अदालत ने नशा तस्करों पर कसी नकेल
अविनाश शर्मा/अमित गौतम, चंडीगढ़ शहर की सीमा में नशा सप्लाई करने वालों को अदालत ने इस वष
अविनाश शर्मा/अमित गौतम, चंडीगढ़
शहर की सीमा में नशा सप्लाई करने वालों को अदालत ने इस वर्ष आड़े हाथों लिया है। नशा तस्करी (एनडीपीएस) एक्ट के मामलों में जनवरी से अब तक अदालत आरोपियों का दोष साबित होने पर उन्हें एक वर्ष से 15 वर्ष तक की सजा भी सुना चुकी है।
जबकि इससे पूर्व एनडीपीएस एक्ट मामले के दोषियों को बीस वर्ष तक की कैद और फांसी तक के फैसले भी सुनाए जा चुके हैं। इन दोषियों में से कोई अफीम, कोई चरस, गांजा, स्मैक व हेरोइन सहित प्रतिबंधित इंजेक्शन व दवाओं के साथ गिरफ्तार हुए हैं। हालांकि इस वर्ष अभी तक जिन एनडीपीएस एक्ट के केसों में दोषियों को सजा सुनाई गई है, वे अधिकतर बीते वर्षो के दर्ज मामले हैं। जबकि यूटी पुलिस ने इस वर्ष भी चंडीगढ़ में नशा सप्लाई करने और यहां से होकर किन्हीं अन्य राज्यों में नशा सप्लाई करने जाने वाले तस्करों को भी दबोचा है। नशा तस्करी के मामलों में अदालत दोषियों के खिलाफ अपना कड़ा रूख स्पष्ट कर चुकी है। हालांकि बीते समय एनडीपीएस एक्ट के कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिनमें स्वतंत्र गवाह के बयान पुलिस जांच से मेल नहीं खाने से आरोपी बरी हुए हैं।
इन दोषियों को मिली सजा
केस नंबर-1
10 अक्तूबर 2014 में दर्ज केस में डेढ़ कि लो अफीम सहित गिरफ्तार सेक्टर-55 निवासी मंजीत सिंह को सात वर्ष कैद की सजा और पचास हजार रुपये जुर्माना किया गया था।
केस नंबर-2
28 मई 2013 में दर्ज केस में 15 किलो चार सौ ग्राम अफीम सहित गिरफ्तार पवन कुमार और रूम सिंह को 15-15 वर्ष के कारावास के अलावा डेढ़-डेढ़ लाख रुपये जुर्माने की सजा भी सुनाई गई। जबकि, साक्ष्यों के अभाव में दो सह-आरोपियों नायाब सिंह और जीत सिंह को बरी कर दिया गया था।
केस नंबर-3
10 मार्च 2016 के दर्ज केस में 1.20 किलो चरस सहित गिरफ्तार मनीमाजरा निवासी परवीन को दस वर्ष कैद और एक लाख रुपये जुर्माना किया था।
केस नंबर-4
21 जून, 2014 को सेक्टर-22 से 50 ग्राम हेरोइन सहित गिरफ्तार छींदर को तीन वर्ष कैद और पचीस हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
केस नंबर-5
1.2 किलो गांजे के साथ पकड़ी गई सेक्टर-56 निवासी एक महिला को एक वर्ष की सजा और दस हजार रुपये जुर्माना लगाया।
केस नंबर-6
22 जुलाई 2014 के दर्ज केस में ग्यारह सौ ग्राम चरस और पचास ग्राम स्मैक के साथ गिरफ्तार मोगा निवासी 26 वर्षीय बछित्तर सिंह को 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई थी।
केस नंबर-7
दो वर्ष पुराने 1800 प्रतिबंधित इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार अशोक कुमार को 12 वर्ष की कैद व एक लाख रुपये जुर्माना किया गया था।
केस नंबर-8
प्रतिबंधित दवाओं के 161 पत्तों के साथ गिरफ्तार शिमला निवासी सुशील शर्मा को तीन वर्ष कैद की सजा सुनाई थी।
केस नंबर-9
चार वर्ष पुराने 4500 प्रतिबंधित गोलियों के साथ गिरफ्तार संगरूर निवासी जगशीर सिंह को दस वर्ष कैद और एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया।
यह है चंडीगढ़ की स्थिति
यूटी के गृह सचिव अनुराग अग्रवाल द्वारा पूर्व में हाईकोर्ट को दी जानकारी के मुताबिक चंडीगढ़ में 22 अप्रैल को नशे की सामग्री को नष्ट किया गया था। जिसमें 1341 किलो 620 ग्राम भुक्की, 29 किलो 915 ग्राम 877 मिली ग्राम स्मैक व 26 किलो 897 ग्राम 571 मिली ग्राम चरस को नष्ट किया गया था।