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अब 'रामपुर' के भरोसे कटेंगी गर्मियां

संजीव सलारिया, चंडीगढ़ : गर्मियों में बिजली की बढ़ी डिमांड से जूझने में इस बार जम्मू से 30 मेगावाट उ

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Mar 2017 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2017 01:00 AM (IST)
अब 'रामपुर' के भरोसे कटेंगी गर्मियां
अब 'रामपुर' के भरोसे कटेंगी गर्मियां

संजीव सलारिया, चंडीगढ़ : गर्मियों में बिजली की बढ़ी डिमांड से जूझने में इस बार जम्मू से 30 मेगावाट उधार बिजली नहीं मिलेगी। पीक आवर्स में बढ़ने वाले लोड से निपटने के लिए प्रशासन रामपुर हाईड्रो पावर प्लांट से 40 मेगावाट बिजली खरीदेगा। गर्मियों में इस बार रोजाना अधिकतम खपत 410 मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है। वर्ष 2017-18 के प्रस्ताव के अनुसार प्रशासन ने इन गर्मियों (मार्च से जून तक) के पीक आवर्स में डिमांड 477 मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान दिया है। प्रशासन के पास वर्तमान में 304 मेगावाट बिजली उपलब्ध है और 112 मेगावाट की व्यवस्था अन्य स्त्रोतों से की जा रही है। प्रशासन एनटीपीसी, एनएचपीएल, एनपीसीआइएल, बीबीएमबी, एसजेवीएन से बिजली की व्यवस्था कर रहा है। बिजली व्यवस्था के संचालन के लिए 220 किलोवाट (केवी) स्टेशन के अलावा तेरह 66 केवी ओर पांच 33 केवी के स्टेशन हैं। शहर में कुल 2.17 लाख उपभोक्ता हैं और इनमें 1.75 कामर्शियल कैटेगरी से हैं। जेईआरसी को भेजे प्रस्ताव में इलेक्ट्रीसिटी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एमपी सिंह ने बिजली व्यवस्था के लिए किए उचित प्रबंधों की जानकारी दी है।

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17 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं दाम

ज्वाइंट इलेक्ट्रीसिटी रेगुलेटरी कमीशन (जेईआरसी) ने इलेक्ट्रीसिटी को भेजे प्रस्ताव में प्रशासन ने बिजली टैरिफ में 20 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया है। कमीशन का फैसला आना अभी बाकी है। लेकिन बीते वित्तीय वर्ष में हुई बढ़ोतरी को आंकें तो इस बार भी 17 प्रतिशत यानी प्रति यूनिट लगभग 45 पैसे की वृद्धि होने की उम्मीद है। कमीशन ने बीते साल 40 प्रतिशत वृद्धि के प्रस्ताव पर 17.17 प्रतिशत रेट बढ़ाए थे।

कामर्शियल ऑडिट होता तो भार न बढ़ता

बिजली की दामों में बढ़ोतरी अगले चार वर्षो तक हर साल होगी। हर साल कामर्शियल ऑडिट रिपोर्ट नहीं तैयार करने की वजह से बढ़ोतरी का क्रम नहीं हो सका। प्रशासन अब तक 5 रुपये 48 पैसे प्रति यूनिट की बिजली खरीदकर उपभोक्ताओं को घाटे में 5 रुपये प्रति यूनिट के दाम पर देता आया है। अब घाटे की स्थिति ये है कि यह पांच सौ करोड़ तक पहुंच चुका है। साल 2019 तक हर साल बिजली टैरिफ में बढ़ोतरी की जाएगी

घरेलू उपभोक्ता : प्रति यूनिट

-150 यूनिट तक 2.55 रुपये

-400 यूनिट तक 4.80 रुपये

-400 से ज्यादा यूनिट 5.00 रुपये

कामर्शियल : प्रति यूनिट

150 यूनिट तक 5.00 रुपये

400 यूनिट तक 5.20 रुपये

400 यूनिट से ज्यादा 5.45 रुपये

उपभोक्ता बढ़े, कर्मचारी नहीं

यूटी के बिजली विभाग में उपभोक्ताओं के लिहाज से कर्मचारियों का संकट है। यूटी इलेक्ट्रीकल यूनियन द्वारा जेईआरसी को सौंपे मांगपत्र में यूनियन नेता गोपाल जोशी ने कहा कि 1987 में शहर में एक लाख उपभोक्ता थे तब 1780 पोस्टें सेंक्शन थीं। वर्तमान में कनेक्शन होल्डरों की संख्या दो लाख से ज्यादा है और कर्मचारियों की संख्या 1100 है। कर्मियों की कमी के बारे में प्रशासन के चीफ इंजीनियर मुकेश आनंद ने कहा कि कर्मियों की संख्या बढ़ाने के लिए लगातार पहल होती रही है और यह क्रम अब भी जारी है।

पुराने ट्रांसफर बिगाड़ेंगे हालात

गर्मियों में इस बार 885 पुराने ट्रांसफार्मर सप्लाई में अड़चन बन सकते हैं। नियमानुसार ट्रांसफार्मरों को दस साल के बाद बदला जाना चाहिए लेकिन बजट के अभाव के चलते इन्हें 15 साल से ज्यादा का समय हो चुका है। सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर एमपी सिंह के अनुसार ट्रांसफार्मरों को बदलने और स्मार्ट मीटर लगाने और अन्य विकास प्रोजेक्टों के लिए केंद्र से 700 करोड़ रुपये का इंतजार है। हर साल ट्रांसफार्मरों की मरम्मत की जाती है, स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। सूत्रों के अनुसार इन दिनों बिजली की अधिकतम खपत 296 से 298 मेगावाट के बीच बनी हुई है जबकि बीते साल 19 मई को खपत 350 मेगावाट के अंक को छू गई थी। इन गर्मियों में भी बिजली संकट बढ़ सकता है।


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