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स्टूडेंट संगठनों का असल मुद्दों पर ध्यान नहीं

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट संगठन भले ही छात्र संघ कौंसिल के चुनाव मैदा

By Edited By: Published: Sun, 28 Aug 2016 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 28 Aug 2016 01:00 AM (IST)
स्टूडेंट संगठनों का असल मुद्दों पर ध्यान नहीं

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट संगठन भले ही छात्र संघ कौंसिल के चुनाव मैदान में जोरशोर से उतर रहे हों लेकिन असल मुद्दों पर उनका कोई ध्यान नहीं है। इससे स्पष्ट तौर पर जाहिर हो रहा है कि स्टूडेंट्स को छात्र नेता वोट बैंक के तौर पर तो इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन उनसे जुड़े सरोकारों को उठाने में उनकी कोई खास रुचि नहीं। शनिवार को विभिन्न संगठनों ने छात्र राजनीति को लेकर बातचीत की व पैनल घोषित किए लेकिन जो असल मुद्दे रहे उनसे वह पूरी तरह अनभिज्ञ थे। जब संगठनों के नेताओं को याद कराया गया तो केवल यह कहकर जान बचा ली कि अब उनकी जानकारी में मामला आ गया है लिहाजा वह इस मुद्दे को उठाने पर विचार करेंगे।

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असल मुद्दों पर किसी का ध्यान ही नहीं गया

पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन बीते कई दिनों से आर्थिक संकट का रोना रो रहा है। हालात इस कदर खराब बताए जा रहे हैं कि टीचरों को सेलरी देने तक के पैसे नहीं हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बीते दिनों सीधे तौर पर स्टूडेंट्स की फीस बढ़ा दी, इसको लेकर स्टूडेंट संगठनों ने खूब आवाज बुलंद की। धरने-प्रदर्शन भी कैंपस में किए। पीयू प्रशासन ने एग्जामिनेशन फीस बढ़ाकर ही सालाना 35 करोड़ रुपये की रकम जुटा ली। अब ट्यूशन फीस बढ़ाने की तैयारी है, जिसे सिंडिकेट के एजेंडे पर जल्द लाया जा रहा है। हाल ही में पंजाब यूनिवर्सिटी के 45 टीचर्स की रिटायरमेंट उम्र 60 से 65 करने की याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी। बीते दो साल के भीतर जिन-जिन टीचर्स को हाईकोर्ट की ओर से 60 साल होने पर स्टे दिया गया, उन्हें 24 करोड़ रुपया अतिरिक्त सेलरी के तौर पर दे दिया गया। हाईकोर्ट की सिंगल बैंच ने इस याचिका को खारिज करते हुए यह भी कहा कि अगर पीयू प्रशासन चाहे तो इन टीचरों को दो साल में जो अतिरिक्त सेलरी दी गई है, उसकी रिकवरी कर सकता है। पीयू प्रशासन रिकवरी करने के मुद्दे पर जरा भी गंभीर नहीं दिखा। 24 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि रिकवर करने के मुद्दे पर पीयू प्रशासन ने जरा भी गंभीरता नहीं दिखाई। शनिवार को जब यही सवाल स्टूडेंट कौंसिल पर काबिज सोई के नेताओं परमजीत सिंह रोमाणा, विक्की मिड्डूखेड़ा, रोबिन बराड़, सिमरनजीत सिंह ढिल्लों से पूछा गया कि क्या पंजाब यूनिवर्सिटी के आर्थिक संकट का बोझ ढोना केवल स्टूडेंट्स की जिम्मेदारी है तो उन्होंने इस मसले को लेकर बिलकुल अनभिज्ञता जताई।

अब आपने याद दिला दी है, आवाज उठाएंगे : रोमाणा

परमजीत सिंह रोमाणा ने कहा कि अब ये मुद्दा आपने बता दिया है तो इसको लेकर जरूर आवाज उठाएंगे लेकिन साथ ही यह भी जोड़ दिया कि इससे टीचर्स से टकराव होगा। जब पूछा गया कि एक-एक पैसे के लिए तरस रही यूनिवर्सिटी केवल और केवल स्टूडेंट्स को ही टारगेट करती है तो क्या टीचर्स से पैसा रिकवरी करने का मुद्दा संगठनों को नहीं उठाना चाहिए तो उनका कहना था कि लोकल स्तर की लीडरशिप को ये मालूम नहीं था लेकिन अब वह इसको लेकर संघर्ष करेंगे। बीते दिनों अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने हॉस्टलों के हिसाब किताब में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए मुद्दा उठाया था जिसके बाद केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने फैक्ट फाइंडिंग गठित कर इस मामले की जांच शुरू कर दी थी। एक सार्थक मुद्दे पर एबीवीपी की पहल रंग लाई और जांच शुरू कर दी गई। पीयू की ग्रांट रोकने की एक वजह यह मामला भी बना था, जिसके चलते यूनिवर्सिटी की खूब किरकिरी हुई।

पीयू ने कभी नहीं बताया कि ग्रांट कम दी गई है

पंजाब यूनिवर्सिटी को पंजाब सरकार बीते कई सालों से पूरी ग्रांट नहीं दे रही। जब परमजीत सिंह रोमाणा से यह सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से कभी इस बाबत नहीं कहा गया। वह इस मसले को सरकार के स्तर पर उठा सकते हैं। अगर ग्रांट कम दी जा रही है तो कम से कम बताया जाए कि कितनी मिलनी थी और कितनी दी गई।

40 फीसद ग्रांट देनी है पंजाब सरकार को

बता दें कि पंजाब सरकार को 40 प्रतिशत की ग्रांट देनी होती है। 60 प्रतिशत केंद्र देता है। पंजाब सरकार ने अब कैपिंग लगाकर केवल 20 करोड़ की ग्रांट देनी शुरू कर दी है, जबकि उसका ग्रांट का हिस्सा कहीं ज्यादा बनता है।

सोई घोषित कर चुकी है अपना पैनल

सोई ने चुनावों के लिए अपना पैनल घोषित किया। प्रेसिडेंट अर्शदीप कौर मांगट को बनाया गया है जबकि चेयरपर्सन की पोस्ट तवलीन संधू की दी गई। सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अवंतिका ठाकुर और रिया चुघ, जबकि वाइस प्रेसिडेंट प्रभलीन नागरा, सोनाली सिंगला और प्रिया शर्मा को बनाया गया। जनरल सेक्रेटरी की पोस्ट पर खुशबू टंडन, रीतिंदर रीत कौर को रखा गया। सचिव की पोस्ट पर नवजोत कौर, तान्या बेदी, निष्ठा व शगुन शर्मा जबकि ज्वाइंट सेक्रेटरी की पोस्ट पर रिद्धिमा शर्मा को बैठाया गया।

एनएसयूआइ के महिला विंग ने परिसर में अलग-अलग पोस्टों पर नियुक्ति की घोषणा की

एनएसयूआइ के महिला विंग ने परिसर में अलग-अलग पोस्टों पर नियुक्ति की घोषणा की। पल्लवी क्लेयर को कैंपस प्रेसिडेंट नार्थ, आशिमा अवस्थी को कैंपस प्रेसिडेंट साउथ, अदिति मलिक व पारुल नेगी को वाइस प्रेसिडेंट, शानू अरोड़ा व इबादत को जनरल सेक्रेटरी, हरप्रीत को ज्वाइंट सेक्रेटरी, कैंपस इंचार्ज साउथ के पद पर श्रुति, कैंपस इंचार्ज नार्थ के पद पर भारती नेगी, पार्टी इंचार्ज सुखवंत, कनवीनर आरुषि, इलेक्शन इंचार्ज अनुष्का को बनाया गया। ला डिपार्टमेंट इंचार्ज के तौर पर ईशा, साइंस इंचार्ज के पद पर हिमानिता एवं नीरू, बीडीएस में डॉली, आटर््स में आकांक्षा एवं सोजिया, यूआइईटी में सावी, साइंस में गुरप्रीत को कोऑर्डिनेटर बनाया गया। साइंस कनवीनर अदिति को यूआइएलएस में तनवी अग्रवाल व यूआइएचएमटी में तनवी को इंचार्ज बनाया गया।


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