आइएएस एमपी सिंह की पंजाब गवर्नर हाउस से विदाई
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : चंडीगढ़ स्थित पंजाब राजभवन में करीब साढे़ नौ साल से सेक्रेटरी टू गवर्नर प
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : चंडीगढ़ स्थित पंजाब राजभवन में करीब साढे़ नौ साल से सेक्रेटरी टू गवर्नर पंजाब के पद पर तैनात रहे पंजाब के वरिष्ठ आइएएस अधिकारी एमपी सिंह की आखिर पंजाब सरकार ने विदाई कर दी है। बुधवार को पंजाब सरकारी की ओर से आइएएस अधिकारियों की ट्रांसफर लिस्ट में उनका नाम भी शामिल है।
उन्हें पंजाब राज्यपाल के सेक्रेटरी पद से हटाकर एडिशनल चीफ सेक्रेटरी कम फाइनेंस कमिश्नर डेवलेपमेंट विभाग लगाया गया है।
पंजाब में सेक्रेटरी स्पोर्ट्स एंड यूथ सर्विसेज जेएम बालामुर्गन को पंजाब राज्यपाल का नया सेक्रेटरी नियुक्ति किया गया है। बालामुर्गन के पास स्पोर्ट्स सेक्रेटरी का कार्यभार भी रहेगा।
1986 बैच के आइएएस मनिकांत प्रसांत सिंह (एमपी सिंह) पंजाब राजभवन में राज्यपाल के सेक्रेटरी के पद पर सबसे अधिक समय तक तैनात रहने वाले पहले अधिकारी हैं। एमपी सिंह ने पंजाब के पूर्व राज्यपाल रह चुके एसएफ रोिर्ड्रग्स, गवर्नर ओपी वर्मा, शिवराज पाटिल, कप्तान सिंह सोलंकी और मौजूदा समय में पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर के सेक्रेटरी के तौर पर सेवाएं दी हैं। अमूमन दो से तीन साल तक सेक्रेटरी की तैनाती की जाती है, लेकिन इस मामले में एमपी सिंह अपवाद रहे हैं। सभी राज्यपालों के साथ उनका तालमेल काफी बेहतर रहा है। सूत्रों के अनुसार मौजूदा राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर भी एमपी सिंह के कामकाज से काफी संतुष्ट थे, लेकिन पंजाब में कांग्रेस सरकार आने के बाद इनके तबादले की चर्चा काफी समय से चल रही थी।
22 जून की लिस्ट में नहीं था नाम
पंजाब में कैप्टन अमरिंदर की सरकार के आने के बाद सभी प्रमुख पदों पर तैनात आइएएस अधिकारियों के तबादलों का दौर शुरू हो चुका है। 22 जून को पंजाब सरकार ने आइएएस अधिकारियों के तबादलों की लिस्ट जारी की, लेकिन उसमें एमपी सिंह का नाम हीं था।
राजबचन की तैनाती भी विवादों में
पंजाब राजभवन में एमपी सिंह से लेकर कई अन्य अधिकारियों की सालों से एक ही जगह तैनाती विवादों में रही है। पंजाब के राज्यपालों के साथ 2006 से एडीसी रहे पंजाब पुलिस के एसपी राजबचन सिंह सिंधू भी कई सालों से तैनात हैं। उन्हें रिलीव करने के पंजाब सरकार ने आर्डर जारी किए, लेकिन उन्हें रिलीव नहीं किया गया। उनकी जगह एसपी आशीष कपूर को तैनात किया गया, लेकिन राजबचन के रिलीव नहीं होने के कारण कपूर की तैनाती का मामला भी लटक गया।