परिजनों ने देश के लिए जान दी, हमें कब मिलेगा सम्मान
जागरण संवाददाता, मोहाली : देश के लिए 1962, 65 और 71 की लड़ाई में शहीद हुए जवानों के परिजनों ने प्रशास
जागरण संवाददाता, मोहाली : देश के लिए 1962, 65 और 71 की लड़ाई में शहीद हुए जवानों के परिजनों ने प्रशासन से पूछा है कि आखिर उन्हे उनका बनता सम्मान कब मिलेगा। सैनिकों के परिवारों ने कहा कि उनके बुजुर्ग संसार छोड़ने लगे हैं। इस आस में कि राज्य सरकार उन्हे सम्मान देगी, वे इस सपने को आखों में लिए दुनिया से चले गए। शहीद परिवारों ने अपनी मागों को लेकर जिले के डीसी डीएस मागट को वीरवार को इस बाबत ज्ञापन सौंपा। शहीदों के पारिवारिक सदस्यों ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रकाश ¨सह बादल ने कहा था कि उनकी मागों को जल्द पूरा किया जाएगा। लेकिन मागों को पूरा करने के लिए कुछ नहीं किया गया।
संसार से विदा हो गए कई, मांगें रही अधूरी
डीसी से मिलने पहुचे शहीद सैनिकों के परिजनों ने बताया कि गाव कडाला की पूर्व सैनिक की विधवा सुरजीत कौर अपने हक की लड़ाई लड़ते-लड़ते बुधवार को शरीर छोड़ गई। गाव सोहाना के पूर्व सैनिक केसर सिंह ने भी गत दिवस दम तोड़ दिया था। शहीद सैनिकों के पारिवारिक सदस्यों ने कहा कि सात माह पहले उन्हे आश्वासन दिया था कि मागें पूरी की जाएगी। इस आश्वासन पर मुख्यमंत्री के आवास के सामने लगाया गया धरना खत्म किया गया था। सैनिकों के परिवारों ने कहा कि अगर मागों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो संघर्ष किया जाएगा।
डीसी बोले : सरकार से बात करेंगे
शहीद परिवारों को सरकार की ओर से दस-दस मरले के प्लॉट के अलावा पचास लाख रुपये तीन किस्तों में देने की बात कही गई थी। लेकिन अभी तक इनमें से एक भी माग को पूरा नहीं किया गया है। वहीं, मोहाली के डीसी डीएस मागट ने कहा कि उन्हे वीरवार को परिवारों की ओर से ज्ञापन दिया गया है। इस मामले को लेकर वे सरकार से बात करेगे और जल्द मागों को पूरा करवाने की कोशिश करेंगे।