पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बाजवा का इस्तीफा, अमरिंदर की ताजपोशी तय
कांग्रेस के पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी नेतृत्व ने इसे स्वीकार कर लिया गया है।पंजाब विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता और नेता विपक्ष सुनील जाखड़ ने भी इस्तीफा दे दिया है।
चंडीगढ़, [हरिश्चंद्र]। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बाजवा से पार्टी नेतृत्व ने वीरवार को अचानक इस्तीफा मांग लिया। इसके साथ ही पंजाब विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता और नेता विपक्ष सुनील जाखड़ ने भी त्यागपत्र दे दिया। इस नए घटनाक्रम से पंजाब खासकर कांग्रेस की राजनीति गर्मा गई है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपा जाना लगभग तय है।
बिहार में भाजपा की हार के बाद कांग्रेस हाईकमान ने पंजाब में भी अपनी मोर्चाबंदी तेज करने का फैसला किया है। देर सायं बाजवा और सुनील जाखड़ ने अपने इस्तीफे भेजे, जिन्हें हाईकमान ने तुरंत स्वीकार कर लिया। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अब किसी भी समय अमरिंदर को पंजाब कांग्रेस का प्रधान बनाने की घोषणा हो सकती है।
सुनील जाखड़ ने कांग्रेस विधायक दल के नेता पद से दिया त्यागपत्र
सुनील जाखड़।
कैप्टन अमरिंदर सिांह को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने की चर्चाएं लंबे समय से चल रही थीं। समझा जाता है कि अकाली-भाजपा नेताओं की उनके खिलाफ बयानबाजी और अब केंद्र द्वारा विदेशी बैंक खाते संबंधी लीक किए दस्तावेज से हाईकमान ने तुरंत संगठन में बदलाव का मन बना लिया।
बाजवा को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटाने की चर्चा काफी समय से चल रही थी। कैप्टन अमरिंदर सिंह व उनके समर्थकाें ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा था। कैप्टन समर्थक मांग कर रहे थे कि अमरिंदर सिंह को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए।
पिछले दिनों राहुल गांधी के पंजाब दौरे के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि बाजवा की जगह कैप्टन अमरिंदर को अध्यक्ष बनाया जाएगा। इसी दौर के दौरान बाजवा और अमरिंदर में सुलह हुई थी और दाेनों गुटों के नेताओं ने एक-दूसरेे के खिलाफ बयानबाजी बंद की थी। बीते करीब डेढ़ माह में अमरिदर सिंह की राहुल गांधी के साथ बार-बार बैठक के बाद दोनों के संबंध सुधरे हैं और तभी से उन्हें प्रधानगी मिलने के कयास शुरू हो गए थे।
सुनील जाखड़ का कैप्टन अमरिंदर सिंह समर्थक माने जाते हैं, इसीलिए उनका त्यागपत्र दाेनों गुटों में संतुलन साधने की कवायद मानी जा रही है। माना जा रहा है कि उनकी जगह किसी बाजवा समर्थक को कांग्रेस विधायक दल का नेता व विधानसभा में नेता विपक्ष बनाया जा सकता है।
कद्दावर नेता को कमान सौंपना जरूरी : राहुल
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अमरिंदर सिंह को कमान सौंपने का संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि पंजाब में जो माहौल बन रहा है, उसे देखते हुए चुनाव से पहले किसी कद्दावर नेता को वहां की बागडोर सौंपना जरूरी हो गया है।
दो-तीन दिन में हो जाएगी तस्वीर साफ : शकील
कांग्रेस महासचिव व प्रदेश प्रभारी शकील अहमद का कहना है कि दो-तीन दिनों में पूरी तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी। बहरहाल, ऐसी संभावना है कि 28 नवंबर को प्रदेश प्रधान, नेता प्रतिपक्ष व साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कैंपन कमेटी के प्रमुख की घोषणा हो जाएगी।
सिख, हिंदू व दलित वोट को साधने की तैयारी
सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले पर अब सुनील जाखड़ की जगह कांग्रेस किसी दलित नेता को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बना सकती है। अभी प्रधान व इस पद पर जाट नेता ही काबिज थे। जानकारों का कहना है कि यह पद लाल सिंह, साधू सिंह धर्मसोत या चरणजीत सिंह चन्नी में से किसी को दिया जा सकता है। पंजाब में 32 फीसद दलित मतदाता हैैं और दोआबा में उनकी संख्या सबसे अधिक है।
हिंदू चेहरा हो सकता है कैंपेन कमेटी का प्रमुख
सवा साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कैंपेन कमेटी के प्रधान की घोषणा भी प्रदेश अध्यक्ष ओर कांग्रेस विधायक दल के नेता के साथ ही हो जाएगी। चर्चा है कि किसी हिंदू नेता को कैंपेन कमेटी का प्रधान बनाया जा सकता है। इनमें अंबिका सोनी का नाम इस समय सबसे ऊपर है।
कैप्टन ही होंगे सीएम पद के दावेदार?
मुख्यमंत्री पद का दावेदार कौन होगा, इसका जवाब कांग्रेस नेताओं का यही जवाब होगा कि इसका फैसला चुनाव के बाद विधायक दल की बैठक में होगा। लेकिन, यह तय है कि बिना यह शर्त मनवाए अमरिंदर प्रधान बनने को राजी नहीं हुए होंगे। पिछले विधानसभा चुनाव में मोहिंदर सिंह केपी प्रधान थे, जबकि कैप्टन अमरिेंदर कैंपेन कमेटी के चेयरमैन। अमरिंदर को ही मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश किया गया था।