Move to Jagran APP

कैप्टन के 21 सिख नौजवानों के कत्ल के बयान पर राजनीति तेज

कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रश्‍ोखर के समक्ष 21 उग्रवादी नौजवानों के समर्पण कराने और बाद में उनकी हत्‍या किए जाने के बयान पर पंजाब में राजनीति तेज हो गई‍ है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 20 May 2017 08:51 AM (IST)Updated: Sat, 20 May 2017 08:51 AM (IST)
कैप्टन के 21 सिख नौजवानों के कत्ल के बयान पर राजनीति तेज
कैप्टन के 21 सिख नौजवानों के कत्ल के बयान पर राजनीति तेज

जेएनएन, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के 21 सिख नौजवानों के कत्ल से संबंधित बयान पर पंजाब में सियासत तेज हो गई है। शिरोमणि अकाली दल ने कैप्टन को इस मामले में गवाही देने को कहा है। अकाली नेता सरदार विरसा सिंह ने कहा कि यह अच्छी बात है कि अमरिंदर ने 1990 के दौरान 21 सिख नौजवानों का प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के आगे आत्मसमर्पण करवा कर उनकाे मौत के मुंह में धकेलने वाली बात का पछतावा किया है। इस तरह उन्‍होंने अपनी आत्मा से बोझ उतार दिया है। अफसोस इस बात का है कि सिर्फ पछतावा करके कैप्टन ने इस मसले से ख़ुद को मुक्त कर लिया।

loksabha election banner

 उन्‍होंने कहा कि 2002-2007 के दौरान पंजाब का मुख्यमंत्री रहने के बावजूद इस केस को लेकर कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि अब भी सब कुछ खत्म नहीं हुआ है। अमरिंदर अपनी आत्मा का बोझ हलका कर सकते हैं। वह जानते हैं कि यह घटना कब हुई थी। वह उनको भी जानते हैं, जो उस दौर के बड़े पुलिस अफसर थे। उन्होंने कहा कि अमरिंदर को 21 सिख नौजवानों को खत्म करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का हुक्म देना चाहिए।

कैप्टन ने अपनी किताब में इस बात का जिक्र करते हुए कहा कि तत्‍कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के समक्ष 21 उग्रवादी नौजवानों को आत्मसमर्पण कराया था। इन नौजवानों को जिन्हें बाद में मौत के घाट उतार दिया गया था। इसका पता उन्हें छह माह बाद लगा था। वह खुद को उन लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार मानते हैं।

यह भी पढ़ें: नौ माह की चाहत को मदद की दरकार, पैसे न होने पर PGI ने किया इलाज से इन्‍कार

अकाली नेता ने कहा कि यह बयान काफी नहीं है कि छह महीने बाद जब अमरिंदर को पता चला कि 21 नौजवानों को खत्म किया जा चुका है तो उसके बाद उन्होंने चंद्रशेखर को कभी नहीं बात की। उन्होंने कहा कि अमरिंदर की 21 नौजवानों के प्रति जिम्मेदारी थी। अमरिंदर को तुरंत पीडि़तों की पहचान करनी चाहिए और परिवारों को मुआवजा देना चाहिए। इसके अलावा दोषियों को सजा दिलवानी चाहिए।

अकाली नेता ने कहा कि यह मानवाधिकारों के उल्लंघन का मामला था। इसलिए राज्य मानवाधिकार आयोग को भी इस संबंध में केस दर्ज करना चाहिए। आयोग दोषियों की पहचान के लिए राज्‍य सरकार से अपेक्षित रिकॉर्ड तलब कर सकता है।

कैप्टन पूरा सच सामने लाएं : खालड़ा मिशन

खालड़ा मिशन ऑर्गेनाइजेशन प्रमुख परमजीत खालड़ा, मुख्य वक्ता सतविंदर सिंह पलासोर, प्रधान हरमनदीप सिंह, उपप्रधान विरसा सिंहं, केंद्रीय समिति मेंबर सतवंत सिंह मानक और पंजाब मानवाधिकार संगठन के डिप्टी चेयरमैन कृपाल सिंह रंधावा ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को इस मामले में पूरा सच सामने लाना चाहिए।

यह भी पढ़ें: 46 साल से पाक जेल में बंद सैनिक की रिहाई के लिए पत्नी की हाईकोर्ट से गुहार

इन नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री ने ऐसा बयान देकर एक बार फिर जंगलराज को सार्वजनिक किया है। शहीद भाई जसवंत सिंह खालड़ा ने कहा था कि पंजाब में 25 हजार सिख युवकों को झूठे मुकाबलों में मार कर उनके शवों को अज्ञात बताकर उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया था। हजारों नौजवानों की लाशें दरिया व नहरों में बहा दी गई थीं। भाई खालड़ा ने शहादत दे कर दिल्ली दरबार और केपीएस गिल को बेनकाब किया था।
 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.