चंडीगढ़ के ट्रैक से उतरी सुपरफास्ट तेजस
विकास शर्मा, चंडीगढ़ हाईटेक सुविधाओं से लैस सुपरफास्ट ट्रेन तेजस का टिकट कट गया है।
विकास शर्मा, चंडीगढ़
हाईटेक सुविधाओं से लैस सुपरफास्ट ट्रेन तेजस का टिकट कट गया है। चंडीगढ़-दिल्ली के लिए प्रस्तावित तेजस इस साल इस रूट पर नहीं चल पाएगी। रेलवे ने चंडीगढ़ से तेजस को हटाकर उसे मुबंई-गोवा के लिए चलाने का फैसला किया है।
ट्राईसिटी से दिल्ली जाने वाले लोग काफी बेसब्री से तेजस का इंतजार कर रहे थे, लेकिन रेलवे के फैसले से उन्हें काफी मायूसी हुई। अब तेजस चलने के लिए अगले साल तक इंतजार करना होगा।
तेजस चलने में देरी की पुष्टि रेलवे के सीनियर अधिकारियों ने भी की है। दरअसल जो पहली सुपरफास्ट तेजस बनकर तैयार हुई थी, रेलवे बोर्ड ने उसे 22 मई से मुंबई और गोवा के बीच में चला दिया। उम्मीद थी कि तेजस का पहला रूट चंडीगढ़-दिल्ली होगा। अब कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री में दोबारा कोच तैयार होने पर ही इस रूट पर तेजस चल पाएगी। नए कोच तैयार करने में एक साल से ज्यादा का समय लग सकता है।
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तीन रूटों पर चलेगी ट्रेन
2016 में रेल बजट के दौरान रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने तीन रूट्स पर सुपरफास्ट तेजस चलने का ऐलान किया था। इनमें चंडीगढ़-दिल्ली, मुंबई-गोवा और दिल्ली-लखनऊ रूट शामिल हैं।
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शेड्यूल और किराया कर दिया था निर्धारित
2016 के विंटर शेड्यूल में रेलवे ने चंडीगढ़-दिल्ली के बीच तेजस चलाने का शेड्यूल और किराया भी निधार्रित कर दिया। इस दौरान ट्रेन की स्पीड का मामला जरूर उठा था, लेकिन कई दौर के निरीक्षण के बाद रेलवे बोर्ड ने इस रूट पर तेजस चलाने को अनुमति भी दे दी।
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अधिकारियों को थी पूरी उम्मीद
कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री में डिब्बे तैयार नहीं होने की वजह से उस समय यह सुपरफास्ट ट्रेन शुरू नहीं हो पाई। कोच निर्माण को देखकर रेलवे अधिकारी यही अनुमान लगाते रहे कि जल्द तेजस चंडीगढ़-दिल्ली के बीच दौड़ेगी।
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इन सुविधाओं से लैस है तेजस
तेजस के कोच काफी हाईटैक हैं। इसलिए इनके निर्माण में काफी समय लग रहा है। तेजस के कोच में टी -कॉफी वेंडिंग मशीनें, स्नैक टेबल्स, वॉल स्क्रीन, बायो-वैक्यूम टॉयलेट्स में वाटर लेवल इंडिकेटर्स, सेंसर्ड टैप और हैंड ड्रायर्स, वाई-फाई सुविधा, टॉयलेट इंगेजमेंट बोर्ड की सुविधा है। ट्रेन में पैसेंजर्स के मनोरंजन के मकसद से स्क्रीन लगाई गई है। इसका इस्तेमाल पैसेंजर को रेलवे से जुड़ी अन्य सूचनाएं और सेफ्टी इंस्ट्रक्शन देने में भी किया जाएगा। हर कोच में इंटिग्रेटेड ब्रेल डिस्प्ले, डिजिटल डेस्टिनेशन बोर्ड और इलेक्ट्रानिक रिजर्वेशन चार्ट भी होंगे। इस कोच में 22 नए फीचर्स हैं। इनमें आग और धुएं का पता लगाने वाला और उन्हें रोकने वाला सिस्टम भी शामिल है।
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कोट्स
तीन सुपर फास्ट तेजस चलाई जानी हैं। ऐसे में जैसे ही कोच तैयार हुए रेलवे ने मुंबई और गोवा के बीच ट्रेन शुरू कर दी। अब नए कोच बनते ही इसे नए रूट पर चलाया जाएगा। किस रूट पर तेजस शुरू करनी है, इसका निर्धारण रेलवे बोर्ड करता है।
- नीरज शर्मा, चीफ पीआरओ, नॉर्दर्न रेलवे
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तेजस का शेड्यूल जारी करना और उसकी रफ्तार के मद्देनजर कई बार रेलवे ट्रैक का निरीक्षण करना यही जता रहा था कि पहली तेजस चंडीगढ़ -दिल्ली रूट पर ही चलेगी, लेकिन यह मुंबई और गोवा के बीच शुरू हो गई। उम्मीद है कि अगली तेजस अंबाला मंडल को ही मिलेगी।
- दिनेश कुमार, डीआरएम, अंबाला मंडल