सीबीएसई के निर्देशों के बाद भी वसूल रहे मनमानी फीस
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) के कड़े निर्देशों के बाद भी शह
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) के कड़े निर्देशों के बाद भी शहर के प्राइवेट स्कूल मुनाफाखोरी नहीं रोक रहे हैं। अप्रैल शुरू होते ही नए सत्र में स्कूलों ने 10 से 30 फीसद तक फीस बढ़ा दी है। लेकिन यूटी का शिक्षा विभाग मामले में अभी तक कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा। गौरतलब है कि सीबीएसई ने साफ किया है कि कोई भी स्कूल फीस के नाम पर मुनाफाखोरी नहीं कर सकता है। लेकिन प्राइवेट स्कूल सुविधाओं का हवाला देते हुए फीस कम करने का नाम नहीं ले रहे। सीबीएसई के निर्देशों के अलावा शहर में प्राइवेट स्कूलों के अभिभावकों ने जिला अदालत में केस दायर किया है। जिसमें फीस बढ़ोतरी का विरोध किया गया है।
इस समय इन स्कूलों पर मामले
-माउंट कार्मल स्कूल सेक्टर-47
-सेंट जोसेफ स्कूल सेक्टर-44
-दिल्ली पब्लिक स्कूल सेक्टर-40
-चितकारा इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर-25
सेंट जोसेफ में स्कूल के पक्ष में आए अभिभावक
सेंट जोसेफ स्कूल के अभिभावकों ने फीस के विरोध में केस दर्ज कराया था। कोर्ट ने बढ़ी हुई फीस पर स्टे लगाया था लेकिन साथ ही कहा था कि बच्चों के हितों को देखते हुए स्कूल प्रशासन के साथ बैठक करके फीस जमा हो सकती है। इसके लिए शुक्रवार को सेंट जोसेफ स्कूल में अभिभावकों के साथ बैठक हुई। बैठक में केस दायर करने वाले 3 अभिभावकों को बुलाया गया था जबकि स्कूल के पक्ष में 11 अभिभावक आए थे। जहां पर तीन अभिभावकों ने फीस बढ़ोतरी का विरोध किया, वहीं 11 ने सुविधाओं की दुहाई देते हुए कदम को सही ठहराया।
नियमों का पालन न होना मुनाफाखोरी का रास्ता
सीबीएसई की मान्यता से ही स्कूल चल रहे हैं। उनकी गाइडलाइन को मानना सभी स्कूलों में अनिवार्य किया जाना चाहिए। जब कभी भी स्कूल में इस मामले पर बात करने की कोशिश की गई तो स्कूल प्रशासन ने बात करने से भी इन्कार कर दिया। सीबीएसई के नियमों का पालन न करने का अर्थ सीधे तौर पर मुनाफाखोरी है। ऐसे में अब प्रशासन को ही कोई एक्शन लेने की जरूरत है। ताकि स्कूल फीस पर लगाम लगाई जाए।
-हरीश, अभिभावक, माउंट कार्मल स्कूल सेक्टर-47
खर्चा अभिभावकों को दिखाए स्कूल
स्कूल अपने खर्च को अभिभावकों को दिखा दे। यदि खर्च सही है और मुनाफाखोरी नहीं हो रही तो स्कूल को डरना नहीं चाहिए। उसे अभिभावक के साथ मिलकर चलना चाहिए। यदि प्राइवेट स्कूल फीस बढ़ोतरी पर लगाम लगाने में फेल हो रहे हैं तो सीधे तौर पर वे मुनाफाखोरी कर रहे हैं। इसके लिए अब कोर्ट को ही कोई निर्णय लेना होगा।
-नितिन गोयल, प्रेसिडेंट, चंडीगढ़ पेरेंटस एसोसिएशन
बच्चों की सुविधा के अनुसार फीस बढ़ाते हैं। यदि बच्चों को बेहतर सुविधाएं देनी है तो खर्च तो होगा। स्कूल कोई भी मुनाफाखोरी नहीं करता है। स्कूल के स्टैंडर्ड को मेंटेन रखने के लिए खर्च होता है।
-एचएस मामिक, प्रेसिडेंट, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन