किरण खेर के कार्यक्रम से नाराज होकर चले गए मेयर कालिया, जानें क्या रही वजह
सांसद किरण खेर की जीत और फिर से मोदी सरकार बनने पर आयोजित हुए धन्यवाद समारोह में नगर निगम के मेयर राजेश कालिया नाराज हो गए।
जेएनएन, चंडीगढ़। सांसद किरण खेर की जीत और फिर से मोदी सरकार बनने पर आयोजित हुए धन्यवाद समारोह में नगर निगम के मेयर राजेश कालिया नाराज हो गए। क्योंकि मंच पर जो बोर्ड लगा था, उसमें उनकी तस्वीर गायब थी, जबकि बोर्ड पर पीएम मोदी, अमित शाह, हरियाणा सरकार के कैबिनेट मंत्री, पार्टी प्रभारी प्रभात झा, भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन और सांसद किरण खेर की तस्वीर थी। कालिया पहले मंच पर ही नहीं चढ़े, जबकि मंच से उनका नाम बार-बार पुकारा गया। वे मंच के सामने आम कार्यकर्ता के साथ कुर्सी पर बैठ गए।
कालिया को मनाने के लिए पार्टी के उपाध्यक्ष रामवीर भट्टी उनके पास आए, लेकिन वह नहीं माने। उन्होंने रामवीर भट्टी को कहा कि उनके साथ यह तीसरी बार हुआ है, जबकि एक मेयर के पद की गरिमा का तो ख्याल रखना चाहिए था। कुर्सी पर कुछ देर बैठकर कालिया पंडाल से बाहर आ गए और अपनी कार से निकल गए, लेकिन जब इसकी जानकारी भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन को मिली, तो उन्होंने कालिया को फोन किया और पंडाल में आने के लिए कहा।
इसके बाद भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन ने अपने भाषण के दौरान कालिया को मंच पर बुलाया, जिसके बाद कालिया मंच पर आए। मालूम हो कि इससे पहले चुनाव प्रचार के दौरान जब पीएम मोदी आए थे और उससे पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह शहर में जनसभा करने के लिए आए थे, तब भी बोर्ड पर उनकी तस्वीर नहीं थी। इस बात का कालिया में रोष है।
शाह के समय पर भी नहीं था उनका फोटो
सेक्टर-27 के कार्यकर्ता सम्मेलन में शाह के आगमन पर बोर्ड पर कालिया की तस्वीर न होने पर उनकी पूर्व मेयर अरुण सूद के साथ जमकर बहस भी हो चुकी है। मंच पर संगठन मंत्री दिनेश कुमार, पूर्व सांसद सत्यपाल जैन, अंबाला से सांसद रतनलाल कटारिया की पत्नी भी मौजूद रहीं।
मेरी बहुत आलोचना हुई लेकिन मैं डरी नहीं : खेर
सांसद किरण खेर ने कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करते हुए कहा कि चुनाव के दौरान उनकी काफी आलोचना हुई। लेकिन वे डरी नहीं। उनके बारे में कहा गया कि पहली बार खेर सेलिब्रिटी होने के कारण जीत गई थी, लेकिन वे दूसरी बार जीतीं। उन्होंने कहा कि कोई पहली बार सेलिब्रिटी होने के कारण जीत सकता है, लेकिन दूसरी बार उसकी कारगुजारी होने के कारण वह जीतता है। यह उन्होंने पीएम मोदी से ही सीखा है कि जो पत्थर आप पर फेंके जाए, उससे ही महल बनाना पड़ता है। उन्होंने पूर्व पार्षद सतिंदर सिंह की भी तारीफ की, जिन्होंने अपनी वकालत छोड़कर खेर की चुनाव कमान संभाली। उन्होंने सहदेव सलारिया का सोशल मीडिया पर प्रचार करने की जिम्मेदारी संभालने पर धन्यवाद किया। अगला चुनाव भी भाजपा ही जीतेगी।
मंच तक कार्यकर्ता ही पहुंचाते हैं नेता को
भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन ने कहा कि नेता मंच पर तभी पहुंचता है, जब कार्यकर्ता अपना बूथ जीताकर आता है। उनके एक कार्यकर्ता का भी फोन आया, जिसने बताया कि उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार पवन बंसल के मतदाता वाले बूथ को जितवाया है। मतदान के दिन दोपहर तीन बजे वह धनास में गए, वहां पर मतदान डालने वालों की लंबी लाइन देखकर वह हैरान हो गए, जबकि गर्मी काफी थी। जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनकी गांव से फोन आया है कि मोदी ने उन्हें काफी कुछ दिया है, इसलिए उम्मीदवार चाहे कोई हो, लेकिन मोदी के नाम पर ही वोट देना।
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