ईवीएम विवाद पर चुनाव अायोग का बड़ा कदम, जल्द बुला सकता है सर्वदलीय बैठक
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने ईवीएम में छेड़छाड़ की बात को नकारा। उन्होंने कहा कि इस पर जल्द ही चुनाव आयोग सर्वदलीय बैठक बुलाएगा।
जेएनएन, चंडीगढ़। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने ईवीएम को लेकर चल रहे विवाद पर कहा कि इस मामले में जल्द सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें नेताओं से सुझाव लिए जाएंगे। वे शनिवार को पंजाब यूनिवर्सिटी में एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफार्म की ओर से आयोजित सेमिनार में पहुंचे थे। देश में चुनाव को लेकर मौजूदा हालात और उसमें सुधार को लेकर यह सेमिनार करवाया गया था जिसमें देशभर से चुनाव पर शोध करने वाले कई प्रोफेसर भी मौजूद थे।
जैदी ने कहा कि भविष्य में चुनाव में वीवीपैट (वोटर वैरीफाइबल पेपर ऑडिट ट्रेल) मशीन के इस्तेमाल पर काम चल रहा है। अभी कुछ मतदान केंद्रों पर इसका इस्तेमाल किया गया है। इसमें मतदाता अपनी वोट की रसीद भी देख सकता है। हाल ही में दिल्ली, पंजाब सहित अन्य राज्यों में हुए चुनाव में ईवीएम में छेड़छाड़ के सवाल को उन्होंने पूरी तरह नकार दिया।
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उन्होंने कहा कि देश में चुनाव प्रक्रिया को और बेहतर व पारदर्शी बनाने के लिए चुनाव आयोग की ओर से कई सुधारों का प्रपोजल तैयार किया गया है। नए नियमों में चुनाव में पार्टियों द्वारा बेहिसाब पैसे के खर्च और आपराधिक गतिविधियों में शामिल उम्मीदवारों पर पूरी तरह से रोक लगाने की तैयारी है। जैदी ने बातचीत में कहा कि सभी पार्टियों को राइट-टू-इनफारमेशन (आरटीआइ) के अधीन लाया जाना चाहिए। इस संबध में 2013 में ही प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है जिसे जल्द लागू किया जाना चाहिए।
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माना कि चुनाव प्रक्रिया में और सुधार की जरूरत
जैदी ने माना कि अभी चुनाव प्रक्रिया में काफी सुधार की जरूरत है। सरकार की ओर से पब्लिक फंड को लीगल किए जाने की सीमा को 20 हजार तक बढ़ाने की अभी तक सिर्फ घोषणा की गई है लेकिन इस मामले पर कोई फैसला नहीं लिया गया।
दो नंबर में प्रत्याशी खर्च करते हैं पैसे
जैदी ने माना कि चुनाव में बड़े स्तर पर दो नंबर में प्रत्याशी पैसे खर्च करते हैं। उन्होंने पब्लिक और स्टेट फंडिंग को लेकर काफी विस्तार से अपनी बात रखते हुए कहा कि चुनाव में खर्च की तय रकम से कई गुणा अधिक खर्च होता है। लोकसभा ही नहीं विधानसभा जैसे चुनाव में भी करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं। पब्लिक फंडिंग कांसेप्ट से सिर्फ बड़ी पार्टियों को लाभ होगा, जबकि आम जनता के लिए चुनाव लड़ पाना आसान नहीं है।
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पार्टियों का चंदा सार्वजनिक होना चाहिए
जैदी ने कहा कि चुनाव में पार्टियों का चंदा सार्वजनिक होना चाहिए। पीपुल रिप्रेजेंटेटिव एक्ट 1950 के सेक्शन-58बी में अधिकारों का विस्तार किया जाना चाहिए। चुनाव आयोग को किसी भी मतदान केंद्र में गलत तरीके से बल या पैसे के प्रयोग पर पूरी तरह पाबंदी लगानी चाहिए। इस मामले में चुनाव आयोग को मतदान रद करने और चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवार के चुनाव लडऩे पर रोक लगाने का अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने तमिलनाडु का उदाहरण भी दिया। बताया कि वहां पर करीब एक करोड़ लोगों ने बिना पैसे वोट डालने की शपथ ली जिसका चुनाव में काफी फायदा भी हुआ।
इलेक्ट्रोल बांड पर बोले तिवारी
कार्यक्रम में कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने इलेक्ट्रोल बांड खरीदे जानेे के प्रस्ताव पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि आरबीआइ से बांड खरीदने पर रूलिंग पार्टी इसकी पूरी जानकारी ले सकती है। ऐसे में इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।
उम्मीदवारों को आय के स्रोत के बारे में भी देनी होगी जानकारी
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि आने वाले समय में उम्मीदवारों को सिर्फ आमदनी ही नहीं, आमदनी का सोर्स भी बताना होगा। साथ ही पति को पत्नी की इनकम के बारे में भी हलफनामे में पूरी जानकारी देनी होगी। जैदी के अनुसार सरकारी प्रॉपर्टी पर कब्जा करने वाले किसी भी व्यक्ति को पब्लिक डिफॉल्टर घोषित किया जाएगा। लोन नहीं चुकाने वाले नेताओं के चुनाव लडऩे पर भी रोक लगाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। जैदी ने बिना नाम लिए कहा कि नेता सालों तक सरकारी कोठी खाली नहीं करते हैं, ऐसे लोगों पर लगाम कसनी जरूरी है।
चुनाव आयोग की वेबसाइट को बनाया पब्लिक फ्रेंडली
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव संबंधी सभी तरह की जानकारी आम लोगों तक पहुंचाने के लिए चुनाव आयोग ने वेबसाइट को काफी फ्रेंडली बनाया है। इसमें खासतौर से इलेक्शन डाटा मैनेजमेंट डिविजन तैयार किया गया है। अभी लोगों के सुझाव लेकर इसमें और सुधार किया जाएगा। साथ ही सभी तरह की जानकारी अपडेट की जाएगी।
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