रिटायर्ड कास्टेबल ने हाईकोर्ट में कहा, मेरे सामने हुए कई फर्जी एनकाउंटर
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब पुलिस के फर्जी एनकाउंटरों का मामला एक बार फिर हाईकोर्ट पहुंच गया है
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब पुलिस के फर्जी एनकाउंटरों का मामला एक बार फिर हाईकोर्ट पहुंच गया है। मोहाली निवासी रिटायर्ड कास्टेबल गुरचरण सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों पर फर्जी एनकाउंटर के आरोप लगाए हैं। कास्टेबल ने कहा कि वह इन एनकाउंटरों का चश्मदीद है और उसके सामने ही 1991 में मोरिंडा के बलबीर सिंह व 1992 में धर्मगढ़ खरड़ के कुलदीप सिंह का एनकाउंटर किया गया था। खास बात यह थी कि इन्हें पहले पुलिस ने पकड़ा, थाने में अवैध रूप से रखा और फिर इनको गोली मार कर इसे एनकाउंटर दिखा दिया गया। इस याचिका पर हाईकोर्ट संभवत: सोमवार को सुनवाई करेगा।
गुरचरण सिंह ने अपनी याचिका में कहा कि उसने 1976 में पंजाब पुलिस में नौकरी शुरू की थी और उसकी पहली पोस्टिंग फिरोजपुर हुई थी। इसके बाद उसकी बदली मोरिंडा कर दी गई। यहा पर बलबीर सिंह को पांच अप्रैल 1991 को पुलिस ने उठाया और अवैध हिरासत में रख लिया। अगली रात उसको मार दिया गया और इसे एनकाउंटर दिखाया गया। इस पूरे प्रकरण में इंस्पेक्टर हरभजन सिंह ने भूमिका निभाई थी। याचिका में कहा गया कि इसके लिए आदेश वर्तमान में मानवाधिकार आयोग में एडीजीपी मोहम्मद मुस्तफा ने दिए थे।
जबरदस्ती मुंह में डाल दिया साइनाइड
एक अन्य मामले का हवाला देते हुए याची ने कहा कि जब वह खरड़ में ड्यूटी पर था तो उसने कुलदीप सिंह नाम के व्यक्ति को पकड़ा था, जो धर्मगढ़ का था। इस व्यक्ति को पकड़ कर उसने उस समय के एसएचओ रमेश कुमार के हवाले कर दिया था। इसके बाद रमेश कुमार ने कुलदीप सिंह के मुंह में जबरदस्ती साइनाइड डाल दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। इस याचिका में पंजाब पुलिस के आला अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए याचिकाकर्ता ने उच्चस्तरीय जांच की माग की है।