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पीयू कैंपस में पोस्टरों से बिगड़ने लगी तस्वीर

ओजस्कर पाण्डेय, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी में अभी से चुनाव के लिए छात्र नेता कैंपस में नजर आने लगे

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jul 2017 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 21 Jul 2017 01:00 AM (IST)
पीयू कैंपस में पोस्टरों से बिगड़ने लगी तस्वीर
पीयू कैंपस में पोस्टरों से बिगड़ने लगी तस्वीर

ओजस्कर पाण्डेय, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी में अभी से चुनाव के लिए छात्र नेता कैंपस में नजर आने लगे हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी छात्र काउंसिल चुनाव की तारीख घोषित होने से पहले ही सभी छात्र संगठनों ने चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। छात्र नेता व उनके सदस्य कैंपस में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए कई प्रकार के वादे करते हैं। चुनाव की अभी कोई घोषणा नहीं हुई है परंतु कैंपस के कई स्थानों में कई पार्टियों के पोस्टर दिखाई देने लगे हैं। कैंपस में कई छात्रा संगठनों ने अपने अपने पोस्टर कई जगह चस्पा दिया है। पीयू कैंपस के छात्र संगठनों के प्रत्येक साल पीयू प्रशासन लिंगदोह नियमों की जानकारी दी जाती है परंतु इस नियम की सभी छात्र संगठन पूरी तरह अनदेखी करते हैं। पीयू प्रशासन की ओर से छात्र नेताओं पर सख्ती के बावजूद कैंपस को बदरंग किया जाता रहा है। छात्र नेताओं ने मनमर्जी से कैंपस में पोस्टर लगाने शुरू कर दिए हैं। हालांकि पीयू प्रशासन ने इसके लिए स्थान निर्धारित कर दिया जाता है जहां छात्र संगठनों के पोस्टर लगाया जा सकता है। डीएसडब्ल्यू प्रो. नाहर बताते हैं कि नियम के तहत ही चुनावी पोस्टर लगाए जाते हैं। जो नियम के तहत पोस्टर नहीं होते हैं, उस पर संज्ञान लिया जाता है।

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नियम की कड़ाई से नहीं होता पालन

नियम तो बनाए गए हैं परंतु इसका कड़ाई से पालन होता ही नहीं है। पीयू प्रशासन द्वारा कड़ी हिदायतों के बावजूद पीयू हॉस्टल, विभागों में दीवारों पर पोस्टर लगाए जाते हैं। कई छात्र नेताओं ने तो शहर की मुख्य सड़कों और सेक्टरों के साइन बोर्ड को भी नहीं छोड़ा परंतु पीयू प्रशासन ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं कर सका है।

पिछले बार यूटी पुलिस ने दर्ज किया था पर्चा

जानकारी के अनुसार पिछले बार यूटी पुलिस ने सरकारी और निजी प्रॉपर्टी पर पोस्टर लगाने वाले छात्र नेताओं और संगठनों के खिलाफ दिल्ली प्रीवेंशन ऑफ डिफेसमेंट एक्ट के तहत केस दर्ज किया था जिसमें अलग-अलग थानों में इस तरह के कुल 8 केस दर्ज किए गए हैं। इनमें एचएएस डीएवी कॉलेज सेक्टर-10 के प्रेसिडेंट, सेक्टर-26 के एसजीजीएस कॉलेज के एचपीएसयू पार्टी प्रेसिडेंट समेत अन्य लोग शामिल हैं। इसके अलावा भी सरकारी प्रॉपर्टी पर विज्ञापन संबंधी पोस्टर चस्पा करने वालों के खिलाफ संबंधित नियमों के तहत पर्चा दर्ज किया गया था। इस संबंध में पुसू के अध्यक्ष नवी खेमकरन बताते हैं कि चुनाव आने से कुछ दिन पहले से ही कैंपस में सभी छात्र संगठनों के नेता अपने पार्टी के संबंध में व नीतियों की जानकारी देना आरंभ कर देते हैं। हां, आपाधापी में कई बार पोस्टर ऐसे जगह लगा दिए जाते हैं जहां यह होना नहीं चाहिए।

पोस्टर को लेकर हाईकोर्ट ने भी लिया है संज्ञान

पोस्टर को लेकर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया हुआ है। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर कोई भी किसी भी तरह शहर को गंदा करने की कोशिश की तो उनको जेल व जुर्माना हो सकता है। चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर की सुंदरता को बनाए रखने के लिए दिल्ली का प्रीवेंशन ऑफ डिफेसमेंट ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट को अपना लिया है। एक्ट के प्रावधानों के तहत शहर को गंदा करने वालों पर 50 हजार के जुर्माने और 1 साल कैद की सजा का प्रावधान है।


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