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यूनिवर्सिटीज में हो एकेडमिक फ्रीडम का माहौल

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : उपराष्ट्रपति डॉ. हामिद अंसारी ने शनिवार को पीयू के 66वें दीक्षांत समारोह

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Mar 2017 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2017 01:00 AM (IST)
यूनिवर्सिटीज में हो एकेडमिक फ्रीडम का माहौल
यूनिवर्सिटीज में हो एकेडमिक फ्रीडम का माहौल

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : उपराष्ट्रपति डॉ. हामिद अंसारी ने शनिवार को पीयू के 66वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटियों में एकेडमिक फ्रीडम (शैक्षणिक आजादी) बरकरार रहनी चाहिए। इसके जरिए नए विचारों का आदान प्रदान, नई खोज, नए सुधार और ज्ञान की गंगा बहती है। एकेडमिक फ्रीडम व बौद्धिक आदान प्रदान के लिए वातावरण मुहैया कराना प्रशासन का काम है। अगर कहीं इसके खिलाफ माहौल तैयार किया जा रहा है तो फिर यूनिवर्सिटी को कानूनी पहल करने पर विचार करना चाहिए। एकेडमिक फ्रीडम में आलोचना, असहमति किसी की धारणाओं पर सवाल उठाने की आजादी और नए विचारों को उभरने देने के प्रति सहिष्णुता होनी चाहिए। चांसलर डॉ. हामिद अंसारी के भाषण से स्पष्ट झलक रहा था कि वे बीते दिनों में देश की यूनिवर्सिटीज में पनपे माहौल और असहिष्णुता के बाद उपजी परिस्थितियों के परिपेक्ष्य में अपना रोष व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अच्छा बौद्धिक काम वहीं हो सकता है, जहां स्कॉलर्स को रिस्क लेने, चुनौती स्वीकार करने व माइंड बदलने की आजादी हो। यूनिवर्सिटीज में बौद्धिक आजादी को जगह मिलनी चाहिए। अपनी फैकल्टी, स्टूडेंट्स को अभिव्यक्ति की आजादी की पहल करने देनी चाहिए। यूनिवर्सिटियों में जो भी नए विचार उपजे, उन्हें अस्वीकार किया जा सकता है, उससे असहमत हुआ जा सकता है, उस विचार को पूरी तरह रद किया जा सकता है लेकिन इसे न तो दबाया जा सकता और न इसे रोका जा सकता है। डॉ. अंसारी ने कहा कि यूनिवर्सिटी की जिम्मेदारी बनती है कि वह भय के माहौल को समाप्त कर विरोध के स्वरों को भी पनपने दें। अगर हम ऐसा नहीं करते तो हम रुढि़वादी विचारधारा को जन्म दे रहे हैं और दुनिया को जानने की उत्सुकता समाप्त कर रहे हैं।

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पंजाब के राज्यपाल नहीं पहुंचे

पंजाब के राज्यपाल व यूटी के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर समारोह में नहीं पहुंचे। हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी मंच पर डॉ. हामिद अंसारी के बाईं और बैठे। उनके बराबर में सांसद किरण खेर और उनके साथ जाने माने साइंटिस्ट प्रो. जीएस खुश मौजूद रहे। डॉ. अंसारी के दाईं और मंच पर भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, उनके साथ वाली सीट पर लेखक नुरूद्दीन फराह मौजूद रहे। वीसी प्रो. एके ग्रोवर ने इन सभी को यूनिवर्सिटी की ओर से सम्मानित किया।

इन्हें मिला सम्मान

समारोह के दौरान प्रो. दिलीप कुमार टिवाणा को साहित्य रत्न, अनुपम खेर को कला रत्न और प्रो. पीडी गुप्ता को विज्ञान रत्न से सम्मानित किया गया। भाजपा नेता व पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री मुरली मनोहर जोशी को डीलिट (डॉक्ट्रेट आफ लिटरेचर) की मानद उपाधि, प्रो. जीएस खुश को डॉक्ट्रेट इन साइंस की उपाधि और नुरुद्दीन फराह को डीलिट की उपाधि दी गई। मुख्य बात यह रही कि बाकी सभी को डॉ. हामिद अंसारी ने सम्मान प्रदान किया लेकिन एक्टर अनुपम खेर को मंच पर मौजूद उनकी पत्नी किरण खेर से सम्मान प्रदान करवाया गया। सम्मान के दौरान मंच पर पहुंचते ही अनुपम खेर से सांसद किरण खेर ने हाथ मिलाया। समारोह के दौरान वीसी प्रो. एके ग्रोवर ने ब्रेक के बाद 14 राज्यों के 799 स्टूडेंट्स को डिग्री प्रदान की। इनमें पंजाब के 123, हरियाणा के 50, चंडीगढ़ के 72 और अन्य राज्यों के स्टूडेंट्स थे। कई स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल भी दिए गए।


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