यूजीसी ने बदले नियम, मोदी के दौरे का विरोध करने का फैसला
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : यूजीसी के कॉलेज प्रोफेसर पर लागू किए गए नए एपीआइ नियम का कड़ा विरोध देख
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ :
यूजीसी के कॉलेज प्रोफेसर पर लागू किए गए नए एपीआइ नियम का कड़ा विरोध देखने को मिल रहा है। वीरवार को चंडीगढ़ टीचर यूनियन ने पंजाब यूनिवर्सिटी में रोष प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में कॉलेजों के प्रोफेसर्स ने भी भाग लिया और इस नियम को हटाने की मांग की। यूनियन के प्रधान प्रो. दिनेश तलवार ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो वह योग दिवस पर इसे लेकर कड़ा आदोलन करेगें। बता दें कि योग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चंडीगढ़ आ रहे हैं।
अब प्रमोशन की राह हुई और कठिन, काम के घंटे भी बढ़े
यूनिवर्सिटी ग्राट कमीशन की ओर से
2016 में तीसरा संशोधन किया गया है। जिसके तहत रेगुलर शिक्षकों के काम के घटे बढ़ा दिए हैं। वहीं, अब शिक्षकों को अपनी प्रमोशन के लिए पीएचडी के अलावा अपने आर्टिकल- रिसर्च आदि पब्लिश कराना उन जर्नलों में अनिवार्य हो जाएगा जिन जर्नलों और पब्लिशर्स की लिस्ट यूजीसी तय करेगा। पहले ऐसी बाध्यता नहीं थी। इतना ही नहीं नए प्रावधान ने अनुसार अब शिक्षकों की प्रमोशन के लिए पहले छात्रों से फीडबैक ली जाएगी।
शिक्षकों ने जताया एतराज
प्रो. दिनेश तलवार ने कहा कि यूजीसी द्वारा शिक्षकों के काम करने की समय अवधि को तो बढ़ा दिया है लेकिन यदि शिक्षक 24 घटे शिक्षण को ही देगें तो वह अपना रिसर्च वर्क कब करेंगे? इस एपीआई से न सिर्फ शिक्षकों पर बोझ पड़ेगा बल्कि काट्रैक्ट पर काम करने वाले शिक्षकों की नौकरी पर भी संकट बढ़ गया है।
स्मृति ईरानी ने कहा था-सब ठीक हो जाएगा लेकिन और बिगाड़ दिया
पंजाब एंड चंडीगढ़ कॉलेज टीचर्स यूनियन के जनरल सेक्रेटरी डॉ. जगवंत सिंह का कहना है कि यूजीसी रेगुलेशन 2016 में किया गया तीसरा संशोधन पुरी तरह से गैरकानूनी है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने एपीआइ को ठीक करने का आश्वासन दिया था, लेकिन उन्होंने तो पहले से भी ज्यादा गड़बड़ कर दी।
जून में होगी राष्ट्रीय स्तर की चर्चा
डॉ. जगवंत ने बताया कि इस नियम के विरोध में 25 और 26 जून को देहरादून में ऑल इडिया फेडरेशन की बैठक आयोजित की जाएगी। जिसमें आगामी रणनीति पर चर्चा होगी।