Move to Jagran APP

सिद्धू के पाक से स्‍टफ्ड तीतर लाने का मामला फंसा, फैसला नहीं ले पा रहा वन्‍य जीव विभाग

नवजाेत सिंह सिद्धू द्वारा पाकिस्‍तान से लाए गए स्‍कफ्ड तीतर का मामला फंस गया है। स्‍कफ्ड तीतर को जांच के लिए वन्‍य जीव विभाग को भेजा गया है, लेकिन वह इस पर फैसला नहीं ले पाया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 16 Dec 2018 10:47 AM (IST)Updated: Sun, 16 Dec 2018 10:49 AM (IST)
सिद्धू के पाक से स्‍टफ्ड तीतर लाने का मामला फंसा, फैसला नहीं ले पा रहा वन्‍य जीव विभाग
सिद्धू के पाक से स्‍टफ्ड तीतर लाने का मामला फंसा, फैसला नहीं ले पा रहा वन्‍य जीव विभाग

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के स्टफ्ड तीतर पर वाइल्ड लाइफ विभाग अभी तक कोई फैसला नहीं ले पाया है। गौरतलब है कि सिद्धू जब श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर के शिलान्यास के लिए पाकिस्तान गए थे तो वहां से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए तोहफे के रूप में स्टफ्ड तीतर लाए थे। सिद्धू खुद इसे लेकर कैप्टन के पास गए थे, लेकिन कैप्टन ने इसे लेने से इन्कार कर दिया था।

loksabha election banner

सीएम ऑफिस ने इस तीतर को वाइल्ड लाइफ विभाग के पास भेज दिया था और पूछा था कि क्या वे इसे रख सकते हैं। इसे भारत सरकार के वन्य जीव इंस्टीट्यूट में रखा गया है। इस बीच वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो पंजाब (डब्ल्यूसीसीबी) के वॉलंटियर संदीप जैन ने इसे वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट-1972 का उल्लंघन बताते हुए वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो नई दिल्ली में सिद्धू के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। हालांकि विभाग का कहना है कि इसमें सिद्धू के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता। क्योंकि सीमा पार से कोई भी सामान कस्टम अधिकारियों की जांच के बाद ही भारत में आता है।

शिकायत मिलने पर करेंगे कार्रवाई

चंडीगढ़ वाइल्डलाइफ विभाग के वार्डन देबेंद्रा दलाई का कहना है कि हमें मीडिया से पता चला है कि स्टफ्ड तीतर नवजोत सिंह ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को भेंट किया है। अगर तीतर को चंडीगढ़ में लाया गया, तो इसके लिए संबंधित व्यक्ति को विभाग से सर्टिफिकेट लेना जरूरी है। साथ ही जहां से तीतर लिया है, उसका सोर्स और वहां से जारी सर्टिफिकेट भी दिखाना होता है।

यह भी पढ़ें: पीएम को एक गरीब लड़की का पत्र - मोदी जी, मेरी सिस्टर की शादी है, प्लीज आप जरूर आना

उन्‍होंने बताया कि वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट-1972 के तहत किसी भी जंगली जानवर के शिकार या उसकी खाल को बिना अनुमति रखना कानूनी तौर पर अपराध है। हमें इससे संबंधी कोई शिकायत नहीं मिली है। यदि शिकायत मिलेगी तो हम इसे रिकॉर्ड में लेंगे और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.