सेशन जज के बेटे को अनुकंपा पर नियुक्ति, नोटिस
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को हाईकोर्ट को ही उसके रजिस्ट्रार
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को हाईकोर्ट को ही उसके रजिस्ट्रार (प्रशासन) के जरिए नोटिस जारी किया। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन व दो अन्य ने एक याचिका दायर कर एक ग्रेड-टू सुप¨रटेंडेंट की अनुकंपा के आधार पर हुई नियुक्ति को रद करने की माग की है। याचिका में कहा गया है कि इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल लुधियाना में पूर्व जिला व सेशन जज-सह-प्रीजाइडिंग ऑफिसर वीरेंद्र कुमार मेघ के निधन पर उनके पुत्र नितिन को अनुकंपा आधार पर अगस्त, 2015 में एक चयन कमेटी की सिफारिशों के आधार पर सुप¨रटेंडेंट ग्रेड-टू (ग्रुप-ए पद) नियुक्तकिया गया है। चयन कमेटी ने फैसला लेते हुए इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि अनुकंपा के आधार पर नियुक्तिया केवल ग्रुप-सी या ग्रुप-डी के पदों पर ही हो सकती हैं। जस्टिस रामेश्वर सिंह मलिक ने शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार (प्रशासन) को छह दिसंबर के लिए नोटिस जारी किया है।
यह है सुप्रीम का निर्देश
इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट भी उमेश नागपाल के केस में निर्देश दे चुका है कि ग्रुप-ए या ग्रुप-बी पदों पर अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति नहीं दी जा सकती। याचिकाकर्ता ने आगे कहा है कि पॉलिसी के तहत अनुकंपा नियुक्ति केवल इस आधार पर दी जाती है कि परिवार के भरण-पोषण का भार उठा रहे व्यक्ति की मौत से परिवार को मुश्किल से उबारा जा सके।
परिवार की स्थिति महत्वपूर्ण
याचिका में कहा गया कि चयन समिति ने नितिन को सुपरिंटेंडेंट ग्रेड-टू की नियुक्ति देते हुए इस बात को नजरअंदाज कर दिया कि स्व. वीरेंद्र कुमार मेघ की विधवा को सेवात लाभ के रूप में लगभग 90 लाख रुपये अदा किए गए और उनके परिवार को फैमिली पेंशन के रूप में हर महीने लगभग 38 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। इसके अलावा स्व. वीरेंद्र कुमार मेघ की अचल संपत्ति भी काफी है। याचिका में यह भी कहा गया है कि चयन समिति ने नितिन को नियुक्ति देते समय सुप¨रटेंडेंट ग्रेड-टू पद के लिए जरूरी शैक्षिक योग्यता में भी छूट दी है।