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पंजाब में आप के विधायकों पर शिअद की नजर, 14 का ग्रुप बनाने की कोशिश

पंजाब में आम आदमी पार्टी की कलह थम नहीं रही। पार्टी के दो तिहाई विधायकों यानि 14 विधायकों का ग्रुप बनाने की कोशिश हाे रही है। शिअद की भी अाप विधायकों पर नजर होने की चर्चा है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 29 Apr 2017 11:06 AM (IST)Updated: Sat, 29 Apr 2017 11:15 AM (IST)
पंजाब में आप के विधायकों पर शिअद की नजर, 14 का ग्रुप बनाने की कोशिश
पंजाब में आप के विधायकों पर शिअद की नजर, 14 का ग्रुप बनाने की कोशिश

चंडीगढ़, [मनोज त्रिपाठी]। पंजाब में आम आदमी पार्टी नेताओं के बगावती सुर के कारण पार्टी में अंतर्कलह तेज हो गई है। यह अंतर्कलह यदि नहीं रुकी तो पार्टी टूट भी सकती है। ऐसे में शिरोमणि अकाली दल भी आप के असंतुष्ट विधायकों पर नजर जमाए हुए है। यदि आप के दो तिहाई विधायक अलग ग्रुप बना कर शिअद से हाथ मिला लेते हैं तो वह विपक्ष की भूमिका में आ सकता है। आप के कुछ नेताओं की पार्टी के 14 विधायकों का ग्रुप बनाने की कोशिश की भी सूचना है।

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अाम कुछ नेता 14 विधायकों का ग्रुप बनाने की क‍ाेशिश में

पंजाब विधानसभा चुनाव में हार के बाद दिल्‍ली नगर निगम चुनाव में भी पराजय से आप में सुधार के नाम पर उठे पार्टी नेतृत्‍व के विरोध में उठे सुर फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। दिल्ली नगर निगम चुनाव के परिणाम आने के बाद पार्टी के पंजाब प्रभारी संजय सिंह व संगठन प्रभारी दुर्गेश पाठक के इस्तीफे के बाद अंदरखाते चल रही बगावत और तेज हो गई है।

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बताया जाता है कि पार्टी के कुछ नेताओं की कोशिश है कि किसी भी प्रकार 14 विधायकों का ग्रुप बनाकर आगे की सियासत की जाए। अगर ऐसा होता है तो इन 14 विधायकों का ग्रुप किसी के साथ भी हाथ मिलाकर पंजाब की सियासत में नई हलचल पैदा कर सकता है।

पंजाब विधानसभा चुनाव के बाद आप के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के आदेश के बाद पार्टी की तरफ से प्रदेश के सभी विधानसभा हलकों में हलका इंचार्जों के साथ बैठकें करके वालंटियर्स को नए सिरे से जोड़ने की कवायद पार्टी ने शुरू की थी।

जालंधर में पहली बैठक में ही पार्टी के प्रवक्ता व चीफ व्हिप सुखपाल सिंह खैहरा ने स्पष्ट तौर पर यह कहकर झंडा बुलंद कर दिया था कि अब पंजाब में बाहरी नेतृत्व को स्वीकार नहीं किया जाएगा। अगर पार्टी को मजबूत करना है तो बाहरी नेतृत्व को किनारे करके पंजाब की आम आदमी पार्टी बनानी होगी। इसके बाद अन्य हलकों में हुई ज्यादातर बैठकों में भी यही मुद्दा उठता रहा, नतीजतन पार्टी ने हलका बैठकों को बंद करवा दिया।

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पार्टी के कुछ नेता फिलहाल 14 विधायकों का ग्रुप बनाने की कवायद में लगे हैं। सियासी गलियारों में इस बात को लेकर कयासबाजी का दौर चल रहा है कि अगर यह ग्रुप बन गया तो वह अकाली दल या भाजपा में से किसके साथ जुड़ेगा, या अपनी अलग सियासत करेगा।

फिलहाल अभी यह कहना मुश्किल है कि आप में चल रही यह सियासत किस करवट बैठेगी, लेकिन इतना तय है कि समय रहते पार्टी नेतृत्व ने इसमें दखलंदाजी कर मामले को नहीं संभाला तो आने वाले कुछ दिनों में ही पार्टी दो फाड़ नजर आएगी। जानकाराें की इस 'खेल' में पार्टी के वरिष्ठ नेता सांसद भगवंत मान और सुखपाल सिंह खैहरा की भूमिका पर सबसे अधिक नजर है।

14 विधायक टूटे तो बचेंगे सिर्फ छह और छिन जाएगा नेता विपक्ष का पद

अभी आप के 20 विधायक हैं। इनमें से दो तिहाई यानी 14 टूट जाते हैं तो छह विधायकों के दम पर पार्टी की हालत कमजाेर हो जाएगी और विधानसभा में नेता विपक्ष का पद भी उसके हाथ से चला जाएगा। अगर अान के 14 विधायक टूट कर शिअद से हाथ मिला लेते हैं तो शिअद के विधायकों की संख्‍या 29 हो जाएगी। उसे भाजपा के तीन विधायकों का साथ भी है तो ऐसे में शिअद के समर्थक विधायकों की संख्‍या 32 विधायक हो जाएगी। इसके साथ् ही शिअद के हिस्‍से में नेता विपक्ष का पद भी आ जाएगा। की भूमिका में आ सकता है।

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पार्टी विधायकों के ग्रुप बनाने की बात विरोधी दलों की चाल : गुरप्रीत

दूसरी आेर, आम आदमी पार्टी के पंजाब कन्‍वीनर गुरप्रीत सिंह वड़ैच घुग्घी का कहना है कि अभी तक पार्टी में किसी तरह की फूट या विधायकों का कोई ग्रुप बनाने की जानकारी जैसी बात सामने नहीं आई है। यह केवल विरोधियों की चाल हो सकती है। पंजाब में आप विपक्ष में है और अपनी भूमिका को अच्छी तरह से निभा रही है। आने वाले समय में लोगों को भी इसका एहसास हो जाएगा। हां, अगर 14 विधायक एक मंच पर एकत्र होकर अलग ग्रुप बनाते हैं तो वह कुछ भी कर सकते हैं। कोई विधायक बगावत की बात करता है तो उसके साथ बातचीत की जा सकती है।

 


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