पीएम मोदी रहें देश के किसी भी कोने में पर दिल बसता है चंडीगढ़ में
उनका दिल चंडीगढ़ में ही बसता है।
विशाल पाठक, चंडीगढ़ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के किसी भी कोने में रहें, लेकिन उनका दिल चंडीगढ़ में ही बसता है। पीएम मोदी का चंडीगढ़ से गहरा रिश्ता रहा है। वर्ष 1996 में जब पीएम मोदी को चंडीगढ़ भाजपा का कार्यभार सौंपा गया था। तबसे उनके दिल में चंडीगढ़ बसता आया है। वीरवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार देश की बागडोर संभालने को लेकर शपथ ली। इस बीच चंडीगढ़ के लोगों में भी पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर जोश व खुशी नजर आई। एक ओर जहां पूरे देश में नमो-नमो की गूंज सुनाई पड़ी। दूसरी ओर चंडीगढ़ में भी पीएम मोदी की इस ऐतिहासिक जीत का जश्न देखने को मिला। चंडीगढ़ में पहली बार पीएम मोदी ने 1991 में रखे थे कदम
1991 में कन्याकुमारी से कश्मीर तक जब सद्भावना यात्रा को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी यहां पहुंचे थे। तब उनके साथ नरेंद्र मोदी भी थे। भाजपा चंडीगढ़ के सीनियर लीडरों की मानें तो पहली मुलाकात में ही उस समय नरेंद्र मोदी ने यहां के लोगों के मन में अपनी जगह बना ली थी। जो लोग उन्हें नजदीक से जानते हैं, उनका मानना है कि नरेंद्र मोदी एक ऐसी शख्सियत हैं, जोकि कभी किसी काम या कदम उठाने से नहीं डरते हैं। उनमें फैसले लेने की क्षमता है। वह सबको एक साथ लेकर चलने की सोच रखते हैं। वर्ष 1991 के बाद पीएम मोदी को चंडीगढ़ दोबारा आने का तब मौका मिला। जब पार्टी हाईकमान की ओर से उन्हें चंडीगढ़ का कार्यभार सौंप दिया गया। वर्ष 1996 में नरेंद्र मोदी को पार्टी का कामकाज देखने के लिए चंडीगढ़ में भेजा गया था। नरेंद्र मोदी पंचकूला के सेक्टर-7 स्थित मकान नंबर-481 में रह चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तो चंडीगढ़ से विशेष नाता रहा है। 90 के दशक में बतौर पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ भाजपा प्रभारी मोदी यह मकान भाजपा नेता महावीर प्रसाद के नाम पर था। महावीर अब इस दुनिया में नहीं हैं। उनके छोटे भाई राजकिशोर यहीं रहते हैं। भाजपा के कोषाध्यक्ष राजकिशोर ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी जिस कमरे में रहते थे, उसमें एक बार चोरी भी हो गई थी। मोदी 1994 से 99 तक इसी मकान में रहे। इस दौरान वह चंडीगढ़ में तीनों राज्य व यूटी पार्टी पदाधिकारियों से मीटिग करते थे। ट्राईसिटी के बहुत से लोगों से निजी तौर पर जुड़े रहते थे। प्रभारी रहते हुए उनका चंडीगढ़ के साथ पंजाब और हरियाणा की राजनीति में भी अहम रोल रहता था। यही वजह है कि वह चंडीगढ़ की सीट जीतने के लिए 2014 और 2019 में भी खुद मैदान में उतरे थे। पीएम मोदी अपने कार्यकर्ताओं के सहयोग को कभी नहीं भूलते
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की खासियत है कि वह एक बार जिनसे मिल लेते हैं, उन्हें कभी नहीं भूलते। सत्ता के शिखर पर पहुंचने के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी पार्टी के छोटे कार्यकर्ताओं की सुध लेना नहीं भूलते हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी जब चुनाव प्रचार के लिए चंडीगढ़ पहुंचे, तो उन्होंने चंडीगढ़ भारतीय जनता पार्टी कार्यालय के प्रभारी मदन गोपाल को याद किया। जैसे ही वह मदन गोपाल से मिले। उन्हें गले लगा लिया था। उन्होंने मदन गोपाल जी का हाल-चाल पूछा था और चुनाव के बाद दिल्ली आने का न्योता भी दिया था। प्रधानमंत्री 30 साल पहले जब पार्टी के क्षेत्रीय प्रभारी थे तो उनका अकसर चंडीगढ़ आना-जाना होता था। उस वक्त मदन गोपाल उनकी बैठकों का आयोजन, दरी बिछाने, चाय की व्यवस्था करने और उनके पसंदीदा दाल-चावल बनाने में भी मदद करते थे। मदन गोपाल एक कर्मठ पार्टी कार्यकर्ता हैं और 75 साल की उम्र पार करने के बाद भी पार्टी के प्रति समर्पण से काम करते हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति को चंडीगढ़ लेकर आए थे पीएम मोदी
वह पीएम नरेंद्र मोदी ही थे, जिनके नेतृत्व में पहली बार सिटी ब्यूटीफुल में पहली बार फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने भारत और फ्रांस के बीच नए रिश्तों की शुरुआत की थी। चंडीगढ़ स्थित द कैपिटल कांप्लेक्स और रॉक गार्डन में उस समय पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद और पीएम मोदी ने व्यापार, टूरिज्म, डिफेंस और अन्य प्रमुख मुद्दों पर एक दूसरे को सहयोग देने की नई शुरुआत की थी। चंडीगढ़ और हरियाणा के लिए लकी रहे हैं पीएम मोदी
चंडीगढ़ और हरियाणा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी हमेशा से लकी रहे हैं। उनके प्रभारी रहते पार्टी चंडीगढ में दो बार संसदीय सीट जीती। इस दौरान सत्यपाल जैन सांसद बने। इसके बाद वर्ष 2014 और इस बार फिर 2019 में यह नरेंद्र मोदी का ही मैजिक था कि पार्टी को दोबारा से चंडीगढ़ सीट पर जीत मिली। जिसके बूते पर पार्टी प्रत्याशी किरण खेर ने शानदार जीत प्राप्त की। इसी तरह हरियाणा में भी पीएम मोदी के मैजिक ने कमाल किया।
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