलता है। पिछले साल चंडीगढ़ को आरई में 380 करोड़ रुपये मिले थे। हालांकि मांग 1500 करोड़ रुपये की भेजी गई थी। इस साल प्रशासन ने पहले ही मांग कम भेजी है।

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नगर निगम को मिलेगी संजीवनी

नगर निगम को आम बजट में सिर्फ 270 करोड़ रुपये ही मिले थे। जबकि मांग 1100 करोड़ रुपये की थी। जिस कारण सालभर से नगर निगम वित्तीय संकट में फंसा है। नौबत यह आ गई थी कि सड़कें और अन्य कंस्ट्रक्शन वर्क रोक दिए गए थे। कांट्रेक्टर के बिल अटकने से सभी काम रुक गए थे। कई हाउस मीटिंग वित्तीय संकट पर ही हुई। कमिश्नर केके यादव ने डेवलपमेंट के सभी एजेंडे हाउस मीटिंग से पहले रोक लिए थे। बाद में प्रशासन ने अलग से 150 करोड़ से अधिक का बजट निगम को दिया। इसलिए अब नगर निगम के लिए आरई में 183 करोड़ रुपये मांगे गए हैं। जिससे डेवलपमेंट वर्क किए जा सके।

आम बजट में मिले थे 4511 करोड़ रुपये

आम बजट में साल 2018-19 के लिए चंडीगढ़ को कुल 4511.91 करोड़ रुपये ही मिले थे। जो पिछले साल से महज 4.60 प्रतिशत ही अधिक था। रेवेन्यू हेड में 4006.88 करोड़ और कैपिटल हेड 505.03 करोड़ रुपये मिले थे। हालांकि प्रशासन ने मांग 5908 करोड़ रुपये की भेजी थी। 1497 करोड़ रुपये कम मिले थे। 2017-18 में 4312.40 करोड़ रुपये बजट मिला था।

छह महीने में खर्च हो गया 60 प्रतिशत

इस बार बजट खर्च करने में प्रशासन ने काफी चुस्ती दिखाई है। सभी डिपार्टमेंट की एक्सपेंडिचर रिपोर्ट बेहतर रही है। पहले दो क्वार्टर में सितंबर तक ही 60 प्रतिशत बजट खर्च हो चुका है। अब यह 75 प्रतिशत तक पहुंचने वाला है। हर क्वार्टर में 25 प्रतिशत बजट खर्च करना जरूरी है। बजट कम खर्च करने से यह लैप्स हो जाता है। 2015 में 225 करोड़ इसी वजह से कट गया था।

किसके लिए कितना मांगा बजट

-नगर निगम के लिए 182 करोड़ रुपये 

-बिजली खरीद के लिए 100 करोड़ रुपये 

-सेलरी के लिए 23 कराेड़ रुपये 

-पेट्रोल, ओवर टाइम सीटीयू के लिए 16 करोड़ रुपये 

-भूमि अधिग्रहण के लिए 24 करोड़ रुपये 

-इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के लिए 15 करोड़ रुपये


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