नोटबंदी के बाद चंडीगढ़ में खुले 6 लाख बैंक खाते
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़: नोटबंदी के बाद नगदी की जो समस्या हुई थी, उससे निपटने के लिए सरकार
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़: नोटबंदी के बाद नगदी की जो समस्या हुई थी, उससे निपटने के लिए सरकार के पास एक विकल्प था कि कैसे अर्थव्यवस्था को कैशलेस की तरफ खिसकाया जाए, जिससे आर्थिक सुधारों को भी गति मिले और लोगों की नगदी पर भी निर्भरता कम हो। इस कड़ी में बुधवार को यूटी गेस्ट हाउस में डिजिटल पेमेंट और मुद्रा स्कीम का रिव्यू करने के लिए एक मीटिंग हुई, जिसमें मिनिस्टर ऑफ स्टेट होम अफेयर्स हंसराज गंगाराम अहीर विशेष तौर पर उपस्थित हुए। इसी मीटिंग में एडवाइजर परिमल राय ने जानकारी दी कि नोटबंदी के बाद चंडीगढ़ में 6 लाख नए बैंक खाते खोले गए है। उन्होंने कहा कि यूपीआई, यूएसएसडी, एइपीएस, बैंक कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग जैसे विकल्पों के जरिए चंडीगढ़ में कैशलेस पेमेंट को बढ़ावा दिया जा रहा है। चंडीगढ़ देश का पहला कैशलेस सिटी बने इस पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। उधर कैशलेस ट्रांजेक्शन पर कम से कम चार्ज लगे, इस पर केंद्र सरकार जल्द फैसला लेगी। मिनिस्टर ऑफ स्टेट होम अफेयर्स हंसराज गंगाराम अहीर ने यूटी गेस्ट हाउस में अधिकारियों से मीटिंग करने के बाद यह बात कही। एमओएस होम हंसराज डिजिटल पेमेंट और मुद्रा स्कीम का रिव्यू करने के लिए चंडीगढ़ आए थे। यूटी गेस्ट हाउस में अधिकारियों ने डिजिटल पेमेंट अभियान की प्रेजेंटेशन एमओएस के सामने दी। कैशलेस ट्रांजेक्शन पर लगने वाले चार्ज के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह मामला केंद्र सरकार के ध्यान में है। लोगों पर कैशलेस ट्रांजेक्शन चार्जेस का बोझ कम से कम पड़े, इस पर केंद्र सरकार के स्तर पर पॉलिसी बनाई जा रही है। उन्होंने ने चंडीगढ़ में कैशलेस के लिए चलाए गए अभियान पर संतुष्टि जाहिर करते हुए कहा कि ऐसे ही रहा तो चंडीगढ़ देश की पहली कैशलेस सिटी बन जाएगी। इस रिव्यू मीटिंग से पहले एमओएस होम हंसराज यूटी प्रशासक वीपी सिंह बदनौर से भी मुलाकात करने गए।
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