Move to Jagran APP

रेलवे नहीं बता रहा पंजाब में कितने किसानों पर दर्ज हैं केस, गृह विभाग दो बार लिख चुका है रेल मंत्रालय को पत्र

कृषि कानूनों के विरोधस्वरूप रेलवे ट्रैकों पर धरना दे रहे किसानों पर रेलवे द्वारा केस दर्ज किया गया है। लेकिन कितने किसानों पर केस दर्ज है इसकी जानकारी पंजाब सरकार को नहीं है। रेलवे मंत्रालय इस संबंध में पंजाब को जानकारी नहीं दे रहा है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 09:36 AM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 09:36 AM (IST)
रेलवे नहीं बता रहा पंजाब में कितने किसानों पर दर्ज हैं केस, गृह विभाग दो बार लिख चुका है रेल मंत्रालय को पत्र
पंजाब में रेलवे ट्रैक पर धरने पर बैठे किसान। फाइल फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। कृषि सुधार कानूनों को लेकर किसान संगठनों का संघर्ष जारी है। इन कानूनों को रद करने के अलावा किसान संगठनों की एक मांग यह भी है कि पूर्व में रेलवे द्वारा दर्ज एफआइआर को रद किया जाए। किसान संगठनों की इस मांग को लेकर पंजाब सरकार की स्थिति खासी असहज है। सरकार के पास इस बात की कोई जानकारी ही नहीं है कि रेलवे ने कितने एफआइआर किसानों पर दर्ज किए हैं। रेल मंत्रालय पंजाब सरकार से यह जानकारी साझा भी नहीं कर रहा है।

loksabha election banner

भारतीय किसान यूनियन डकौदा के जनरल सेक्रेटरी जगमोहन सिंह का कहना है, पूर्व में रेलवे ने किसानों पर पर्चे दर्ज किए हैं। इन पर्चों को रद करना चाहिए। किसान संगठनों ने इस संबंध में पंजाब सरकार द्वारा मंत्रियों की गठित की गई कमेटी को भी अवगत करवाया है।

अहम पहलू यह है कि गृह विभाग ने इस संबंध में दो बार गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है, लेकिन मंत्रालय की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है। वहीं, पंजाब सरकार की परेशानी यह है कि न तो उसके पास यह जानकारी है कि जीआरपी ने कितने किसानों पर पर्चे दर्ज किए हैंं और न ही पंजाब सरकार के पास कानूनी रूप से यह अधिकार है कि वह रेलवे द्वारा दर्ज किए गए पर्चों को रद कर सके। वहीं, किसान संगठनों द्वारा राज्य सरकार पर यह दबाव लगातार बनाया जा रहा है।

गृह विभाग के एक उच्चाधिकारी बताते हैं, मामला रेल मंत्रालय का है, इसलिए वह केवल मंत्रालय से जानकारी मांग सकते हैं, लेकिन मंत्रालय जानकारी दे नहीं रहा है। कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के प्रदर्शन के कारण 47 दिन से पंजाब में रेलगाडिय़ां नहीं चल रही हैं। 22 दिन पहले किसान संगठनों ने भले ही रेल ट्रैक खाली कर दिए थे, लेकिन किसान संगठनों की शर्त थी कि वह यात्री गाड़ी को नहीं चलने देंगे। इस कारण रेल मंत्रालय ने गाड़ियोंं का परिचालन बंद कर रखा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.