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फार्मेसी एक्ट की धज्जियां उड़ाने वालों की खैर नहीं

जागरण संवाददाता, पंचकूला : हरियाणा स्टेट फार्मेसी काउंसिल के चेयरमैन केसी गोयल ने कहा है कि देश में

By Edited By: Published: Sat, 02 Jul 2016 06:04 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2016 06:04 PM (IST)
फार्मेसी एक्ट की धज्जियां उड़ाने वालों की खैर नहीं

जागरण संवाददाता, पंचकूला : हरियाणा स्टेट फार्मेसी काउंसिल के चेयरमैन केसी गोयल ने कहा है कि देश में कहीं पर फार्मेसी एक्ट के तहत हमारे देश में रजिस्टर्ड के अलावा कोई भी व्यक्ति किसी भी मरीज को ऐलोपैथिक दवा नहीं बेच सकता। एक कार्यक्रम में केसी गोयल ने कहा कि औषधि नियंत्रक हरियाणा ने 28 दिसंबर 2015 को आदेश जारी करते हुए एफडीए हरियाणा के सभी अधिकारियों को निर्देश जारी किए है कि जिस गांव की आबादी 2500 हो और एक एमबीबीएस डॉक्टर हो, तभी दवा बेचने का लाइसेंस दिया जा सकता है, लेकिन प्रदेश में किसी भी गांव में एक भी एमबीबीएस डॉक्टर नहीं है। दवा बेचने की दुकानें दो से पांच तक हो गई हैं। जो किसी डॉक्टर की पर्ची के बिना ही बिना रोक-टोक दवा बेच रहे है। केसी गोयल ने बताया कि उच्चस्तरीय ऐंटीबायोटिक की बिक्री को नियंत्रित करने के लिए शेड्यूल एच बनाया गया है, इसके अंतर्गत 46 साल्ट दिए गए है, जिनकी बिक्री का रिकॉर्ड तीन साल तक रखना जरूरी है। बगैर किसी डॉक्टर के इनको लिखा नहीं जा सकता। लेकिन पशु चिकित्सा में कार्यरत वीएलडीए बिना किसी रोक टोक के इन दवा को बेचने में लगे हुए है। जो टीके दुधारु पशुओं लगाए जा रहे है, जिनका दूध पीने से जन मानस के शरीर से रोग रोकने की क्षमता समाप्त होती जा रही है। यदि इस पर शीघ्र रोक ना लगाई गई, तो वो दिन दूर नहीं जब छोटी-छोटी बीमारियों का इलाज उच्चस्तरीय एंटीबायोटिक से इलाज संभव नहीं होगा।


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