बच्चों को मिड डे मील में मिलेगी विशेष औषधि , ज्यादा पोषक होगा भोजन
फोर्टीफाई को खाने में मिक्स करने के लिए एक कमेटी का निर्माण किया है जिसमें पीजीआई की शिशु विशेषज्ञ डॉक्टर नेतृत्व करेगी।
जेएनएन, चंडीगढ़। सरकारी स्कूलों में दिए जाने वाले मिड डे मील में जल्द ही फोर्टीफाई शामिल होगा। फोर्टीफाई एक तरह की चिकित्सीय औषधि है, जो कि विभिन्न प्रकार के रोगों से निजात पाने में कारगार है। प्रशासन ने यह निर्णय स्कूल में बच्चों पर हुए सर्वे के बाद लिया है। शहर के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले ज्यादातर बच्चे अनीमिया और कुपोषण के शिकार हैं। इसके कारण बच्चे बार-बार बीमार होते हैं और उनकी पढ़ाई और स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
115 स्कूलों के 86 हजार विद्यार्थियों को परोसा जाता है मिड डे मील
मिड डे मील की सुविधा केंद्र सरकार की तरफ से सभी सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए शुरू की है। पहली से आठवीं कक्षा तक के हर विद्यार्थियों को स्कूल टाइम में एक बार यह खाना परोसा जाता है। विभिन्न दिनों के दौरान विभिन्न प्रकार के व्यंजन बच्चों को परोसे जाते है। यह खाना प्रशासन के सिटको विभाग के सेक्टर-17 स्थित शिवालिक व्यू, डॉ. अंबेडकर होटल एंड मेनजमेंट 42 और चंडीगढ़ होटल मेनजमेंट सेक्टर-42 की तरफ से परोसा जाता है। फोर्टीफाई को चावल और आटे के बीच मिक्स कर बच्चों को दिया जाएगा।
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किस दिन कौन सा खाना दिया जाता है
डॉ. अंबेडकर इंस्ट्टीट्यूट होटल मेनजमेंट सेक्टर-42
1.सोमवार- परांठा और राजमाह
2.मंगलवार-परांठा और कढ़ी पकौड़ा
3.बुधवार-परांठा, दाल चना और मौसमी सब्जी
4.वीरवार-परांठा और राजमाह
5.शुक्रवार-परांठा और कढ़ी पकौड़ा
6.शनिवार-परांठा और मिक्स सब्जी
सिटको
1.सोमवार-वेज पलाव, चना दाल और सब्जी
2.मंगलवार-वेज पलाव और कढ़ी चावल
3.बुधवार-वेज पलाव, दाल चना और सब्जी
4.वीरवार-वेज पलाव और राजमाह
5.शुक्रवार-वेज पलाव और कढ़ी पकौड़ा
6.शनिवार-वेज पलाव और राजमाह
चंडीगढ़ होटल मेनजमेंट सेक्टर-42
1.सोमवार-वेज पलाव और अरहर दाल
2.मंगलवार-वेज पलाव और कड़ाही न्यूट्री
3.बुधवार-वेज पलाव और मिक्स दाल
4.वीरवार-वेज पलाव और राजमाह
5.शुक्रवार-वेज पलाव और कढ़ी पकौडा
6.शनिवार- वेज पलाव और न्यूट्री आलू मटर
कमेटी का किया निर्माण
फोर्टीफाई को खाने में मिक्स करने के लिए एक कमेटी का निर्माण किया है जिसमें पीजीआई की शिशु विशेषज्ञ डॉक्टर बवनीत कौर नेतृत्व करेगी। डॉक्टर बवनीत के अनुसार बच्चों को बचपन में पूरा पोषण नहीं मिलता है जिसके कारण किशोरवस्था में उनका पूरा विकास नहीं होता है। इससे मानसिक तौर पर भी फर्क पड़ता है और बच्चों की पढ़ाई करने की क्षमता में कमी आती है।
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बच्चों के स्वास्थ्य को देखते हुए फोर्टीफाई को शामिल करने का निर्णय लिया है। फैसले पर अभी अंतिम मोहर लगना बाकी है। पूरी कोशिश है कि आने वाले दो से तीन महीनों में इसे शुरू कर दिया जाएगा।
-सरोज मित्तल, डिप्टी डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन -2