विमान अपहर्ताओं को कानूनी मदद देगी अमरिंदर सरकार, लाहौर ले गए थे प्लेन
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि राज्य सरकार 1981 में इंडियन एयरलाइंस के विमान का अपहरण करने वालाें को कानूनी मदद दी जाएगी।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब में आतंकवाद के दौरान 1981 में इंडियन एयरलाइंस के विमान का अपहरण कर लाहौर ले जाने वाले अपहरणकर्ताओं को पंजाब सरकार ने कानूनी सहायता देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इसका आधार दोहरी सजा को बनाया है। इसी मामले में कोर्ट ने एक आरोपी को रिहा कर दिया था, जबकि दो अन्य सतनाम व तेजिंदर देशद्रोह के दोष का सामना कर रहे हैं। दोनों पाक में अपनी सजा पूरी कर चुके हैं। अमरिंदर का यह फैसला बड़े राजनीतिक विवाद का कारण बन सकता है।
कैप्टन ने कहा है कि घटना निंदनीय थी, लेकिन उसी अपराध के लिए पाकिस्तान में उम्र कैद भुगत चुके दोनों सिखों के खिलाफ पुन: कानूनी कार्रवाई की कोशिश करना न्याय के साथ गंभीर खिलवाड़ होगा। मुख्यमंत्री का कहना है कि जरूरत पड़ने पर दोनों सिखों को कानूनी सहायता दी जाएगी। इस मामले में गृह विभाग की कानूनी सहायता टीम को हिदायत दे दी गई है। कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि वह केस की व्यवस्थाओं में नहीं जाना चाहते, क्योंकि यह अदालती प्रक्रिया के अधीन है।
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मुख्यमंत्री के स्टैंड पर सफाई
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक उच्चाधिकारी का कहना है कि मुख्यमंत्री का स्टैंड दोहरी सजा को लेकर है। इसका खालिस्तान समर्थन या अन्य किसी से कोई संबंध नहीं है। चूंकि आरोपी पाक में सजा काट चुके हैं, इसलिए उन्हें दो बार सजा देना ठीक नहीं होगा।
यह था मामला
अपहर्ता श्रीनगर जा रहे विमान को 107 यात्रियों और छह क्रू सदस्यों समेत अगवा कर लाहौर ले गए थे। मुख्य अपहरणकर्ताओं में गजिंदर सिंह, करन सिंह, सतनाम सिंह, जसबीर सिंह व तेजिंदर पाल सिंह शामिल थे। इन्हें लाहौर में 3 सितंबर 1981 को गिरफ्तार किया गया था। वहां उनको विशेष अदालत ने उम्र कैद की सजा दी थी।
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सजा पूरी होने के बाद सतनाम 1999 में नेपाल के रास्ते भारत वापस आया और उसने नई दिल्ली में आत्मसमर्पण किया। अदालत ने उसे 2002 में जमानत दे दी। तेजिंदर सन् 2000 में भारत आया। उसने सतनाम वाले केस के आधार पर रिहाई की अर्जी दाखिल की, लेकिन कोर्ट ने अर्जी रद कर दी। अब सतनाम और तेजिंदर देशद्रोह का सामना कर रहे हैं।
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