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87.02 लाख से सेक्टर-7, 23 और 24 में बिछेगी टर्शरी पाइप लाइन

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : नगर निगम बड़े शिक्षण संस्थानों, होटलों और एक कनाल से बड़े घरों में टर्शरी व

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Apr 2017 01:01 AM (IST)Updated: Sat, 29 Apr 2017 01:01 AM (IST)
87.02 लाख से सेक्टर-7, 23 और 24 में बिछेगी टर्शरी पाइप लाइन
87.02 लाख से सेक्टर-7, 23 और 24 में बिछेगी टर्शरी पाइप लाइन

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : नगर निगम बड़े शिक्षण संस्थानों, होटलों और एक कनाल से बड़े घरों में टर्शरी वाटर की सप्लाई करने की प्लानिंग कर रहा है। इस कड़ी में शुक्रवार को नगर निगम की हाउस मीटिंग में एजेंडा लाया गया जिसमें 87.02 लाख रुपये की लागत से शुरुआत में सेक्टर-7, 23 और 24 में टर्शरी वाटर की पाइप लाइन बिछाने का एजेंडा पास किया किया गया। इसमें पार्षदों ने कई सुझाव दिए। वार्ड-18 के पार्षद देवेंद्र सिंह बबला ने कहा कि इस प्रोजेक्ट की वजह से उनके वार्ड में कई जगहों पर हफ्ताभर पहले खुदाई हुई है। पाइप डालने का काम अभी तक शुरू नहीं किया गया। जिससे लोगों को खासी परेशानी हो रही है।

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पूरे शहर में बिछाया जाए प्रोजेक्ट

पूर्व मेयर अरुण सूद ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को शहर के सभी हिस्सों में बिछाया जाना चाहिए ताकि लोगों को पीने की पानी की किल्लत न हो। उन्होंने यह मुद्दा भी उठाया कि टर्शरी वाटर बदबूदार होता है जिसकी वजह से लोगों को परेशानी होती है। ऐसे में लोग घरों में इसे इस्तेमाल करेंगे, इसकी क्या गारंटी है। पाइप लाइन बिछाने के बजाय कई जगह पर शेलो ट्यूबवेल लगाकर इस समस्या से पार पाया जा सकता है। इससे प्रोजेक्ट की लागत कम होगी।

नगर निगम में फिलहाल 7600 घर एक कनाल के

चीफ इंजीनियर एनपी शर्मा ने कहा कि नगर निगम में मौजूदा समय में 7600 के करीब एक कनाल के घर हैं जिनमें 1700 घरों में टर्शरी वाटर दिया जाता है। बाकी घरों में टर्शरी वाटर उपलब्ध हो, इसके लिए पहले चरण में सेक्टर-7, 23 और 24 में टर्शरी वाटर की सप्लाई के लिए पाइप लाइन बिछाई जा रही है। 74 बड़े संस्थानों को इस बाबत नोटिस भेजा गया है कि अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए वह शेलो ट्यूबवेल लगाएं।

कमिश्नर ने कहा, मांग से अधिक आपूर्ति से पैदा हुई समस्या

कमिश्नर बी पुरुषार्था ने कहा कि शहर में टर्शरी वाटर की कोई कमी नहीं है। दिक्कत यह है कि जितनी पानी की सप्लाई है उतनी उसकी खपत नहीं है। जिस वजह से यह पानी पाइप लाइन में जमा हो जाता है। जिससे इसमें बैक्टीरिया पैदा हो जाता है जो इसे बदबूदार बना देता है। निगम की प्लानिंग यह है कि शुरुआत में इस पानी की सप्लाई फ्री में लोगों को दी जाए। इससे साफ पानी की खपत कम होगी। फिलहाल नगर निगम की यही कोशिश है कि लोगों को इसका विकल्प जल्द से जल्द उपलब्ध करवाया जाए।

कुत्तों की नसबंदी करने वाली कंपनी का कांट्रैक्ट बढ़ाया

एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोग्राम के तहत कुत्तों की नसबंदी करने वाली कंपनी के कांट्रैक्ट को बढ़ाने वाले एजेंडे को पास कर दिया है। इसके अलावा चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 में लगे बायोगैस प्लांट को स्थापित करने के लिए भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र का जो 30 हजार रुपये बकाया रहता था, को पास कर दिया गया है।


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