पंजाब में आप ने आहलूवालिया समिति की सिफारिशें विभागों को जारी करने का विरोध किया
आम आदमी पार्टी ने पंजाब सरकार द्वारा विभिन्न विभागों से मोंटेक सिंह आहलूवालिया समिति की सिफारिशें लागू करने के लिए विभागों से सूची मांगने का विरोध किया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब के नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब सरकार द्वारा विभिन्न विभागों से मोंटेक सिंह आहलूवालिया समिति की सिफारिशें लागू करने के बारे में मांगी गई सूची के संबंध में टिप्पणी की है।चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह दोहरे मापदंड अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह पंजाबियों के साथ एक और फरेब है।
चीमा ने कहा, ‘‘ कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब और पंजाब के लोगों के साथ दोहरा खेल खेल रहे हैं। एक तरफ विधानसभा में केंद्र के खेती विरोधी अध्यादेशों को रद करते हैं, दूसरी तरफ आहलूवालिया समिति की पंजाब विरोधी, जन विरोधी, मुलाजिम विरोधी और किसान विरोधी सिफारिशों को चुपचाप लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।’’
चीमा ने मोंटेक सिंह आहलूवालिया को मोदी सरकार और विश्व स्तर की कॉर्पोरेट कंपनियों का ‘एजेंट’ करार देते हुए कहा कि आहलूवालिया का मॉडल सिर्फ निजी कंपनियों के हितों की पूर्ति करता है, आम लोगों खास करके किसानों और पब्लिक सेक्टर (सरकारी संस्थानों और मुलाजिमों) के बुरी तरह खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्पष्ट करें कि क्या पंजाब सरकार आहलूवालिया समिति की प्राथमिक सिफारिशों में से मुलाजिमों के सर्विस टैक्स में वृद्धि, बठिंडा थर्मल प्लांट की तरह लहरा मोहब्बत और रोपड़ के सरकारी थर्मल प्लांटों को बंद करने, अंधाधुंध निजीकरण करने, कृषि सेेक्टर समेत बिजली सब्सिडी बंद करने जैसी घातक सिफारिशें लागू करेगी। चीमा ने मांग की है कि आहलूवालिया समिति समेत ऐसे सभी अहम मुद्दों पर विधानसभा का तुरंत विशेष सेशन बुलाया जाए।
बता दें, कोरोना से गिरी अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए योजना आयोग के पूर्व डिप्टी चेयरमैन मोंटेक सिंंह आहलुवालिया की पहली रिपोर्ट पर अमल के लिए सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर उनके चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार और चीफ सेक्रेटरी विनी महाजन द्वारा रिपोर्ट में की गई सिफारिशों को लेकर संबंधित विभागीय सचिवों के साथ बैठकों का दौर शुरू कर दिया है।
मोंटेक सिंह आहलुवालिया ने अपनी पहली रिपोर्ट अगस्त महीने में दे दी थी, जबकि अंतिम रिपोर्ट दिसंबर में देनी है। पहली रिपोर्ट में खजाने में अतिरिक्त राशि का इंतजाम करने और खर्च में कटौती के संबंध में सुझाव दिए गए थे और दिसंबर की रिपोर्ट में दूरगामी परिणाम वाली सिफारिशें की जाएंगी। मोंटेक सिंह कमेटी पहली रिपोर्ट को लेकर मुख्यमंत्री को प्रजेंटेशन दे चुकी है जबकि केबिनेट में इस रिपोर्ट के प्रभावों के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत करवा चुकी है।