चंडीगढ़ प्रशासन को हर हाल में अगली सुनवाई पर देना होगा जवाब
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : शहर के अधिकतर निजी स्कूलों की ओर से बच्चों को एनसीईआरटी की सस्ती पुस्तकों
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : शहर के अधिकतर निजी स्कूलों की ओर से बच्चों को एनसीईआरटी की सस्ती पुस्तकों के बजाय निजी प्रकाशकों की महंगी पुस्तकें पढ़ाए जाने के मामले में वीरवार को सुनवाई हुई। मामले में हाईकोर्ट में चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से न तो कोई पेश हुआ और न ही हाईकोर्ट के नोटिस का ही जवाब दिया। जस्टिस जीएस संधावालिया ने प्रशासन के कोई भी जवाब नहीं दिए जाने पर मामले की सुनवाई 21 दिसम्बर तक स्थगित कर दी है और प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि वो अगली सुनवाई पर हर हाल में अपना जवाब दायर करे। बता दें की चंडीगढ़ के नितिन गोयल ने एडवोकेट मोहमद सरताज के जरिए याचिका दायर कर बताया था कि शहर के अधिकतर निजी स्कूल बच्चों को एनसीईआरटी की सस्ती पुस्तकों के बजाय निजी प्रकाशकों की महंगी पुस्तकें पढ़ा रहे हैं, जबकि तय कानून के अनुसार स्कूलों में वही पुस्तकें पढ़ाई जाएंगी, जिन्हें शिक्षा विभाग रिकमंड करेगा। इसके बाद भी महंगी पुस्तकें खरीदने के लिए दबाव बनाया जाता है, जिनकी कीमत एनसीईआरटी की पुस्तकों के मुकाबले 10 गुना अधिक है। यह सारा खेल निजी स्कूल प्रबंधकों की मिलीभगत से चल रहा है। गोयल ने हाईकोर्ट को बताया कि पंजाब एजुकेशन कोड, जोकि चंडीगढ़ पर भी लागू होता है, के तहत स्कूलों को मान्यता प्रदान करने के साथ ही इस कानून के अनुच्छेद-249 के तहत यह भी तय किया गया है कि ये सभी स्कूल वही पुस्तकें पढ़ाएंगे, जिन्हें एजुकेशन विभाग रिकमंड करेगा। हाईकोर्ट ने याचिका पर चंडीगढ़ के शिक्षा सचिव और एजुकेशन विभाग के निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा हुआ है।