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पुरानी ग्रांट आई नहीं, नई की डिमांड तैयार

सर्वशिक्षा अभियान की वर्ष 2016-17 की पूरी ग्रांट अब तक आई नहीं है, वहीं वर्ष 2017-18 का बजट शिक्षा विभाग डिमांड करने की तैयारी कर चुका है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Feb 2017 03:01 AM (IST)Updated: Sun, 26 Feb 2017 03:01 AM (IST)
पुरानी ग्रांट आई नहीं, नई की डिमांड तैयार
पुरानी ग्रांट आई नहीं, नई की डिमांड तैयार

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सर्वशिक्षा अभियान की वर्ष 2016-17 की पूरी ग्रांट अब तक आई नहीं है, वहीं वर्ष 2017-18 का बजट शिक्षा विभाग डिमांड करने की तैयारी कर चुका है। एसएसए के फंड से इसके तहत सेवाएं देने वाले अध्यापकों को सैलरी भी दी जाती है। वेतन के अलावा दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई के लिए विशेष अध्यापक का वेतन, उन बच्चों के स्कूल आने-जाने का किराया, लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर और अध्यापकों को शिक्षा में बेहतर करने के सेमिनार आयोजित कराए जाते हैं। इसी ग्रांट से पहली से आठवीं कक्षा तक पढ़ने वाले विद्यार्थियों को पुस्तकें और वर्दियों को भी खरीदा जाता है।

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इस बार 85 करोड़ की मांग : शिक्षा विभाग ने इस बार करीब 85 करोड़ रुपये की डिमांड करने का फैसला किया है। अकाउंट विभाग इसे फाइनल रूप देने में लगा हुआ है। 28 फरवरी तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। एक मार्च को केंद्र में एमएचआरडी को जमा भी करा दिया जाएगा। 15 मार्च को बैठक होगी जिसमें तय होगा कि चंडीगढ़ शिक्षा विभाग को कितना पैसा मिलेगा। विभाग की ओर से जो नया बजट तैयार किया गया है उसमें किसी प्रकार का नया कार्यक्रम शामिल नहीं है।

केंद्र के पास अटके हैं 22 सौ करोड़ : इस बार विभाग ने कोई नया प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए फंड की डिमांड नहीं की है जिसका कारण यह है कि केंद्र की तरफ से पूरे देश में एसएसए के तहत दिए जाने वाले कुल फंड का 22 सौ करोड़ रुपये अटका हुआ है। उस फंड के रिलीज न होने से कई प्रोजेक्ट अधर में हैं। इसी क्रम में इस बार शहर के स्कूलों में काम करने वाले वालंटियर्स टीचरों को काम से भी रिलीव कर दिया था। सूत्रों की मानें तो कोई भी नया प्रोजेक्ट शुरू करने का अर्थ कर्मचारियों की संख्या में कमी या फिर गतिविधियों पर लगाम लग सकती है, जिसके कारण कोई नया प्रोजेक्ट नहीं बनाया गया है।

पिछले साल मिले थे 65 करोड़, दूसरी किस्त 33 करोड़ पेंडिंग : पिछले वर्ष शिक्षा विभाग को 65 करोड़ रुपये का फंड मिला था। यह फंड दो किस्तों में आता है। पहली किस्त 32 करोड़ रुपये की थी जो केंद्र दे चुका है लेकिन दूसरी किस्त 33 करोड़ अब तक नहीं मिले हैं जिस कारण अध्यापकों का वेतन अटक गया था। विभाग ने कर्ज उठाकर वेतन दिया।

रमसा का फंड भी मांगा

विभाग ने एसएसए के अलावा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान रमसा का भी बजट डिमांड किया है। इस बार यह बजट 45 करोड़ का है। पिछले वर्ष इसका बजट 27 करोड़ मिला था। विभाग को उम्मीद है कि यदि एसएसए और रमसा के अधीन पूरा फंड मिल जाता है तो वह बच्चों के हित के लिए सबसे ज्यादा बेहतर साबित होगा।

कोट्स-

बजट डिमांड करने का कार्य चल रहा है। लगभग बजट बनकर पूरा हो चुका है लेकिन अभी अंतिम मंजूरी विभाग से लेनी बाकी है। इस बार करीब 85 करोड़ का बजट डिमांड किया जा रहा है।

ऊषा सुपरिंटेंडेंट, अकाउंटस डिपार्टमेंट


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