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पीयू व संबद्ध कॉलेजों में बढ़ेगी फीस, 2.5 लाख स्टूडेंट्स की जेब पर पडे़गा असर

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी की सिंडिकेट मीटिंग में फीस बढ़ोतरी को लेकर शुक्रवार को

By Edited By: Published: Sun, 24 Jul 2016 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 24 Jul 2016 01:00 AM (IST)
पीयू व संबद्ध कॉलेजों में बढ़ेगी फीस, 2.5 लाख स्टूडेंट्स की जेब पर पडे़गा असर

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी की सिंडिकेट मीटिंग में फीस बढ़ोतरी को लेकर शुक्रवार को खूब हंगामा हुआ। पीयू सिंडीकेट ने सेमेस्टर व एनुअल कोर्सो में 1400 से लेकर 2500 रुपये तक फीस बढ़ाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई, हालांकि फाइनल फैसला 24 जुलाई को होने जा रही सीनेट की बैठक में होगा। पंजाब व चंडीगढ़ सहित यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे करीब ढाई लाख बच्चों पर इस फीस बढ़ोतरी का असर पड़ेगा। हालांकि स्टूडेंट संगठन फीस बढ़ोतरी को लेकर आंखें तरेरे हुए हैं लेकिन पीयू के पास केंद्र सरकार की ओर से ग्रांट जारी न करने को लेकर जबरदस्त दबाव है लिहाजा बढ़ोतरी तो अवश्य की जाएगी। सीनेट फाइनल फैसला करेगी कि यह बढ़ोतरी 5 प्रतिशत हो या इससे ज्यादा।

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इतनी बढ़ सकती है फीस

बीए, बीएससी, बीकाम, बीबीए, बीसीए, बीपीएड, बीएड की इग्जाम फीस सेमेस्टर व एनुअल सिस्टम में 2500 रुपये तक फीस बढ़ सकती है। अभी यह फीस 1300 रुपये से 2400 रुपये के बीच है। एनवायरमेंट एजुकेशन की फीस 500 रुपये तक बढ़ सकती है। अभी यह फीस 300 से 500 रुपये के बीच है। एमए, एमएससी और एमकॉम में 2500 रुपये तक फीस बढ़ सकती है। फिलहाल 1400 से 2530 के बीच फीस ली जा रही है।

एनएसयूआइ, सोई व अन्य कई संगठनों ने खोला पीयू के खिलाफ मोर्चा

मीटिंग से ठीक पहले बहुत से स्टूडेंट्स संगठनों ने फीस बढ़ोतरी की आशंका को देखते हुए प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। कांग्रेस का स्टूडेंट संगठन एनएसयूआइ, शिरोमणि अकाली दल का स्टूडेंट विंग सोई (स्टूडेंट आर्गेनाइजेशन आफ इंडिया) व अन्य कई स्टूडेंट संगठन इसके विरोध में उतर गए हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी ने यूनिवर्सिटी में फीस बढ़ोतरी को लेकर थिंक टैंक का गठन किया था। ये थिंक टैंक बीते साल से फीस में बड़ी बढ़ोतरी का पक्षधर रहा है हालांकि सीनेट व सिंडीकेट ने इसकी प्रस्तावित फीस बढ़ोतरी को दरकिनार करते हुए महज 5 प्रतिशत फीस बढ़ोतरी को ही स्वीकृति दी थी। इस बार भी थिंक टैंक चाहता है कि 25 से 30 प्रतिशत तक की फीस बढ़ोतरी हो। खासतौर से सेल्फ फाइनेंस कोर्सो में। इस प्रस्ताव के खिलाफ स्टूडेंट संगठन मोर्चे पर उतर आए हैं। एनएसयूआइ नेता मनोज लुबाणा ने कहा है कि यूजीसी व केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय पीयू को उसका पूरा बजट नहीं दे पा रहा है और फीस बढ़ाने के हथकंडे अपनाकर स्टूडेंट्स पर बोझ डालने की साजिश की जा रही है जिसे किसी भी स्तर पर सहन नहीं किया जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो यूनिवर्सिटी को खुलने नहीं दिया जाएगा। हड़ताल के विकल्प के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। आज सिंडिकेट मीटिंग से पहले इसका विरोध भी किया गया। उधर सोई संगठन के नेता विक्की मिड्डूखेड़ा की दलील है कि फीस बढ़ाना सही विकल्प नहीं है। इस बाबत केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के मंत्री प्रकाश जावेड़कर से बात की जाएगी और फीस बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर रोक लगाने को कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि पीयू की ग्रांट जल्द जारी करने को कहा जाएगा।

पहले भी थिंक टैंक ने फीस बढ़ाने का दिया था प्रस्ताव

सिंडीकेट की मीटिंग में भी फीस बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर आज चर्चा हुई। इस पर कोई रजामंदी तो नहीं बनी लेकिन इतना जरूर तय हुआ कि कुछ न कुछ फीस बढ़ोतरी तो हर साल करनी पड़ेगी, जिससे पीयू को घाटे से उबारा जा सके। न तो केंद्र सरकार और न ही पंजाब सरकार की ओर से पीयू को पूरी ग्रांट मिल पा रही है। पीयू प्रशासन ने अपने स्तर पर हर प्रयास कर लिए हैं लेकिन ग्रांट पूरी नहीं की जा रही। पीयू को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। फैकल्टी की सेलरी देनी मुश्किल हो रही है। एफडी तुड़वाकर सेलरी दी जा रही है। अगर जल्द ही कोई बंदोबस्त न किया गया तो पूरा आर्थिक ढांचा फेल हो जाएगा। वैसे 24 जुलाई को होने जा रही सीनेट में भी इस प्रस्ताव पर मुहर न लग पाने की पूरी उम्मीद है। अगर फीस बढ़ी भी तो बहुत मामूली यानी 5 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। बीते साल भी महज 5 प्रतिशत फीस बढ़ाने पर रजामंदी बनी थी।

घपले की रिपोर्ट पर सवाल?

सीनेट की बैठक में एफडीओ बिक्रम नैयर के पूजा बग्गा मामले में पाक दामन साफ होने को लेकर भी सवाल उठेंगे। सिंडिकेट में भी इससे संबंधित रिपोर्ट आई। इस पर खूब बहस हुई। कई सिंडिकेट व सीनेट सदस्यों ने कहा कि आखिर इतने बड़े घोटाले में अधिकारियों ने क्या आंखें बंद कर रखी थी?


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