बच्चों को नहीं देखना चाहिए बिग बॉस : कविता कौशिक
टीवी अभिनेत्री कविता कौशिक का कहना है कि बच्चों को रियलिटी शो बिग बॉस नहीं देखना चाहिए। इसमें जिस तरह की अश्लीलता और लड़ाई-झगड़े दिखाए जाते हैं उसका बच्चों के दिलो-दिमाग पर बुरा असर पड़ सकता है।
चंडीगढ़, [अंकुर खत्री]। चंद्रमुखी चाैटाला यानि टीवी अदाकारा कविता कौशिक का कहना है कि बच्चों को टीवी शो बिग बॉस नहीं देखना चाहिए। इस शाे में अश्लीलता व प्रतिभागियों के लड़ाई-झगड़े से बच्चों पर बुरा असर पड़ता है। अभिभावकों को भी इस पर ध्यान देना चाहिए। बच्चों का कोमल मन इससे प्रभावित हो सकता है।
बातचीत क दौरान कविता कौशिक।
वह अपने नए टीवी सीरियल के प्रमोशन के सिलसिले में यहां आई थीं। उन्होंने यहां एक बातचीत में कहा, यह मेरी निजी राय है और कौन सा कार्यक्रम देखना है और कौन सा नहीं यह व्यक्ति का अपना अधिकार है। बड़े दर्शक हाें या बच्चे उन्हें कोई भी कार्यक्रम देखने की आजादी है, लेकिन बिग बॉस में जिस तरह की अश्लीलता व लड़ाई-झगड़े दिखाए जा रेह हैं वह बच्चों के लिए ठीक नहीं है।
कामेडी सीन में ही दिखती हूं सेक्सी: कविता कौशिक
कामेडी टीवी सीरियल 'एफआईआर' के चंद्रमुखी चौटाला के किरदार से शोहरत हासिल करने वाली कविता कौशिक ने कहा, कामेडी सीरियल ने मुझे सेक्सी इमेज दी। मैं कामेडी सीन में अधिक सेक्सी दिखती हूं। सेक्सी होने में कोई बुराई भी नहीं है, लेकिन यह फूहड़ या अश्लील नहीं होना चाहिए।
बातचीत के दौरान कविता कौशिक का एक अंदाज।
उन्होंने कहा कि उनका नया कामेडी 'फेकबुक विद कविता' भी लोगों को काफी पसंद आएगा। इसमें वह अलग हअकर कामेडी करती नजर आएंगी। कविता ने बताया कि आज के समय में लोगों को हंसाना मुश्किल काम हो गया है। जब लोग हंसते हैं, तो कलाकारों को दुआएं मिलती हैं।
बालीवुड में काम करने के बारे में उन्होंने बताया कि फिलहाल अभी तक मुझे ऐसा कोई आफर नहीं मिला है यदि मिलेगा तो जरूर काम करुंगी। उन्होंने बताया कि वह हिंदी के अलावा अन्य भाषाओं में भी टीवी सीरियल कर रही हैं। वह एक मराठी सीरियल में वह बतौर आर्मी आफिसर काम कर रही हैं।
उन्होंने बताया कि शुरूआती दिनों में मैंने निगेटिव किरदार भी निभाए। उसे भी सोचा नहीं था कि कामेडी रोल कर सकूंगी, लेकिन 'एफआईआर' में चंद्रमुखी चौटाला की भूमिका से आत्मविश्वास मिला। उन्होंने कहा कि अधिक संख्या में महिलाओं को पुलिस में आना चाहिए। इससे ही महिलाओं के प्रति अपराधों में कमी आएगी।
कालेज के दिनों में मैं भी हुई छींटाकशी व छेड़खानी की शिकार
उन्होंने कहा, मुझे भी कालेज के दिनों में कई बार लोगों की छींटाकशी व छेड़खानी का शिकार होना पड़ता था। तब मैंने कई बार लोगों को पकड़कर पीटा है। मैं फिल्मों ऐसे रोल करना चाहती हूं जिसे करते वक्त मैं अपनी पूरी एनर्जी का इस्तेमाल कर सकूं। यदि एेसा कोई रोल कभी ऑफर होगा तो जरूर करना चाहूंगी।