Foreign craze: कोरोना ने लगाया विदेश जाने के क्रेज पर ब्रेक, पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ के युवाओं का मोहभंग
कोरोना महामारी (Corona epidemic) ने पंजाब हरियाणा व चंडीगढ़ के युवाओं में विदेश जाने का क्रेज (Foreign craze) कम हुआ है। पासपोर्ट आवेदन करने वालों की संख्या काफी गिरी।
चंडीगढ़ [विकास शर्मा]। पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के युवाओं में विदेश जाने का खासा क्रेज (Foreign craze) रहता है। हर महीने औसतन 60 हजार से ज्यादा लोग पासपोर्ट के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन कोरोना महामारी (Corona epidemic) के कारण पासपोर्ट बनवाने वालों की संख्या में भारी गिरावट आई है।
पिछले साल के मुकाबले इस साल पिछले तीन महीनों के आंकड़े देखें तो एक चौथाई से भी कम नए पासपोर्ट बनवाने के लिए लोगों ने अप्लाई किया है। गौरतलब है कि अकेले पंजाब से हर साल डेढ़ लाख से ज्यादा छात्र पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं।
नियमों में दी गई ढील
पासपोर्ट एप्लीकेशन कम आने के मद्देनजर रीजनल पासपोर्ट ऑफिस की तरफ से पासपोर्ट आवेदन के नियमों में ढील दी गई है। पहले जहां पासपोर्ट ऑनलाइन आवेदन करने के बाद एप्लीकेंट को तय समय और तारीख दे दी जाती थी। इस तारीख पर एप्लीकेंट पासपोर्ट केंद्र जाकर अपना पासपोर्ट अप्लाई करता है। लोगों को परेशानी न हो इसके लिए विभाग ने वाट्सएप नंबर पर ही तमाम तरह औपचारिकताएं पूरी करने और ऑनलाइन एप्लीकेशन स्वीकार करना जारी कर दिया था। बावजूद इसके लोगों में पासपोर्ट बनवाने को लेकर उत्साह कम दिख रहा है।
हालात सामान्य होने में लगेगा वक्त
चंडीगढ़ रीजनल ऑफिस के डिप्टी पासपोर्ट ऑफिसर ने बताया कि हमारे कार्यालय में पंजाब, हरियाणा के ज्यादातर जिलों के पासपोर्ट इसी कार्यालय में बनाए जाते हैं। पंजाब में जालंधर, गुरदासपुर जैसे जिलों के पासपोर्ट अमृतसर में और हरियाणा के फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक और पलवल जैसे जिलों के पासपोर्ट दिल्ली बनवाए जाते हैं।
इसके अलावा ज्यादा जिलों के पासपोर्ट हमारे ऑफिस में बनाए जाते हैं। इस रीजन के लोगों में विदेश जाने का खासा क्रेज रहता है खासकर इन दिनों पढ़ाई के लिए सिलसिले में विदेश जाने वाले युवकों का तो पासपोर्ट बनवाने के लिए तांता लगा रहता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है, लोग काफी कम संख्या में अप्लाई कर रहे हैं। अभी हालात सामान्य होने में समय लगेगा।
पंजाब में 50 फीसद तक कम हो गए पासपोर्ट के आवेदन
वहीं, अमृतसर पासपोर्ट केंद्र में मार्च से पहले पासपोर्ट के लिए हर महीने औसतन 1050 आवेदन आते थे। अब यह औसत 550 रह गई है। पठानकोट और रूपनगर के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय लॉकडाउन के कारण 23 मार्च से ही बंद हैं। होशियारपुर स्थित पासपोर्ट कार्यालय में भी पहले 700 से 800 आवेदन आते थे जो अब 150 से 200 तक सिमट गए हैं।
जालंधर में पासपोर्ट बनाने में गिरावट तो नहीं आई है, लेकिन मिनिस्ट्री की ओर से अप्वाइंटमेंट सिर्फ 50 फीसद लोगों को ही दी जा रही है। पहले केंद्र में आम दिनों में 700 अप्वाइंटमेंट दी जाती थी, अब 350 दी जा रही है। अप्वाइंटमेंट कम होने का कारण सेवा केंद्र में लगने वाली भीड़ को कम करना है।