पिंकी हत्याकांड : एक को उम्रकैद व दो को ताउम्र कैद
हां के बहुचर्चित पिंकी हत्याकांड में जिला अदालत ने तीनों आरोपियों आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। एक महिला आराेपी को आजीवन कारावास और दो अन्य दोषियों को ताउम्र कैद की सजा सुनाई गई है। पलसौरा की 11 साल की पिंकी की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी।
चंडीगढ़। यहां के बहुचर्चित पिंकी हत्याकांड में जिला अदालत ने तीनों आरोपियों आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। एक महिला आराेपी को आजीवन कारावास और दो अन्य दोषियों को ताउम्र कैद की सजा सुनाई गई है। पलसौरा की 11 साल की पिंकी की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी।
अदालत ने तीनों कोे 25 अगस्त को दोषी करार दिया था। इस मामले में एक आरोपी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। अदालत ने महिला अरोपी पर एक लाख 10 हजार रुपये और अन्य दाेनों आरोपियों में से प्रत्येक पर एक लाख 60 हजार रुपये का जुर्माना भी किया।
यह भी पढ़ें : हाई कोर्ट ने पूछा, क्या सिपाही का काम केवल गोली खाकर मर जाना है
अदालत ने शुक्रवार को दाेषियों को सजा सुनाई। मामले की मास्टरमाइंड सुनीता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गर्इ। दाे अन्य दोषियों भगत व राजकुमार को ताउम्र कैद की सजा सुनाई गई। पिंकी का श्ाव 1 दिसंबर 2013 को चंंडीगढ़ के सेक्टर- 52 के पास जंगलों में मिला था। वह सेक्टर- 54 की एक स्कूल में छठी कक्षा में पढ़ती थी। वह 27 नंवबर 2013 से घर से लापता थी।
यह भी पढ़ें : विजेंद्र को फिर राहत नहीं, हाई कोर्ट ने कहा-छुट्टी की जल्दी है तो नौकरी छोड़ दो
अाराेप है कि इस हत्याकांड की साजिश सुनीता ने रची थी। वह पिंकी के परिवार के पड़ोस में रहती थी और उसका उनसे झगड़ा हो गया था। इस कारण उसने अपने साथी अनिरूद्ध, भगत व राजकुमार के साथ मिलकर पिंकी काघर के पास से अपहरण कर लिया। अारोप था कि अनिरूद्ध,भगत व राजकुमार ने बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद 29 दिसंबर 2013 को गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। उन्होंने शव जंगल में फेंक दिया। अनिरूद्ध को पुलिस आज तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
सजा सुनाए जाने के बाद दोषी करार महिला बेहाेश हो गई
मामले में भगोड़ा एक नाबालिग
मामले में एक अन्य आरोपी नाबालिग अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। वह माेहाली के एक अन्य हत्या मामले में बाल सुधारगृह में बंद था और वहां से फरार हो गया था। उसे पिंकी हत्या मामले में ट्रायल कोर्ट की ओर से नाबालिग घोषित नहीं किया जा सका। उसके वकील ने नाबालिग घोषित किए जाने की अर्जी भी दायर की थी, लेकिन अर्जी पर निर्णय होने से पहले ही वह फरार हो गया। अदालत उसे भगोड़ा घोषित कर चुकी है
शाति बदमाश है फरार नाबालिग
डेराबस्सी के एक एटीएम के सिक्योरिटी गार्ड आलम खान की हत्या के मामले में मोहाली पुलिस ने राजकुमार के साथ नाबालिग अनिरुद्ध को गिरफ्तार किया था। दोनों किसी पेट्रोल पंप में काम करते थे।वे एटीएम कार्ड क्लोंनिग मामले में गिरफ्तार मुकुल गर्ग और रमनदीप कौर की सहायता करते थे। गिरोह के सरगना की गिरफ्तारी के बाद यह आरोपी पेट्रोल पंप छोड़कर फरार हो गए थे।
इसके बाद आरोपियों ने 10 नवंबर को डेराबस्सी में एक एटीएम लूटने के मकसद से सिक्योरिटी गार्ड आलम खान की हत्या की थी। हत्या के 37 दिन बाद मोहाली पुलिस दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। बाद में उन्हें चंडीगढ़ पुलिस एटीएम कार्ड क्लोनिंग मामले में फरार चलने के कारण प्रोडक्शन वांरट पर लाई।
एेसे हुई पिंकी की हत्या
चार दिन के रिमांड अवधि के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि पिंकी के पड़ोस में रहने वाल एक महिला
ने ही उसकी मौत की साजिश रची थी। जिसके लिए उन्हें 50 हजार का लालच देकर पिंकी की सुपारी दी गई थी। लेकिन महिला के एक साथी ने ही उसकी हत्या कर दी।
दोनों ने बताया था कि 27 दिसंबर की शाम ही पिंकी के पड़ोस में रहने वाली सुनीता उर्फ बिल्ली और उसके साथी ने पिंकी को उसके घर के पास से शाम करीब पांच बजे अगवा कर लिया था। जिसके बाद दोनों ने 27 तारीख पिंकी को अपने ही घर में रखा।
दोनों ने एक आटो वाले से संपर्क साधा था और 29 तारीख की शाम करीब 7 बजे
नाबालिग, राजकुमार, उसे मोहाली फेज-7 ले गए। जहां ले जाकर भगत सिंह उर्फ मंगा ने पिंकी का गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। पिंकी के साथ दुष्कर्म भी किया गया था। इसके बाद पुलिस ने सुनीता, भगत, नाबालिग और राजकुमार उर्फ राजा को गिरफ्तार किया था।