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LokSabha Election : दुकान, मकान और पब्लिक प्रॉपर्टी पर सियासी झंडा लगाने से पहले लेनी होगी मंजूरी

चंडीगढ़ के एडिशनल चीफ इलेक्ट्रोल ऑफिसर एवं डीसी मनदीप सिंह बराड़ ने शहर के राजनीतिक दलों को कई अहम दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sun, 24 Mar 2019 10:03 AM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 10:05 AM (IST)
LokSabha Election : दुकान, मकान और पब्लिक प्रॉपर्टी पर सियासी झंडा लगाने से पहले लेनी होगी मंजूरी
LokSabha Election : दुकान, मकान और पब्लिक प्रॉपर्टी पर सियासी झंडा लगाने से पहले लेनी होगी मंजूरी

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर चंडीगढ़ प्रशासन का चुनाव विभाग सख्त हो गया है। इस कड़ी में एडिशनल चीफ इलेक्ट्रोल ऑफिसर एवं डीसी मनदीप सिंह बराड़ ने शहर के राजनीतिक दलों को कई अहम दिशा-निर्देश जारी किए हैं। विभाग ने कहा है कि वे शहर में किसी भी दुकान, मकान, गाड़ी और पब्लिक प्रॉपर्टी पर पार्टी का झंडा या किसी भी प्रकार का कोई स्टीकर न लगाएं। अगर कोई अपनी दुकान, मकान, गाड़ी या पब्लिक प्रॉपर्टी पर किसी पार्टी का झंडा या स्टीकर लगाना चाहता है, तो उसे पहले प्रशासन की लिखित में मंजूरी लेनी होगी।

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डीसी ने कहा अगर कोई बिना मंजूरी के कहीं भी पार्टी का झंडा स्टीकर या किसी भी प्रकार का कोई बैनर लगाते पाया जाता है, तो उस पर आचार संहिता के उल्लंघन के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इसके अलावा कोई भी राजनीतिक दल हफ्ते में केवल एक ही बार चुनावी रैली कर पाएगा। इस हिसाब से अगर देखा जाए तो आगामी लोकसभा चुनाव में अब समय बहुत ही कम रह गया है। इस नियम के लागू होने से किसी भी राजनीतिक दल को 4 रैली करने से ज्यादा का समय नहीं मिलेगा। चुनावी रैली को लेकर के भी डीसी की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है।

बड़ी रैली के लिए रामलीला ग्राउंड को हरी झंडी
कोई भी राजनीतिक दल अगर दो हजार लोगों से ऊपर की चुनावी रैली करता है तो उसे शहर के अंदर रैली करने नहीं दी जाएगी। इसके लिए सेक्टर-25 स्थित रामलीला ग्राउंड में ही रैली करनी होगी। इसके अलावा शहर की राजनीतिक दलों की ओर से चुनाव विभाग को सेक्टर-27 रामलीला ग्राउंड और मनीमाजरा सर्कस ग्राउंड में चुनावी रैली किए जाने की मंजूरी देने का प्रस्ताव रखा गया है। इस पर चुनाव विभाग ने भी अपनी सहमति जताई है। वहीं शहर में अगर कोई भी राजनीतिक दल लोगों के बीच जाकर चुनाव मीटिंग करना चाहता है, तो उससे पहले चुनाव विभाग से लिखित में मंजूरी लेनी होगी। या फिर उस राजनीतिक दल को चुनाव विभाग की ओर से शुरू किए गए सुविधा मोबाइल ऐप पर चुनावी मीटिंग को लेकर मंजूरी लेनी होगी। इसके लिए किसी भी राजनीतिक दल को मीटिंग करने से पहले जगह, समय और मीटिंग में इकट्ठे होने वाले लोगों की संख्या के बारे में जानकारी देनी होगी। 

सोशल मीडिया पर चुनाव विभाग की रहेगी पैनी नजर
लोकसभा चुनाव के दौर में सोशल मीडिया पर अलग-अलग राजनीतिक दलों के मैसेज, वीडियो और चुनाव प्रचार के वीडियो अपलोड किए जा रहे हैं। इसको ध्यान में रखते हुए डीसी ने जो गाइडलाइन जारी की है, उसके मुताबिक सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार का वीडियो या मैसेज अपलोड करने से पहले राजनीतिक दल को पहले मंजूरी लेनी होगी। गाइडलाइंस के मुताबिक वीडियो वन, बल्क एसएमएस, सिनेमा ऐड और रेडियो एड के लिए राजनीतिक दलों को चुनाव विभाग से प्री-सर्टिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा। जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय स्तर की पार्टियों को प्री सर्टिफिकेशन 3 दिन पहले और लोकल लेवल के राजनीतिक दलों को या इंडिपेंडेंट कैंडिडेट को 7 दिन पहले प्री सर्टिफिकेशन कराना होगा। ताकि कोई भी राजनीतिक दल सिनेमा हॉल, रेडियो, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम या फिर अन्य किसी सोशल मीडिया पर अपना चुनाव प्रचार करता है, तो उससे पहले फ्री सर्टिफिकेशन कराना होगा। ताकि सोशल मीडिया का कोई भी राजनीतिक दल आगामी लोकसभा चुनाव में गलत इस्तेमाल न कर सके।
 

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