स्ट्रीट वेंडर्स को अब नहीं मिलेंगे टेंपरेरी लाइसेंस
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : स्ट्रीट वेंडर्स को अब टेंपरेरी लाइसेंस नहीं मिलेंगे। हाउस मीटिंग में पार्
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : स्ट्रीट वेंडर्स को अब टेंपरेरी लाइसेंस नहीं मिलेंगे। हाउस मीटिंग में पार्षदों ने इस एजेंडे का अप्रूवल नहीं दी है। हाउस मीटिंग में कांग्रेसी पार्षद देवेन्द्र सिंह बबला ने कहा कि ये स्ट्रीट वेंडर अभी से इन टेंपरेरी लाइसेंसों को हथियार बनाकर इस्तेमाल करने लगे हैं। पार्को व पार्किग में बैठे इन वेंडर्स ने इन लाइसेंसों की लेमिनेशन करवा ली है और जब कोई अधिकारी इन्हें हटने को कहता है तो यह उसके आगे कर देते हैं। यह सरासर गलत है, ऐसे में ये स्ट्रीट वेंडर सारे शहर में अतिक्रमण कर लेंगे।
एक और मौका दिया जाए : नेगी
पार्षद हीरा नेगी ने कहा कि कई स्ट्रीट वेंडर ऐसे हैं जो सालों से एक जगह बैठे हैं, वे अभी तक लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं कर पाए हैं। इसलिए उन्हें आवेदन करने का एक और मौका दिया जाए।
मां लटकाती रही है वेंडिंग कमेटी
अरुण सूद ने कहा कि निगम और टाउन वेंडिंग कमेटी लगातार इस मामले को लटकाती आ रही है। इसलिए ये हालात बने हैं। कई महीने बीत जाने के बाद भी अब तक वेंडर्स को वेंडिंग जोन क्यों अलाट किए गए। उन्होंने कमिश्नर और मेयर से गुजारिश की कि जल्द से जल्द इन स्ट्रीट वेंडर्स के वेंडिंग जोन बनाए जाएं।
आबादी के हिसाब से दे सकते हैं 25 हजार को लाइसेंस
कमिश्नर बी पुरुषार्थ ने कहा कि हम शहर की आबादी के हिसाब से 25 हजार स्ट्रीट वेंडर्स को लाइसेंस दे सकते हैं। यह कानून है और इसे लागू करना हम सबका फर्ज है। इसलिए हम उन्हें रोक नहीं सकते। उन्होंने कहा इसमें कई तरह की पेचीदगियां हैं जिस वजह से इसको लागू करने के लिए समय लग रहा है। वेंडर जोन बनाने के लिए टाउन वेंडिंग कमेटी चीफ आर्किटेक्ट को दो बार पत्र लिख चुकी है लेकिन अभी तक यहां से कोई जवाब नहीं आया है। ये लाइसेंस इसलिए शुरू किए थे ताकि निगम को इनसे कुछ आय मिले, जिससे इस पूरे प्रोजेक्ट को लागू करने में मदद मिल सकेगी।
21622 वेंडर्स ने कर रखे हैं आवेदन
नगर निगम वेंडर सेल के एसडीओ विवेक त्रिवेदी ने बताया कि सिटी ब्यूटीफुल में लाइसेंस के लिए आवदेन करने वाले 21622 वेंडर हैं। इन्हें निगम ने तीन वर्गो में बांटा है। इन वेंडर्स को सर्विस प्रोवाइडर, नॉन सर्विस प्रोवाइडर और मोबाइल वेंडर वर्ग में बांटा गया है। इसके अलावा शहर के सेक्टरों को भी तीन कैटेगरी में बांटा है।
ए कैटेगरी
सेक्टर-22, 19, 17, 15, 18, 34, 35, 7, 6 लेक एरिया, 4 रॉक गार्डन, 45 बुड़ैल, 20, 21, 23, 26, मनीमाजरा को रखा है। इसमें सर्विस प्रोवाइडर से 1500, नॉन सर्विस प्रोवाइडर से 2000 और मोबाइल वेंडर से 1000 रुपये फीस रखी है।
बी कैटेगरी
सेक्टर-1, 2, 3, 4, 5, 6, 8, 9, 10, 11, 12, 40, 44, 41, 16, 36, 38, 32, 43, 46, 39, 37, 47, 42, 27, 28, 30, 29, 31, 25, 33, 51, 52, 54, 56, 63 रखा है। इसमें सर्विस प्रोवाइडर से 500, नॉन सर्विस प्रोवाइडर से 1000 और मोबाइल वेंडर की फीस 800 रुपये रखी गई है।
सी कैटेगरी
धनास, मलोआ, मौलीजागरां, विकास नगर, रामदरबार, इंदिरा कॉलोनी, पलसौरा, खुड्डा लाहौरा, सेक्टर-14, 48, 49, 50, गोविंदपुरा, किशनगढ़, बापूधाम को रखा गया है। इसमें सर्विस प्रोवाइडर की फीस 300, नॉन सर्विस प्रोवाइडर 800 रुपये और मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर के लिए 500 रुपये फीस रखी गई है।
लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले वेंडर
वार्ड नंबर कुल वेंडर
1 664
2 561
3 2987
4 263
5 2383
6 632
7 420
8 757
9 371
10 501
11 750
12 402
13 185
14 612
15 691
16 236
17 931
18 291
19 2300
20 1009
21 335
22 496
23 483
24 1365
25 512
26 1485
कुल 21622